नई दिल्ली। तीन भड़ोगे नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या पर शिकंजा कसता जा रहा है। जहां एक ओर बुधवार को ईडी ने तीनों की 9371.17 करोड़ की संपत्ति को सरकारी बैंकों को ट्रांसफर कर दिया। वहीं दूसरी ओर नीरव मोदी को यूके की कोर्ट ने जोरदार झटका दिया है।इस झटके के बाद नीरव मोदी को अब भारत लौटना ही पड़ेगा, क्योंकि यूके हाईकोर्ट ने उसके भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया।
बता दें कि नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक को 14,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का गबन करने का आरोप है। आरोप लगने के बाद से ही नीरव मोदी भारत भाग गया। पिछले महीने लंदन हाईकोर्ट में भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ एक अपील दायर की थी। 15, अप्रैल 2021 को यूके की गृह सचिव प्रीति पटेल ने आदेश दिया था कि 50 साल के नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाए। 19 मार्च, 2019 को लंदन में गिरफ्तार किये जाने के बाद से ही नीरव मोदी वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद नीरव मोदी 1 जनवरी, 2018 को भारत छोड़ कर फरार हो गया था। ट्रायल कोर्ट ने नीरव के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया था। जून 2018 में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था। यूके पुलिस ने नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था। उसने जमानत के लिए कई बार अर्जी दी लेकिन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट और हाईकोर्ट ने बार-बार उसकी अर्जी खारिज कर दी। बता दें कि बुधवार को ही प्रवर्तन निदेशालय ने ट्वीट कर बताया कि ईडी ने न केवल पीएमएलए के तहत विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में 18,170.02 करोड़ (बैंकों को कुल नुकसान का 80.45%) रुपये की संपत्ति को जब्त किया है, बल्कि 9371.17 करोड़ की कीमत वाली संपत्ति को सरकारी बैंकों को ट्रांसफर भी किया है। बता दें कि भारतीय हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी डोमिनिका की जेल में बंद है। वह एंटीगुआ का नागरिकता लिया हुआ है। कुछ समय पहले वह एंटीगुआ से गायब हो गया था। इसी संबंध में एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा है कि यह चर्चा है कि मेहुल चोकसी की किडनैपिंग की गई है। मंगलवार को संसद की कार्यवाही में प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा, ‘स्पीकर महोदय, मुझे सबूतों की जानकारी नहीं है ,मगर यह जानकारी पब्लिक डोमेन में है कि मेहुल चोकसी का अपहरण कर लिया गया था।’