बांबे हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार के आरोप को रद्द करने का अनुरोध करते हुए अदालत में दायर याचिका के साथ आपत्तिजनक तस्वीरें संलग्न करने वाले वकील पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति एस. एम. मोदक की खंडपीठ ने कहा कि याचिका के साथ ‘‘काफी आपत्तिजनक’’ तस्वीरों को संलग्न करते समय याचिकाकर्ता के वकील ने अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया।
अदालत ने यह आदेश सात अक्टूबर को जारी किया था, जिसकी प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई। अदालत आरोपी व्यक्ति की पत्नी द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने बलात्कार के मामले में अपने पति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और आरोपपत्र रद्द करने का अनुरोध किया था। याचिका के साथ कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें भी संलग्न की गईं थी। अदालत ने कहा, ‘‘ वकीलों ने इस बात का ध्यान नहीं रखा कि ये याचिकाएं रजिस्ट्री के समक्ष दायर या रखी जाती हैं और यह विभिन्न विभागों के पास जाती है तथा तस्वीरों में मौजूद पक्षों की पहचान उजागर हो सकती है।’’
खंडपीठ ने कहा कि ऐसी तस्वीरों को संलग्न करना पक्षों की निजता का हनन है और अधिवक्ता को निर्देश दिया कि वह इसे याचिका की प्रति से तुरंत हटाए। अदालत ने कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि सभी अधिवक्ता ऐसी बेहद आपत्तिजनक तस्वीरें याचिका के साथ संलग्न करते समय विवेक का इस्तेमाल करेंगे। खंडपीठ ने कहा, ‘‘ अधिवक्ता के उक्त आचरण के लिए हम उसे दो सप्ताह के भीतर ‘किरीटीकर लॉ लाइब्रेरी’ में 25,000 रुपये जमा करने का निर्देश देते हैं।’’
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