तेज हवाओं के कारण घाटकोपर एक्सप्रेसवे पर एक विशाल बिलबोर्ड गिरने से अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है| इस विशालकाय बोर्ड को हटाने का अभियान पिछले 40 घंटे से अधिक समय से युद्ध स्तर पर चल रहा है और संभव है कि इसके नीचे और भी लोग फंसे हों| एनडीआरएफ के सहायक कमांडर निखिल मुधोलकर ने आज इस संबंध में मीडिया को जानकारी दी|
गिरे हुए विशालकाय पैनल को हटाने का काम अभी भी जारी है. पास में पेट्रोल पंप होने के कारण बोर्ड काटने पर प्रतिबंध था। साथ ही भूमिगत ईंधन टैंक के कारण गैस कटर का उपयोग नहीं किया जा सका। साथ ही, होर्डिंग गिरने के बाद पास में मौजूद पेट्रोल पंप चालक भी भाग गया|इसलिए इस पेट्रोल पंप पर कितना पेट्रोल है, भूमिगत टैंक में पेट्रोल है या नहीं, इसकी जानकारी तुरंत मिल पाना संभव नहीं था.इसलिए नगर निगम प्रशासन ने बीपीसीएल के मुख्य वितरक को फोन कर यह जानकारी ली. भूमिगत टैंक में पेट्रोल ख़त्म हो गया था। तब यहां गैस कटर का प्रयोग किया जाता था।
“पहले ग्लाइडर को गैस कटर का उपयोग करके काटा जाता है।अब दूसरे ग्लाइडर को काटने की प्रक्रिया चल रही है| ग्लाइडर के नीचे दो से तीन चार कारें फंसी हुई हैं|इसलिए संभावना है कि कोई उस कार में फंस गया हो|हमारी टीम एक कार के पास पहुंची|एनडीआरएफ के सहायक कमांडर निखिल मुधोलकर ने कहा,”संभव है कि कुछ लोग इसमें फंसे हों।”
यह रेलवे पुलिस प्रशासन के परिसर में एक पेट्रोल पंप है और वहां एक विज्ञापन बोर्ड लगाया गया था। पुलिस उपायुक्त, सर्कल 7, पुरूषोत्तम कराड ने बताया कि जांच में पता चला कि बोर्ड अनधिकृत था, तो पंतनगर पुलिस ने बोर्ड लगाने वाले भावेश भिंडे और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और पुलिस द्वारा राहत कार्य मंगलवार को शुरू हुआ। पैनलों को हटाने के लिए रातों-रात बड़ी क्रेनें मंगाई गईं।
यह भी पढ़ें-
घाटकोपर होर्डिंग कांड: भावेश भिंडे कौन है? लिम्का बुक में क्यों दर्ज किया गया?