22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर इस्लामी आतंकी हमले में जब निर्दोष पर्यटकों के धर्म पूछकर गैर – मुस्लिम पर्यटकों पर गोलियों की बरसात हुई, तब शायद ही किसी ने अंदाजा लगाया होगा कि इस कायरतापूर्ण हमले की कमान पाकिस्तान की सरज़मीं से बैठा एक जाना-पहचाना चेहरा—सैफुल्लाह कसूरी—संभाल रहा है। भारतीय एजेंसियों के अनुसार, यही शख्स इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है।
उर्फ खालिद, सैफुल्लाह कसूरी लश्कर-ए-तैयबा का एक वरिष्ठ और भरोसेमंद फील्ड कमांडर माना जाता है। जानकारी के अनुसार सैफुल्लाह लश्कर संस्थापक हाफिज सईद के संरक्षण में काम करता है। पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) से संचालित यह आतंकी, वर्षों से घाटी में दहशत फैलाने वाली साजिशों का सूत्रधार रहा है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि कसूरी ने कई बार सीमा पार से घुसपैठ और स्थानीय आतंकवादी मॉड्यूल्स की निगरानी की है।
इस बार का हमला—बेसरन घाटी में दोपहर 2:30 बजे के करीब—सामान्य पर्यटकों को लक्ष्य बनाकर किया गया। आतंकियों ने सेना की वर्दी पहने हुए स्थानीय लोगों और विदेशी नागरिकों के धर्म पहचान कर उन्हें गोलियों से भून डाला। प्रारंभिक जांच के मुताबिक, पांच से छह आतंकवादी इस हमले में शामिल थे, जिनमें से कुछ हाल ही में PoK से घाटी में घुसे थे। अधिकारियों का मानना है कि कसूरी ने इस पूरी साजिश को दूर बैठे नियंत्रित किया और पाकिस्तान स्थित अपने साथियों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया।
LeT Deputy Chief Saifullah Kasuri says, 'By Feb 2, 2026, Kashmir will become 'Land of Pure.'🤦
This didn’t happen in 90s when terrorism was at peak,& people sympathizing with 🇵🇰.Now when Kashmir embraces being an integral part of India, Pák must wake up from this daydreaming. pic.twitter.com/inYlNlcJDW
— Fatima Dar (@FatimaDar_jk) February 2, 2025
द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक लश्कर के एक फ्रंट संगठन की भी इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जांच एजेंसियों का कहना है कि कसूरी ही TRF के स्थानीय नेटवर्क की निगरानी करता है और घाटी में आतंकी भर्ती, हथियार पहुंचाना, और हमलों की योजना बनाना उसकी जिम्मेदारी रही है।
सैफुल्लाह कसूरी का नाम पहले भी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा की गई कई खुफिया रिपोर्टों में आ चुका है। वह न सिर्फ रणनीतिक तौर पर बल्कि वैचारिक और लॉजिस्टिक दृष्टिकोण से भी लश्कर की आतंकी मशीनरी का अहम हिस्सा है।
यह हमला न केवल निर्दोषों के जीवन पर, बल्कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा पर भी एक खुली चुनौती है। अब वक्त आ गया है कि कसूरी जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी को उसकी औकात दिखाई जाए। भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम और उसके आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। आसमान से लेकर ज़मीन तक निगरानी बढ़ा दी गई है, ताकि इस हमले के हर जिम्मेदार के साथ न्याय किया जा सके।
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