शिव संग्राम नेता विनायक मेटे का आज रविवार को आकस्मिक निधन हो गया है। सुबह 5.20 बजे मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर भटन टनल के पास उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। उन्हें तत्काल मदद नहीं मिली। वह एक घंटे तक मौके पर पड़े रहे। बाद में सुबह उन्हें पनवेल के एमजीएम ( महात्मा गांधी मेमोरियल) अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से राज्य के राजनीतिक गलियारों में मातम सा छा गया है।
विनायक मेटे के कार को बाईं ओर से एक कार ने टक्कर मार दी। जिसके बाद उनकी कार ट्रक में फंस गई और कुछ दूर घिसती रही। ड्राइवर एकनाथ ने बताया कि घटना होने के बाद उन्होंने 100 नंबर पर पुलिस को फोन किया, लेकिन जल्दी मदद नहीं मिली। उनके ड्राइवर का आरोप है कि करीब एक घंटे बाद हमें मदद मिली। उसके सिर पर काफी गहरी चोट आई है। सुबह 6.20 बजे जब उन्हें अस्पताल लाया गया तो उनकी जांच की गई, लेकिन उन्होंने तुरंत दम तोड़ दिया। हादसे में उनकी कार का चालक और एक पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए।
उन्होंने मराठा आरक्षण के लिए बहुत योगदान दिया। मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने और समाज के वंचित तबकों के लिए कई वर्षों तक उन्होंने लगातार आंदोलन के माध्यम से योगदान दिया था। विनायक मेटे के दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, मंत्री चंद्रकांत पाटिल समेत कई नेताओं ने शोक जताया है।
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