पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त अब्दुल्ला को बीएसएफ द्वारा एनकाउंटर करने की खबर सामने आरही है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस दल (CAPF) ने बताया है की बीएसएफ जवानों को आत्मरक्षा के लिए फायर करना पड़ा जिसमें तस्कर की गोली लगने से मौत हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार तस्करों ने 11-12 अगस्त की रात को बीएसएफ की दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की 115 बटालियन की चाँदनीचोक बॉर्डर चौकी पर हमला किया। जिसकी जवाबी फायर में बांग्लादेशी तस्कर अब्दुल्ला की मौत हुई है।
जांच के अनुसार अब्दुल्ला बांग्लादेश के सीमावर्ती जिला चंपईनवाबगंज के ऋषीपारा गांव से था, जो की बांग्लादेश सिमा से केवल 4.5 किलोमीटर अंदर है। बीएसएफ ने बताया है की, तस्कर बांग्लादेश का बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड का सुरक्षा घेरा लांघकर भारत की सिमा में बीड़ी के पत्तों की तस्करी करने के हेतु से भारत कि सीमा में घुसा था। बीएसएफ ने हमलावर तस्कर के पास से प्रतिबंधित वस्तु और तेज धार के हथियार पाए है।
बीएसएफ की रिपोर्ट के अनुसार, चांदनीचोक सीमा चौकी पर दूसरी शिफ्ट के दौरान एक जवान ने पीएनवीबी की मदद से 5-6 लोगों को अपने सिर पर सामान रखकर भारत से बांग्लादेश की ओर जाते देखा। जवान तेजी से आगे बढ़े और तस्करों को रोकने के लिए ललकारा। इस चुनौती को नजरअंदाज करते हुए तस्कर घास में छिपे 5-6 हमलावरों के एक समूह ने जवान पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। अपनी जान के डर से जवान ने आत्मरक्षा में तस्करों पर एक राउंड गोली चलाई, गोलीबारी के बावजूद तस्कर बांग्लादेश की ओर बढ़ते रहे।
दूसरे जवान ने हमलावरों को चुनौती दी, जिन्होंने जंगल और अंधेरे का फायदा उठाकर उस पर भी हमला किया, इसमें कहा गया, “दूसरे जवान को भी खतरा महसूस हो रहा था, उसने आत्मरक्षा में एक और गोली चलाई। गोलीबारी के बाद सभी हमलावर अंधेरे और जंगल का फायदा उठाकर वापस भारतीय सीमा की ओर भाग गये। गश्त पर मौजूद कंपनी कमांडर तुरंत मौके पर पहुंचे और जवानों के साथ इलाके की तलाशी ली। उनके पास से छह बंडल बीड़ी पत्ता जब्त किया गया और एक बांग्लादेशी तस्कर घायल अवस्था में जंगल में मिला, उसे मुर्शिदाबाद के महेसिल के एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।”
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