पटना पुलिस ने दानापुर से अपहरण किए गए एक मासूम बच्चे को मात्र छह घंटे के भीतर सकुशल बरामद कर बड़ी सफलता हासिल की है। लेकिन इस मामले में जो खुलासा हुआ है, उसने सभी को झकझोर कर रख दिया। पुलिस जांच में पता चला कि बच्चे के अपहरण की साजिश किसी और ने नहीं, बल्कि खुद उसकी सगी मां ने अपने ही रिश्तेदारों के साथ मिलकर रची थी। इस ‘कलयुगी मां’ का मकसद अपने पति से 21 लाख रुपये की फिरौती वसूलना था।
घटना 11 अक्टूबर की है। दानापुर के ताराचक इलाके से एक बच्चे के अपहरण की सूचना मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। अपहरणकर्ताओं ने बच्चे के पिता से 21 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना के निर्देश पर नगर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया।
SIT ने मोबाइल सर्विलांस, तकनीकी साक्ष्य और CCTV फुटेज की मदद से तेजी से कार्रवाई की। सिर्फ छह घंटे में पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया और फिरौती मांगने में इस्तेमाल मोबाइल फोन सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधीक्षक भानु प्रताप सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जांच के दौरान पूरा मामला उजागर हुआ कि अपहरण की मास्टरमाइंड खुद बच्चे की मां अंजू देवी थी, जो ताराचक, दानापुर की रहने वाली है। उसने अपने पति से पैसे निकालने के लिए अपने ही मायके पक्ष के रिश्तेदारों को शामिल किया।
इस साजिश में अंजू देवी के मौसा पंकज कुमार, मौसी संजू देवी और दो अन्य सहयोगी अनिल कुमार और रैविन्स कुमार शामिल थे। पुलिस ने बताया कि अंजू देवी शुरू से जांच में सहयोग नहीं कर रही थी और सबूतों को छिपाने की कोशिश कर रही थी। वह CCTV फुटेज दिखाने से भी इंकार कर रही थी, जिससे पुलिस को उसके व्यवहार पर शक हुआ और पूरा षड्यंत्र उजागर हुआ।
पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में सभी पांचों आरोपियों अंजू देवी, पंकज कुमार, संजू देवी, अनिल कुमार और रैविन्स कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उनके पास से फिरौती मांगने में उपयोग किया गया एक कीपैड फोन और पांच स्मार्टफोन भी बरामद किए हैं।
नगर पुलिस अधीक्षक भानु प्रताप सिंह ने कहा, “पटना पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के कारण मासूम बच्चे को सुरक्षित बचाया जा सका और एक ऐसी मां की काली करतूत का पर्दाफाश हुआ, जिसने पैसों के लालच में अपने ही बच्चे की जिंदगी दांव पर लगा दी।
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