मथुरा में साइबर ठगी के गढ़ पर बड़ी कार्रवाई, चार गांवों की घेराबंदी कर 42 आरोपी गिरफ्तार

मथुरा में साइबर ठगी के गढ़ पर बड़ी कार्रवाई, चार गांवों की घेराबंदी कर 42 आरोपी गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस ने बड़ी और सुनियोजित कार्रवाई करते हुए गोवर्धन क्षेत्र के चार गांव देवरसरस, मनुसरस, दौलतपुर और नगला तातिया में एक साथ छापेमारी की। गुरुवार (11 दिसंबर) को हुई इस कार्रवाई में 42 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें आठ के खिलाफ पहले से आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज है। पुलिस का कहना है कि इन गांवों से संचालित साइबर ठगी का तरीका झारखंड के कुख्यात जामताड़ा मॉडल से मिलता-जुलता है।

इस बड़े ऑपरेशन में करीब 300 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। कार्रवाई का नेतृत्व 4 डीएसपी, 4 सर्किल ऑफिसर और 26 इंस्पेक्टर ने किया। मथुरा के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सुरेश चंद्र रावत के अनुसार, पुलिस को गोवर्धन क्षेत्र के इन चार गांवों से बार-बार साइबर फ्रॉड की शिकायतें मिल रही थीं, जिनमें फोन कॉल्स के जरिए लोगों को ठगा जा रहा था।

एसपी (ग्रामीण) सुरेश चंद्र रावत ने बताया, “एक ऑपरेशन की योजना बनाई गई और 300 सदस्यीय पुलिस टीम 4 अतिरिक्त एसपी, 4 सर्किल ऑफिसर और 26 पुलिस इंस्पेक्टरों के नेतृत्व में दो हिस्सों में बांटी गई। गुरुवार सुबह 5 बजे गोवर्धन क्षेत्र के चार गांवों देवरसरस, मनुसरस, दौलतपुर और नगला तातिया के प्रवेश और निकास मार्ग सील कर तलाशी अभियान शुरू किया गया।”

उन्होंने आगे कहा, “दिन भर चले ऑपरेशन में कुल 42 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से आठ का आपराधिक इतिहास है। साइबर पुलिस टीमें और स्थानीय थानों का बल आवश्यक उपकरणों के साथ तलाशी जारी रखे हुए हैं, ताकि साइबर ठगी में इस्तेमाल हो रहे मोबाइल फोन और सिम कार्ड को ट्रेस किया जा सके।”

पुलिस के अनुसार, इन गांवों से कॉल करने वाले ठग अक्सर लोगों को फाइल डाउनलोड करने, फिर क्रेडिट कार्ड और बैंक खातों की जानकारी साझा करने के लिए कहते थे। शुरुआती जांच में सामने आया है कि ठगी के लिए बड़ी संख्या में मोबाइल फोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था।

तलाशी के दौरान पुलिस ने मोबाइल फोन, सिम कार्ड और आधार कार्ड सहित बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। जब्त किए गए सिम कार्ड्स की फॉरेंसिक जांच की जा रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल तो नहीं किया गया।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य केवल गिरफ्तारियां नहीं, बल्कि पूरे साइबर ठगी नेटवर्क को जड़ से तोड़ना है। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस रैकेट के तार किन-किन राज्यों या अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। मथुरा पुलिस ने संकेत दिया है कि पूछताछ के आधार पर आगे और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

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