‘प्रो-नक्सल’ प्रदर्शन: आरोपी अक्षय ER के फोन से मिले नक्सल संबंधित वीडियो और लिंक

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी

‘प्रो-नक्सल’ प्रदर्शन: आरोपी अक्षय ER के फोन से मिले नक्सल संबंधित वीडियो और लिंक

pro-naxal-protest-akshay-er-phone-evidence

दिल्ली में वायु प्रदूषण के विरोध के नाम पर हुए विवादित प्रदर्शन में नक्सल समर्थक गतिविधियों के संकेत मिलने का मामला काफी तूल पकडे हुए था। पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल अपनी विस्तृत रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी अक्षय ER के मोबाइल फोन की जांच के दौरान नक्सलियों से जुड़ी वीडियो सामग्री, लिंक और संदेश पाए गए हैं। पुलिस के अनुसार अक्षय ER इस प्रदर्शन में शामिल प्रमुख समूह भगत सिंह छात्र एकता मंच (bsCEM) का सक्रिय सदस्य है, जिसे इस घटना का “मुख्य साजिशकर्ता” बताया गया है।

पुलिस ने अदालत को बताया कि प्रदर्शन के दौरान अक्षय ER ने माड़वी हिड़मा के समर्थन में नारे लगाए थे, “हिड़मा अमर रहे, कितने हिड़मा मारोगे, हर घर से हिड़मा निकलेगा, हिड़मा जी को लाल सलाम” और वह हिड़मा के पोस्टर भी पकड़े हुए था। वीडियो फुटेज में उसे कॉन्स्टेबल ईशांत की आंखों में चिली स्प्रे छिड़कते हुए भी देखा गया है।

जांच में मिले मोबाइल डेटा के अनुसार, अक्षय ER की फोन की सर्च हिस्ट्री में नक्सलवाद से संबंधित सामग्री पाई गई। पुलिस ने कहा कि फोन में गुरकीरत नामक व्यक्ति द्वारा भेजे गए संदेश मिले, जिनमें माडवी हिड़मा का उल्लेख नायक (hero) के रूप में किया गया था। पुलिस के अनुसार यह डिजिटल सामग्री प्रदर्शन के पीछे संगठित विचारधारा-आधारित उद्देश्यों को दर्शाती है।

घटना 23 नवंबर को हुई थी,  प्रदूषण विरोध के नाम पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इंडिया गेट के पास इकट्ठा हुए थे। प्रदर्शनों के दौरान पुलिस पर चिली स्प्रे का इस्तेमाल और विवादित नारेबाजी की घटनाएँ सामने आई थीं। इसके बाद 22 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दो FIR दर्ज की गईं, जिनमें से 16 को गिरफ्तार किया गया, और 15 आरोपियों को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एक आरोपी ने स्वयं को नाबालिग बताने पर किशोर गृह भेजने का अनुरोध किया। FIR में बाद में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 197 भी जोड़ी गई, जो भारत की संप्रभुता, एकता, अखंडता या सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले कृत्यों या संचार से संबंधित है।

पुलिस की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि प्रदर्शन का आयोजन दो संगठनों भगत सिंह छात्र एकता मंच (bsCEM) और द हिमखंड के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था। पुलिस ने कहा कि इन समूहों ने प्रदूषण विरोध के आवरण में नक्सली कमांडर माडवी हिड़मा के समर्थन में नारे लगा रहे थे, जिससे प्रदर्शन की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। जांच एजेंसियां अब डिजिटल सामग्री, संगठनों की भूमिका और प्रदर्शन में शामिल व्यक्तियों के आपसी संपर्कों की गहराई से पड़ताल कर रही हैं। अगले चरण में पुलिस अदालत में विस्तृत आरोप-पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही है।

यह भी पढ़ें:

“भारत न्यूट्रल नहीं, शांति के पक्ष में खड़ा है”

पुणे के दो वैज्ञानिकों ने ख़ोज निकाली पृथ्वी से 12 अरब साल पुरानी अलकनंदा गैलैक्सी

इंडिगो फ्लाइट संकट: DGCA ने क्रू आराम नियमों में दी ढील, अव्यवस्था पर काबू की कोशिश

Exit mobile version