पुलिस अधिकारी दिलीप खंडारे ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक व्यापारी का अपहरण कर लिया और उससे फिरौती की मांग की। इस मामले में एक पुलिस अधिकारी और उसके सात साथियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने अगवा किये गए व्यक्ति से 300 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी और आठ लाख रूपये की मांग की गई थी।
पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने बताया कि दिलीप खंडारे ने 300 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी हासिल करने के लालच में विनय सुंदरराव नाइक नाम के एक व्यक्ति का अपहरण करके उससे फिरौती की मांग की थी। दिलीप खंडारे ने अपने दोस्त प्रदीप काशीनाथ काटे के साथ मिलकर यह अपराध किया।
जांच के दौरान पुलिस ने दिलीप खंडारे और उसके अन्य साथी सुनील राम शिंदे, वसंत श्यामराव चव्हाण, फ्रांसिस टिमिटो डिसूजा, मयूर महेंद्र शिर्के, प्रदीप काशीनाथ काटे, शिरीष चंद्रकांत खोत और संजय उर्फ निकी राजेश बंसल को गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि पुणे साइबर पुलिस शाखा में दिलीप खंडारे कार्यरत था तभी वह ऑफिस ऑटोमेशन, साइबर क्राइम सिस्टम्स, एडवांस्ड साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन टेक्नोलॉजी, बेसिक कंप्यूटर हार्डवेयर एंड टेक्नोलॉजी और मोबाइल फोरेंसिक में एडवांस कोर्स कर रहे थे। इसी बीच उन्हें पता चला था कि विनय नाइक नाम के शख्स के पास 300 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी है। जिसे हासिल करने का प्लान बनाने लगा।
इस बीच पिंपरी चिंचवाड़ में कुछ दिनों बाद उसका तबादला कर दिया गया। फिर उसने दोस्तों की मदद से विनय नाइक का अपहरण करके उसे अलीबाग में रख दिया। हालांकि, जब उन्हें पता चला कि पुलिस उनकी तलाश में है तो आरोपियों ने अपहृत विनय को छोड़ दिया। उसके बाद पुलिस ने की गई जांच के दौरान दिलीप खंडारे और उसके बताए गए साथियों को गिरफ्तार किया।
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