भारतीय सेना के ऑपरेशन महादेव ने सोमवार (28 जुलाई)को जम्मू-कश्मीर के दाचीगाम जंगल में तीन आतंकियों को ढेर कर एक बड़ी सफलता हासिल की। मारे गए आतंकियों में 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा का नाम भी शामिल है। इस ऑपरेशन को सफल बनाने में एक चीनी रेडियो कम्युनिकेशन डिवाइस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सुरक्षा एजेंसियों को दो दिन पहले एक चीनी अल्ट्रा रेडियो कम्युनिकेशन डिवाइस से सिग्नल मिला, जिससे आतंकियों की लोकेशन ट्रैक हो सकी। ये वही रेडियो डिवाइस था जिसे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी एन्क्रिप्टेड संदेशों के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसी के ज़रिए आतंकियों ने पहलगाम हमले की योजना बनाई थी। स्थानीय खानाबादशों से मिले इनपुट्स की मदद से सुरक्षा बलों ने दाचीगाम के जंगलों में सटीक लोकेशन को चिन्हित किया। इसके बाद भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टुकड़ियों ने महादेव हिल की चढ़ाई कर आतंकियों को घेर लिया।
सोमवार सुबह 11:30 बजे आतंकियों को चारों ओर से घेर लिया गया। आतंकियों के नींद में होने का फायदा उठाते हुए ऑपरेशन मात्र तीन घंटे में पूरा कर लिया गया। 45 मिनट बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया और दोपहर 12:45 तक तीनों शव बरामद कर लिए गए। मारे गए आतंकियों की पहचान हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान, यासिर और अबू हमज़ा के रूप में हुई, जो सभी पाकिस्तानी नागरिक थे और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे।
घटनास्थल से अमेरिकी कार्बाइन, एक AK-47, 17 राइफल ग्रेनेड और अन्य हथियार बरामद किए गए। इसके अलावा खाने-पीने का सामान और बर्तन भी बरामद हुए, जिससे संकेत मिलता है कि आतंकी लंबे समय तक वहां रुकने की तैयारी में थे और एक और बड़ी साजिश रच रहे थे।
पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों के परिजनों ने इस ऑपरेशन पर संतोष जताया। विकास कुमरावत, जिनके भाई इस हमले में मारे गए थे, ने कहा, “हम लंबे समय से सोच रहे थे कि इन आतंकियों को कब पकड़ा जाएगा। अब हमें कुछ हद तक सुकून मिला है।” भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा, “हमारी सेना और सुरक्षाबलों ने जो साहस दिखाया है, वह बेमिसाल है। उन्हें इसके लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।”
ऑपरेशन को ‘महादेव’ नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह महादेव पीक के निकट हुआ, जो ज़बरवान रेंज का हिस्सा है और धार्मिक व सामरिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कश्मीरी लोककथाओं के अनुसार, महादेव चोटी से होकर भगवान शिव अमरनाथ गुफा तक गए थे, जहां उन्होंने पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ऑपरेशन के लिए सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए कहा, “यह ऑपरेशन कई महीनों से चल रहे साझा प्रयासों का परिणाम है।”
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