मंदिर बंद,मदिरालय-डांस बार शुरू,महाराष्ट्र सरकार के ढोंगी होने का पर्दाफाश,15 बीयर बार सील

बारबालाओं के ठुमके से 4 आबकारी कर्मियों सहित 2 पुलिस इंस्पेक्टर सस्पेंड और 2 एसीपी का ट्रांसफर कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ा रहे 15 बीयर बार सील

मंदिर बंद,मदिरालय-डांस बार शुरू,महाराष्ट्र सरकार के ढोंगी होने का पर्दाफाश,15 बीयर बार सील

file photo

मुंबई। मुंबई के पुलिस आयुक्त रहे परमवीर सिंह के बीयर बारों से 100 करोड़ रुपए की उगाही करने संबंधी लगाए आरोप के प्रकरण में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख की कुर्सी भले ही चली गई, बावजूद इसके इससे सबक लेकर राज्य की महागठबंधन विकास आघाड़ी सरकार चेतती दिखाई नहीं पड़ रही। परमवीर सिंह ने जिस तरह अपने पत्र में देशमुख पर पुलिस अफसरों को घर बुलाकर बीयर बालों से धनउगाही का टार्गेट देने का शर्मनाक रहस्योद्घाटन किया था, उस तरह का सिलसिला अब भी बरकरार है, सिर्फ मोहरे बदल गए हैं। इसके तार मुंबई के पड़ोसी शहर ठाणे से तब मिले, जब दो दिन पूर्व ठाणे में कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ाते हुए खुलेआम डांस बार चल रहे होने का मामला प्रकाश में आया। हालाँकि, इस मामले पर फौरी तौर पर लीपापोती कर ठाणे पुलिस के 4 अफसरों और आबकारी विभाग के 4 कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन 4 पुलिस अफसरों में 2 सीनियर इंस्पेक्टरों और 2 सहायक आयुक्तों (एसीपी )का समावेश है, जबकि आबकारी कर्मियों में 2 इंस्पेक्टर व 2 कांस्टेबल शामिल हैं। साथ ही दूसरी तरफ ठाणे मनपा प्रशासन ने 15 डांस बारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सील कर दिया है।

सील किए बारों में ठाणे शहर में शिवाजी तालाब के पास मौजूद आम्रपाली बार, तीन पेट्रोल पंप परिसर स्थित एंटिक पैलेस बार, उपवन स्थित नटराज बार, सुरसंगम बार, सिनेवंडर के नजदीक मौजूद आयकॉन बार, कापुरबावडी स्थित स्वागत बार, नलपाड़ा स्थित नक्षत्र बार, पोखरण रोड नंबर 2 स्थित के-नाईट बार, ओवला नाका स्थित स्टर्लिंग बार, मॉडेला नाका स्थित एंजिल्स बार, भाईंदरपाड़ा स्थित खुशी व महफिल बार, वागले इस्टेट के सीजर पार्क बार, नौपाड़ा के मनीष बार और कापुरबावड़ी स्थित सनसिटी बार का समावेश है। जिन पर कार्रवाई की गाज गिरी है, उनमें आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर प्रदीपकुमार हरिश्चंद्र सरजिने व बजरंग रामचंद्र पाटील तथा कांस्टेबल ज्योतिबा पाटील और सुरेंद्र म्हस्के हैं। सीनियर पुलिस इंस्पेक्टरों में नौपाड़ा पुलिस स्टेशन के अनिल मांगले और वर्तकनगर पुलिस स्टेशन के संजय गायकवाड़ का समावेश है। इन्हें नौकरी से निलंबित कर दिया गया है, जबकि नौपाड़ा के एसीपी नीता पाड़वी और वर्तकनगर के एसीपी पंकज शिरसाट को तबादला कर कंट्रोल रूम भेज दिया गया है।

इन सभी का गुनाह यह है कि उनके अधीनस्थ पुलिस स्टेशनों के सीमा क्षेत्रांतर्गत शाम 4 बजे के बाद भी डांस बार शुरू थे और वहाँ सोशल डिस्टेंसिंग का भी कोई नामोनिशान नहीं था, जबकि जारी कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत बाजारों, दुकानों, रेस्तरांओं, बीयर बारों आदि के लिए सुबह 7 से शाम 4 बजे तक ही शुरू रखने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने व मास्क लगाए रखने की सख्त हिदायत है। महज रेस्तरांओं और बारों को इसके बाद पार्सल देने की छूट है, वहाँ खाने-पीने की नहीं। हालाँकि इन पुलिस अफसरों और डांस बारों के मामले को नए गृहमंत्री दिलीप वलसे-पाटिल ने गंभीरता से लिए जाने की बात कही है। उधर, ठाणे के पुलिस आयुक्त जगजीत सिंह ने इस प्रकरण में जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के नेतृत्व में जांच समिति बनेगी। जगजीत सिंह का कहना है कि जांच में दोषी पाए जाने वाले बारों के परमिट स्थायी रूप से रद्द कर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि यह राजनीतिक नौटंकी है तथा असलियत कुछ और ही है,जिसके तहत अब बार वालों से धनउगाही का फ॔डा बदल दिया गया है।

तो यह बेशर्मी की हद है: प्रवीण दरेकर 

महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्षी नेता प्रवीण दरेकर ने इस गंभीर प्रकरण को महाराष्ट्र को शर्मसार कर देने वाला बताया है। उनका कहना है कि राज्य में एक ओर जहां हमारे देवी-देवता ताला जुड़े मंदिर में बंद हैं, दूसरी ओर वहीं डांस बार खुलेआम शुरू हैं, इस शर्मनाक मामले ने राज्य सरकार के ढोंगी होने का पर्दाफाश कर दिया है। कोरोना के घातक संक्रमण के चलते बचाव के लिए कई बंधन लदे हैं, मानव की जीवनचर्या के लिए आवश्यक अनेक सेवाएँ व उद्योग प्रतिबंधित हैं तथा ऐसे हालात में डांस बार पाबंदी के बावजूद खुलेआम शुरू हैं, यह बेशर्मी की हद है। इस मामले में आनन-फानन में हुई कार्रवाई को दरेकर ने अपर्याप्त बताते हुए गृहमंत्री से पुलिस आयुक्त को निलंबित किए जाने की माँग की है। दरेकर का कहना है कि किसी भी घटना के लिए दोषी बड़े अफसरों को बचाने के लिए छोटे अफसरों की बलि दी जाती है। बार चालू रखने के प्रकरण में जो भी शामिल हैं, उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि ऐसी पुनरावृत्ति न हो और असामाजिक तत्वों को करारा सबक मिल सके।

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