त्रिपुरा के आगरतला रेलवे स्टेशन पर सरकारी रेलवे पुलिस ने फिर एक बार अवैध घुसपैठों को पकड़ा है। इस बार घुसपैठों की संख्या 28 थी, जिनमें 2 रोहिंग्या मुस्लीम और बांग्लादेशियों की मदद करनेवाला दलाल भी शामिल है। इन घुसपैठों में 18 वर्ष आयु से 40 साल की आयु तक के लोग शामिल है।
अधिकारीयों ने बताया है की, रेलवे पुलिस कर्मचारियों ने शनिवार (२७ जुलाई) रात अगरतला स्टेशन से विविध शहरों में जानेवाली ट्रेनों में चढ़ने के लिए तैयार 28 घुसपैठों को पकड़ा, इनसे पूछताछ जारी है। बांग्लादेश से काम धंधे और परिस्थिती में सुधार के लिए बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिम अवैध तरीके से घुसपैठ कर रहें है। पिछले कुछ महीनों से घुसपैठ की वारदातें बढ़ी है।
लोगों का कहना है की बड़ी संख्या में होने वाली घुसपैठ से भारत के कुछ राज्य जैसे असम, झारखंड, पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी में तेजी से बदलाव आरहा है। दूसरी तरफ भारत में गतिविधियां करनेवाली कुछ मुस्लिम संस्थाएं और दलाल इन घुसपैठों की नौकरी, उद्योग, छोटा मोटा व्यवसाय के साथ अवैध दस्तावेज का जुगाड़ करने में लगे है।
बांग्लादेश से त्रिपुरा की 856 किलोमीटर की सिमा लगती है, बांग्लादेश के उत्तर पश्चिम इलाके से इसका कोई संबंध नहीं है। फिर भी इन दिनों त्रिपुरा में बांग्लादेश के उत्तरपश्चिम विभाग से बड़े पैमाने पर घुसपैठ की वारदात सामने आरही है। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बल बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध प्रवास पर कार्रवाई कर रहे हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के निर्देश पर, बीएसएफ ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है, जिसमें दलालों को पकड़ना और उनके संबंध खंगालना भी शामिल है।
आपको बता दें, पिछले ढाई महीने में अगरतला रेलवे स्टेशन और त्रिपुरा के कई अन्य स्थानों से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के बाद जीआरपी, बीएसएफ और त्रिपुरा पुलिस ने 150 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों और 32 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है।
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