दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 24 सालों से फरार चल रहे एक खूंखार सीरियल किलर को गिरफ्तार कर लिया है। अजय लांबा नाम के इस अपराधी को रविवार को इंडिया गेट के पास से पकड़ा गया। पुलिस का दावा है कि वह दिल्ली और उत्तराखंड में टैक्सी चालकों की निर्मम हत्या करने वाले गैंग का सरगना रहा है।
पुलिस के अनुसार, अजय लांबा और उसके तीन साथी ग्राहक बनकर टैक्सी बुक करते थे। इसके बाद ड्राइवर को उत्तराखंड की पहाड़ियों की ओर ले जाते, जहां सुनसान इलाकों में उन्हें बेहोश कर गला घोंटकर मार डालते थे। फिर लाशों को गहरी खाई में फेंक दिया जाता था, ताकि उनका कोई सुराग न मिले।
हत्या के बाद चोरी की गई गाड़ियां नेपाल में बेच दी जाती थीं। पुलिस ने अब तक एक शव बरामद किया है, जबकि तीन अन्य टैक्सी ड्राइवरों के अवशेष अब भी नहीं मिले हैं। अधिकारियों को शक है कि इस गैंग के हाथ कई और ड्राइवरों की गुमशुदगी के मामलों में भी हो सकते हैं।
क्राइम ब्रांच ने बताया कि अजय लांबा पिछले 10 सालों से नेपाल में छिपा हुआ था। वह फर्जी पहचान के साथ वहां रह रहा था और पुलिस को गुमराह कर रहा था। इसके अलावा लांबा पर दिल्ली और ओडिशा में ड्रग्स तस्करी और डकैती के भी कई मुकदमे दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि वह 2001 से सक्रिय अपराधी रहा है।
इस गिरोह का एक अन्य सदस्य धीरेंद्र दिलीप पांडे पहले ही गिरफ्तार हो चुका है, जबकि तीसरा आरोपी धीरेज अभी भी फरार है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह बेहद खतरनाक और सुनियोजित अपराध था। लांबा जैसे अपराधी सालों तक सिस्टम से बचते रहे, लेकिन अब उसके गुनाहों की सजा मिलेगी।” फिलहाल अजय लांबा से पूछताछ जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि इससे कई अन्य लापता मामलों की भी गुत्थी सुलझेगी।
24 साल बाद दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है जिसने निर्दोष टैक्सी चालकों को मौत के घाट उतारकर उनकी लाशें पहाड़ों में फेंक दी थीं। यह गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, और उम्मीद की जा रही है कि इससे कई पुराने मामलों में भी न्याय मिल सकेगा।
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