महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख विनीत अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने अपने सदस्यों को घृणा अपराधों और लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के लिए उकसाने की साजिश रची थी। केंद्र सरकार ने बुधवार को पीएफआई और उसके कई सहयोगियों को इस्लामिक स्टेट (आईएस) सहित कई अन्य वैश्विक आतंकवादी संगठनों से ‘संबंध’ रखने के आरोप में एक सख्त आतंकवाद निरोधी कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) रैंक के अधिकारी अग्रवाल ने कहा कि महाराष्ट्र में अपने हालिया अभियान के दौरान एटीएस ने पीएफआई से संबंधों के आरोप में गिरफ्तार लोगों के पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए, जिनमें से एक में संगठन के साल 2047 तक के ‘रोडमैप’ का जिक्र था। अग्रवाल ने बताया कि जब्त दस्तावेजों के मुताबिक, पीएफआई के सदस्य अपने एजेंडे के तहत लक्षित हत्याओं की साजिश रच रहे थे।
उन्होंने हालांकि, इसका विवरण नहीं दिया। अग्रवाल के अनुसार, एटीएस ने आरोपियों के पास से कुछ गैजेट भी जब्त किए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद निरोधी एजेंसी इन गैजेट में मौजूद डेटा तक पहुंच हासिल करने की कोशिशों में जुटी है, ताकि पीएफआई की गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा सके। अग्रवाल के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार पीएफआई के सदस्यों और पदाधिकारियों के बैंक खातों की जांच कर रही है और आगे चलकर उन्हें फ्रीज करेगी।
उन्होंने बताया कि 28 सितंबर को प्रतिबंध की अधिसूचना जारी होने से पहले एटीएस ने महाराष्ट्र में पीएफआई के कार्यालयों और उसके पदाधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। अग्रवाल के अनुसार, प्रतिबंध के बाद संगठन के सदस्यों और समर्थकों के पास एकत्रित होने और प्रदर्शन करने का कोई अधिकार नहीं होगा। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र एटीएस अब तक पीएफआई के 21 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर चुकी है और मामले में जांच जारी है।
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