जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, के बाद केंद्र सरकार ने देशभर में पाकिस्तानी नागरिकों की मौजूदगी पर सख्ती से कार्रवाई शुरू कर दी है। गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को निर्देशित किया है कि 27 अप्रैल की समयसीमा के बाद कोई भी पाकिस्तानी नागरिक भारत में नहीं रहना चाहिए।
सरकार ने पहले ही पाकिस्तानी नागरिकों को जारी 18 प्रकार के वीज़ा रद्द कर दिए हैं और उन्हें तय समयसीमा के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। केवल चिकित्सकीय उपचार करवा रहे लोगों को 29 अप्रैल तक की मोहलत दी गई है। इन्हीं सख्त निर्देशों के तहत महाराष्ट्र के गृह विभाग ने राज्य में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों का डाटा जुटाना शुरू कर दिया है।
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम के अनुसार, अब तक राज्य में करीब 5,023 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान हुई है। नागपुर शहर इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां 2,458 पाकिस्तानी नागरिक मिले हैं, इसके बाद ठाणे में 1,106 और मुंबई में 14 नागरिकों की मौजूदगी दर्ज की गई है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से केवल 55 नागरिकों के पास ही वैध दस्तावेज़ हैं, जबकि कई लोग लापता हो चुके हैं या उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। मंत्री योगेश कदम ने बताया कि, “अधिकारियों द्वारा उन पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है जिनके वीज़ा की अवधि समाप्त हो चुकी है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि आंकड़े अभी और बदल सकते हैं क्योंकि डाटा संग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
Mumbai, Maharashtra: Union MoS Yogesh Kadam says, "…There are around five thousand Pakistani citizens in Maharashtra, out of which four to four and a half thousand have come on long-term visas…Around two hundred and fifty individuals are on short-term visas, including… pic.twitter.com/Ukj7ICOohO
— IANS (@ians_india) April 26, 2025
राज्य गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 55 पाकिस्तानी नागरिकों को निष्कासन का नोटिस भेजा जा चुका है, जिन्हें 27 अप्रैल तक देश छोड़ना होगा। इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि, “प्रदेश के हर पुलिस थाने को निर्देश दिया गया है कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द हो चुके हैं, वे किसी भी स्थिति में भारत में न रुकें। एक पूरी सूची तैयार की गई है और इन नागरिकों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।”
पहलगाम त्रासदी के बाद सरकार का यह कड़ा कदम सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा संदेश है। देश की सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अब किसी भी तरह की ढील का कोई स्थान नहीं रह गया है।
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