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Monday, October 14, 2024
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‘अनुच्छेद 370 और 35A’ को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फरेंस पाकिस्तान के साथ ?

कांग्रेस और उसकी साथी पार्टियां अगर जम्मू कश्मीर में अपनी सत्ता बनाने में कामयाब हो भी जाती है तो भी जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 तहत विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकते...

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जम्मू-कश्मीर के चुनावों में अनुच्छेद 370 और 35 को हटाए जाने और उसकी बहाली को लेकर मुद्दा बना हुआ है। कांग्रेस के साथ गठबंधन में उमर अब्दुल्ला की नॅशनल कॉन्फरेंस पार्टी इस मुद्दे का चुनाव में जोर शोर से प्रचार करने में लगी है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इस मुद्दे पर बयान से बच रही है। लेकिन कांग्रेस ने घोषणापत्र में जम्मु-कश्मीर को  अपने घोषणापत्र में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है। दरम्यान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तानी मीडिया में इशारा दिया है की जम्मू कश्मीर में 370 लागु करने को लेकर नॅशनल कॉन्फरेंस, कांग्रेस और पाकिस्तान एक जैसे विचार रखते है।

पाकिस्तान की नॅशनल मीडिया कंपनी जिओ न्यूज़ पर अपने इंटरव्यू के दौरान पत्रकार हामिद मीर ने ख्वाजा आसिफ से सवाल किया था, ‘शेख अब्दुल्ला और नेहरू ने 370 और 35A तय किया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस इलेक्शन में कह रही हैं कि अगर हम जीत गए तो 35 ए और 370 की सस्पेंशन को खत्म कर देंगे। आपको लगता है ये मुमकीन है?’ पाकिस्तानी रक्षामंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों की ही महत्वपूर्ण मौजूदगी है। बहुत चांस है कि वह पावर में आएं। उन्होंने इसे इलेक्शन का मुद्दा बनाया हुआ है।’ इसके बाद हामिद मीर ने पूछा, ‘क्या हम यह कह सकते हैं कि आज पाकिस्तान की सरकार और भारत की कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस एक पेज पर हैं?’ इसे लेकर ख्वाजा आसिफ ने कहा, ‘इस मुद्दे (अनुच्छेद 370) पर, बिल्कुल। हमारी भी यही डिमांड रही है कि कश्मीर का स्टेटस रीस्टोर किया जाए।’

पाकिस्तानी रक्षामंत्री और भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस अगर किसी मुद्दे पर एकमत है, और वो मुद्दा देश की सुरक्षा और कश्मीर जैसे संवेदनशील राज्य से जुड़ा हो तो सियासती भूचाल आना तय है। ऐसे में भाजपा समर्थकों ने कांग्रेस के तुष्टिकरण और चुनावी नीति पर हमले करना शुरू किया है। कांग्रेस की अनुच्छेद 370 पर चुप्पी कांग्रेस का उनकी साथी नॅशनल कॉन्फरेंस को 370 फिर से लागू करने के मुद्दे को लेकर समर्थन दर्शाती है।

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आप को बता दें, कांग्रेस और उसकी साथी पार्टियां अगर जम्मू कश्मीर में अपनी सत्ता बनाने में कामयाब हो भी जाती है तो भी जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 तहत विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकते। साथ ही लोकसभा में अल्पमत की कांग्रेस भी जम्मू-कश्मीर को संपूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने में असमर्थ होगी।

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