दिल्ली पुलिस के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की स्पेशल स्टाफ टीम ने करोल बाग इलाके में प्रीमियम सैमसंग मोबाइल की नकली असेंबली और बिक्री के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफ़ाश किया है। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 512 नकली प्रीमियम सैमसंग मोबाइल फ़ोन समेत बड़ी मात्रा में मोबाइल पार्ट्स ज़ब्त किए हैं। दिल्ली पुलिस की तरफ़ से रविवार (21 दिसंबर) को जारी एक प्रेस नोट के मुताबिक, यह गैंग चीन से इंपोर्ट किए गए स्पेयर पार्ट्स का इस्तेमाल करके सैमसंग के अल्ट्रा, फोल्ड और फ्लिप जैसे हाई-एंड मॉडल बना रहा था। इन मोबाइल पर नकली IMEI नंबर और ‘मेड इन वियतनाम’ लिखे स्टिकर लगाकर, उन्हें ब्रांडेड बताकर बाज़ार में 35-40 हज़ार रुपये में बेचा जा रहा था।
पुलिस ने यह कार्रवाई 13 दिसंबर, 2025 को एक सीक्रेट जानकारी के आधार पर की थी। पुलिस को जानकारी मिली थी कि करोल बाग के बिडनपुरा की एक दुकान से चोरी के मोबाइल खरीदकर और चीन से इंपोर्ट किए गए स्पेयर पार्ट्स का इस्तेमाल करके नए जैसे दिखने वाले प्रीमियम मोबाइल बनाए जा रहे हैं। इन फोन में पुराने मदरबोर्ड, नकली IMEI लगाकर उन्हें नए बताकर खुले बाजार में बेचा जा रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए इंस्पेक्टर रोहित कुमार की लीडरशिप में एक स्पेशल टीम बनाई गई।
इस टीम में कई सब-इंस्पेक्टर, ASI, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल थे। पूरा ऑपरेशन ACP ऑपरेशन सुलेखा जगरवार, IPS की देखरेख में किया गया। टीम ने 1 और 14 दिसंबर की रात को दुकान पर छापा मारा और चार आरोपियों को मोबाइल असेंबल करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपियों की पहचान हकीम, मेहताब अहमद अंसारी, रवि आहूजा और राहुल के रूप में हुई है।
दुकान की तलाशी के दौरान, 512 पूरी तरह और कुछ हद तक बने हुए प्रीमियम सैमसंग मोबाइल फोन, 124 मदरबोर्ड, 138 बैटरी, 459 नकली IMEI लेबल, मोबाइल बॉक्स, सैकड़ों एक्सेसरीज़ और असेंबली के लिए इस्तेमाल होने वाले खास टूल मिले। पूछताछ के दौरान, आरोपी इन चीज़ों के बारे में संतोषजनक जानकारी नहीं दे पाए। इसके बाद करोल बाग पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया और चारों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस की गहरी जांच में पता चला कि 36 साल का हकीम, सिर्फ़ आठवीं क्लास तक पढ़ा होने के बावजूद, पूरे नेटवर्क को ऑर्गनाइज़्ड तरीके से चला रहा था।
वह चीन से कैमरा, बॉडी फ्रेम, स्पीकर, बैक ग्लास और मदरबोर्ड जैसे पार्ट्स मंगाता था और अपने साथियों की मदद से हाई-डिमांड वाले सैमसंग मोबाइल बनाकर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचकर भारी मुनाफ़ा कमा रहा था। पुलिस अब इस नेटवर्क की सप्लाई चेन, कस्टमर और दूसरे जुड़े हुए लोगों की पहचान करने में लगी हुई है, ताकि नकली प्रीमियम मोबाइल की गैर-कानूनी असेंबली और बिक्री में शामिल पूरे गैंग का पर्दाफाश किया जा सके।
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