अहमदनगर। अहमदनगर जिले की नेवासा तहसील में लव जेहाद की घटना से पूरा जिला दहल उठा है। यहां के चांदा इलाके में रहने वाली एक दलित नाबालिग लड़की के परिवारजनों का आरोप है कि उसे अगवा कर लिया है। जिले में महीने भर के भीतर लव जिहाद का यह दूसरा मामला है। इससे पहले लव जिहाद की घटना श्रीरामपुर में सामने आई थी। दोनों ही मामलों में दलित परिवार की नाबालिग लड़कियों को कथित तौर पर बहला-फुसलाकर ले जाया गया। इस घटना को हुए 15 बीत चुके हैं, फिर भी अभी तक लड़की का कुछ पता नहीं चल पाया है। स्थानीय लोगों में यह सवाल सरगर्म है कि कहीं इस मामले में पुलिस पर कोई सरकारी दबाव तो नहीं आ रहा ?
किडनैप कर बेचने की आशंका
परिजनों का आरोप है कि सूरज लतीफ शेख नाम के युवक ने उसकी बेटी का अपहरण कर लिया। शिकायत में यह भी कहा गया है कि सूरज के परिवारजनों ने इस काम में उसकी मदद की। परिवारजनों को आशंका है कि उनकी बेटी का अपहरण कर उसे बेच दिया गया है।
साथ ले गई है नकदी और जेवरात
लापता लड़की का नाम नेहा आढाव है। 14 अगस्त को नेहा अपने घर से अचानक लापता हो गई थी। उसके परिवारजनों ने जब देखा कि नेहा शाम करीब साढ़े 6 बजे तक घर नहीं आई, तब उन्होंने नेहा को खोजने की खूब कोशिश की। लेकिन वह कहीं नहीं मिली। आखिरकार, उसके परिवारजनों ने स्थानीय सोनाई पुलिस स्टेशन में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में यह भी लिखाया कि नेहा घर से जाते वक्त 70 से 80 हजार रुपए और 3 तोला वजन के सोने के जेवर भी ले गई है।
लड़के का बाप बोला- पुलिस स्टेशन मैनेज
नेहा के परिवार को शक है कि नेहा का अपहरण यहीं के निवासी लतीफ शेख के बेटे सूरज ने किया है। लतीफ शेख से इस बारे में पूछने और नेहा को ढूंढने की कोशिश के तहत नेहा के परिवारजनों की उससे बहस हो गई थी। तब लतीफ शेख ने कहा था कि ‘मैंने पुलिस स्टेशन को मैनेज कर लिया है। नेहा के परिवारजनों की ओर से आशंका जताई जा रही है कि कहीं लतीफ शेख और उनके तीन बच्चे उनकी बेटी के साथ बदसलूकी न करें।
कोई सरकारी दबाव?
मामले की शिकायत अहमदनगर जिले के जिस सोनाई पुलिस स्टेशन में की गई है, वहां की पुलिस पर सहयोग न करने का आरोप लगाया जा रहा है। पता चला है कि पुलिस ने शिकायत में सूरज शेख के नाम का जिक्र तक नहीं किया है, जबकि पीड़ित परिवारजनों ने पक्के संदेह के आधार पर नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अब इन हालात में स्थानीय लोगों में यह सवाल सरगर्म है कि कहीं इस मामले में पुलिस पर कोई सरकारी दबाव तो नहीं आ रहा ?