पहलगाम आतंकी हमले में 15 स्थानीय मददगारों की पहचान, NIA ने जांच तेज की!

सुरक्षा बलों को आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी गई है।

पहलगाम आतंकी हमले में 15 स्थानीय मददगारों की पहचान, NIA ने जांच तेज की!

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में जहां 26 निर्दोष लोगों की जान गई, वहीं दर्जनों घायल हुए। अब इस हमले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाया है कि हमलावरों को अंजाम तक पहुंचाने में 15 स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

जांच के अनुसार, ये स्थानीय सहयोगी पिछले कई वर्षों से दक्षिण कश्मीर के क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकियों को लॉजिस्टिक सहायता, मार्गदर्शन और हथियारों की आपूर्ति कर रहे थे। इस नेटवर्क की गहन जांच में 5 मुख्य संदिग्धों की पहचान हुई है, जिनमें से तीन को हिरासत में लिया गया है और दो की तलाश अभी भी जारी है। इन संदिग्धों के मोबाइल फोन के डेटा से हमले के दिन उनकी सक्रियता के पुख्ता सबूत मिले हैं।

इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के दौरान तीन हिरासत में लिए गए संदिग्धों के बीच एक महत्वपूर्ण चैट सामने आई है, जिसमें वे पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों को सहायता प्रदान करने की बात कर रहे थे। इसके अलावा, अब तक 200 से अधिक स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ की जा चुकी है ताकि हमले के पीछे के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।

NIA की टीम, जिसमें एक डीआईजी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं, घटनास्थल का दौरा कर चुकी है। फॉरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं और चश्मदीदों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं ताकि हमले की पूरी घटनाक्रम को समझा जा सके।

जांच में यह भी सामने आया है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सैफुल्ला कसूरी उर्फ खालिद का हाथ हो सकता है। आतंकियों ने हमले के दौरान हेलमेट पर कैमरे लगाकर पूरी वारदात की रिकॉर्डिंग भी की थी, जिसे पाकिस्तान भेजने की आशंका जताई जा रही है।

इस बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सुरक्षा बलों को आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी गई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि “दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”

पहलगाम हमले की इस जांच से साफ हो गया है कि आतंकवाद केवल सीमा पार से नहीं, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी मजबूत नेटवर्क के दम पर फल-फूल रहा है। अब जब NIA ने पूरे नेटवर्क को खंगालना शुरू कर दिया है, उम्मीद है कि जल्द ही इस कायराना हरकत के असली गुनहगारों को सजा मिलेगी और क्षेत्र में शांति बहाल होगी।

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