बांबे हाई कोर्ट गुरुवार को कोरोना वायरस प्रबंधन को लेकर जनहित याचिका के मुद्दे पर सुनवाई की. अस्पतालों में आग, ऑक्सीजन की कमी कोरोना टीके की उपलब्धता जैसे मुद्दों पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणियां कीं. बेंच ने कहा, हम जजों का भी समूह है, हमारे पास भी मदद के लिए कॉल आती हैं. लोग मर रहे हैं और ये हम सबकी नाकामी है…महाराष्ट्र सरकार ने अदालत को बताया कि हम अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा संबंधी इंतजामों की जांच के लिए (फायर ऑडिट) शुरू कर चुके हैं.अदालत ने कहा,ये सब हमें मत बताओ.अस्पतालों में फिर से कोई हादसा नही होगा इसका इंतजाम करो.हम फिर से ऐसा कोई हादसा नही चाहते हैं.
एक याचिकाकर्ता ने कहा कि सिर्फ फायर ऑडिट नहीं, बल्कि सभी तरह की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए ताकि नाशिक जैसा हादसा फिर ना हो.बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने कहा, मुंबई में अस्पतालों के ऑडिट के लिए 24 टीमें काम कर रही हैं. हमारे पास महत्वपूर्ण दवाइयों का स्टॉक है .ज्यादा नहीं, लेकिन जरूरत के जितना है.अदालत ने राज्य को कहा कि कोविड अस्पताल, कोविड सेंटर और नर्सिंग होम सबका फायर ऑडिट और सभी जरूरी कॉम्प्लायन्स पूरा कराएं. कोरोना टीकाकरण पर अदालत ने बीएमसी से पूछा कि 1 मई से 18 साल से ऊपर सभी को टीकाकरण होना है, कैसे होगा ? अलग-अलग टाइम स्लॉट बनाएं ताकि लोग एक साथ एक ही जगह इकट्ठा ना हों.श्मशान घाट के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने पूछा, जो अंतिम संस्कार कर रहे हैं. उनकी सुरक्षा का क्या ? बीएमसी ने इस पर कहा कि हम सभी सुरक्षा नियमों का पालन कर रहे हैं. रिश्तेदार दूर से अपनों का चेहरा देख पातें हैं.