मंदिरों से पीतल की घंटियां चुराता था ताज मोहम्मद और नाजिम का गिरोह; 96 घंटियों सहित हथियार भी हुए बरामद

मामले में ताज मोहम्मद, नाजिम समेत कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

मंदिरों से पीतल की घंटियां चुराता था ताज मोहम्मद और नाजिम का गिरोह; 96 घंटियों सहित हथियार भी हुए बरामद

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उत्तर प्रदेश में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाकर पीतल की घंटियां चोरी करने वाले एक संगठित गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। मामले में ताज मोहम्मद, नाजिम समेत कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 96 चोरी की गई मंदिर घंटियां, अवैध हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह बुलंदशहर सहित अलीगढ़ और हाथरस जिलों में सक्रिय था और ग्रामीण इलाकों के मंदिरों को निशाना बना रहा था।

पुलिस के मुताबिक, हाल के हफ्तों में बुलंदशहर जिले के कई मंदिरों से पीतल की घंटियां चोरी होने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसी तरह की घटनाएं पड़ोसी जिलों अलीगढ़ और हाथरस से भी सामने आई थीं। बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने जांच तेज की और विशेष टीमें गठित की गईं।

ग्रामीण पुलिस अधीक्षक तेजवीर सिंह ने बताया कि 11 दिसंबर की देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद गिरोह के दो मुख्य सदस्यों, हम्मू और ताज मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर 13 दिसंबर को सागिर, नाजिम, दिलदार, राजुद्दीन और अली को भी हिरासत में ले लिया गया। इस पूरी कार्रवाई को डिबाई सर्किल अधिकारी की निगरानी में गठित तीन विशेष पुलिस टीमों ने अंजाम दिया।

पुलिस ने आरोपियों के पास से कुल 96 पीतल की घंटियां बरामद कीं, जिनका वजन लगभग 125 किलोग्राम बताया गया है। ये घंटियां अलग-अलग हिंदू मंदिरों से चोरी की गई थीं। इसके अलावा पुलिस को 12 किलोग्राम का एक पीतल का सिल्ला भी मिला, जिसे चोरी की गई कुछ घंटियों को पिघलाकर तैयार किया गया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक .315 बोर का देसी तमंचा, एक जिंदा कारतूस और तीन अवैध चाकू भी बरामद किए हैं, जिससे गिरोह की आपराधिक गतिविधियों की गंभीरता और स्पष्ट होती है।

अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण तेजवीर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी शातिर अपराधी हैं और इनके खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि दिलदार और सागिर पर करीब दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं, जबकि नाजिम, राजुद्दीन और अली मुल्ला के खिलाफ लगभग 18-18 मामले हैं, जिनमें चोरी और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह सुनियोजित तरीके से काम करता था और ऐसे ग्रामीण मंदिरों को चुनता था, जहां सुरक्षा व्यवस्था कमजोर होती है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी इस गिरोह ने कितनी वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस का कहना है कि मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए आगे भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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