सीबीआई ने संजय पांडे के खिलाफ 2009 से 2017 के बीच एनएससी कर्मचारियों के फोन को अवैध रूप से टैप करने का मामला दर्ज किया है। उसके खिलाफ तीन मामले और दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। सीबीआई ने संजय पांडे के मुंबई और चंडीगढ़ स्थित घरों पर भी छापेमारी की है और मुंबई में करीब आठ जगहों पर छापेमारी कर रही है|
सीबीआई ने मामले में कुल 18 जगहों पर छापेमारी की है|मुंबई में आठ, पुणे में दो, चंडीगढ़ में एक, लखनऊ और कोटा में एक-एक और दिल्ली एनसीआर में पांच छापेमारी की गई है| पांडे के खिलाफ नया मामला दर्ज किया गया है|
इस बीच संजय पांडेय ने चित्रा रामकृष्ण मामले में ऑडिट कंपनी बनाई थी। यह कंपनी सिर्फ संजय पांडे की थी। 2001 में संजय पांडे द्वारा स्थापित एक ऑडिट कंपनी ने NSC सर्वर से छेड़छाड़ की। सीबीआई 2018 से एनएससी लोकेशन घोटाले की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कंपनी ने बिना किसी को अलर्ट किए सर्वर से कैसे छेड़छाड़ की। संजय पांडे 30 जून को सेवानिवृत्त हुए थे और तीन साल बाद ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए वापस बुलाया था।
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