21 जून को केरल के वडकरा और माहे के दरम्यान कई घंटों तक रेलवे सिग्नल में दिक्कत रही। केरल में रेलवे के इन सिग्नलों में आने वाली लगातार खराबी के बाद RPF हरकत में आयी। RPF ने निरीक्षण किया, जिसमें रेलवे पटरियों के पास छानबीन में पता चला की सिग्नल के केबल काटे जा रहे थे। इसी खोजबिन के दरम्यान मुनव्वर अली रेल पटरी के पास नज़र आया, जिसने शुरुआत में किसी भी बात को मानने या बताने से इंकार किया। पुलिस ने जब छानबीन की तो उसके पास से रेलवे सिग्नल के केबल का टुकड़ा बैग में मिला।
उन दोनों की पूछताछ से पता चला, मुनव्वर अली(37) और अब्बास अली(47) आसाम से है,जो केरल में भंगार की खरीदी बिक्री का धंदा चलाते है। दोनों आरोपियों ने केरल में आने के बाद वडकरा के परवंथला में अपना बिजनेस शुरू किया था। पुलिस की छानबिन में यह भी पता चला है की अब्बास अली भंगार के साथ खेती से जुड़े व्यवसाय भी करता है।
पुलिस ने जब इन दोनों की दुकान की तलाशी ली तो वहां से 12 मीटर लम्बी रेलवे सिग्नल की केबल और लोहा काटने की आरी बरामद की गई। दरसल 21 जून को मुनव्वर ने ही पुड़वन गेट के पास जाकर रेलवे सिग्नल की केबल काटी थी, जिससे वडकरा और माहे के बीच कई घंटो तक अनियमितता बनी और 10 ट्रेनों को कैंसल करना पड़ा।
पुलिस को इनके पास से केबल और आरी बरामद करने के बाद दोनों ने अपना गुनाह भी काबुल कर लिया है। ऐसे विषय और प्रसंग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर होते है। रेलवे के सिग्नल सिस्टम में इस तरह की अड़चन आने की वजह से गंभीर ट्रेन दुर्घटना भी हो सकते है। प्रवासियों की सुरक्षित यात्रा के लिए रेलवे विभाग और आरपीएफ का सतर्क होना जरुरी है। साथ ही बड़े लेवल पर दुर्घटना का ISIS जैसी जिहादी संगठनों एवं इस्लामिक आतंकवाद का यह पुराना मॉडल रहा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
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