पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के पालघर जिले से डॉ. मुहम्मद साद को हिंदुओं की बेज्जती करने और हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए गिरफ्तार किया गया। आरोपीत डॉ. साद ने कथित तौर पर सोशल मीडिया अकाउंट से रामगिरी महाराज का फोटो अपलोड कर ‘सर तन से जुदा’ करने की धमकी दी।
दरसल मामला नाशिक के संत रामगिरी महाराज ने इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी के कुछ सप्ताह बाद हुआ है। 16 अगस्त को नासिक के सिन्नर क्षेत्र के पंचाले गांव में एक उपदेश के दौरान संत रामगिरि महाराज ने कहा था कि कई इस्लामवादियों ने अपने धार्मिक सिद्धांतों के कारण अतीत में महिलाओं का अपमान किया है।
संत रामगिरी महाराज के कथा के बाद मुस्लिम समुदाय ने देशभर में प्रदर्शन किए, साथ ही अनेकों जगहों पर भीड़ ने ‘सर तन से जुदा’ के नफरती नारे भी लगाए थे। रामगिरी महाराज के खिलाफ किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर शब्द कहने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता की धारा 302 के तहत भी एफआईआर दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता रफेहसन अली खान ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ हिंदू संत की कथित अपमानजनक टिप्पणी से राज्य में सांप्रदायिक अराजकता पैदा हो सकती है।
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लेकिन इस एफआईआर के बाद मामला ठंडा नहीं हुआ है। सोशल मिडिया पर मुस्लिम यूजर अब भी रामगिरी महाराज के पिछे पड़ें है। वहीं पालघर के डॉ. मुहम्मद साद ने कथित सोशल मीडिया अकाउंट पर रामगिरी महाराज की फोटो डालते हुए लिखा, “गोमूत्र पीने वाले और गोबर खाने वाले हमारे खुदा के बारे में बात करने के लायक नहीं हैं। जो कोई भी ऐसा करेगा उसे सर तन से जुदा सज़ा दी जाएगी।”
जानकारी के अनुसार यह गिरफ्तारी राजेश पाल नामक एक व्यक्ति द्वारा दायर शिकायत के परिणामस्वरूप हुई। बता दें की, मुस्लिम समुदाय के चौतरफ़ा कोशिशों के बावजूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रामगिरी महाराज का पक्ष लेते हुए कहा था की महाराष्ट्र में संतो को नुकसान पहुंचाने का सोचने की हिम्मत नहीं करेगा।