दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले की जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपी सकरिया राजेशभाई खिमजी ने शुरू में सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखकर उसने इरादा बदल दिया और ध्यान मुख्यमंत्री के आवास पर केंद्रित कर दिया।
राजकोट का रहने वाला और पेशे से ऑटो चालक खिमजी 19 अगस्त को उज्जैन से दिल्ली आया था। पुलिस जांच में सामने आया कि वह पहले चाकू लेकर राजधानी पहुंचा, मगर सुरक्षा का स्तर देखकर उसने Civil Lines इलाके में हथियार फेंक दिया। इसके बाद वह बिना हथियार के ही शालीमार बाग स्थित मुख्यमंत्री आवास में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान घुस गया और हमला करने में सफल रहा।
खिमजी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों पर दिए गए फैसले से नाराज था और इसी के खिलाफ प्रदर्शन करने दिल्ली आया था। उसने दावा किया कि सीएम के ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम में भी इसी मुद्दे को उठाने की योजना थी। हालांकि पुलिस का कहना है कि उसकी मंशा पहले से हमले की थी।
पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि खिमजी के खिलाफ 2017 से 2024 तक पांच मामले दर्ज हैं, जिनमें हमला, अवैध शराब रखने और गुंडागर्दी शामिल है। 2017 में उसने तलवार और कपड़े धोने की लकड़ी से एक व्यक्ति पर हमला किया था। 2022 में घरेलू विवाद के दौरान उसने खुद को ब्लेड से घायल कर लिया था, जिससे उसे नौ टांके लगे। यह घटना परिवार को डराने के मकसद से की गई थी।
खिमजी पर अवैध शराब तस्करी के आरोप भी हैं। उस पर गुजरात निषेध अधिनियम और सीआरपीसी के तहत कई बार रोकथाम की कार्रवाई की गई थी। 2021 में उसे बॉम्बे पुलिस अधिनियम की धारा 56 के तहत राजकोट से बहिष्कृत भी किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दूसरे आरोपी तहसीन सैयद को भी राजकोट से गिरफ्तार किया है। तहसीन पर आरोप है कि उसने खिमजी को हमले की योजना बनाने में मदद की और पैसे भी भेजे। दोनों के बीच नियमित संपर्क था और वित्तीय लेन-देन के डिजिटल सबूत भी मिले हैं। तहसीन को पूछताछ के लिए दिल्ली लाया गया है।
घटना के बाद मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं। अब बाहरी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ संभालेगी, जबकि आंतरिक सुरक्षा दिल्ली पुलिस के हाथ में होगी। इस हमले ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्थाओं और वीआईपी सुरक्षा प्रोटोकॉल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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