वर्ष 2008 के 26/11 मुंबई हमलों में आरोपी, और पाकिस्तानी सेना का पूर्व डॉक्टर तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भारत में प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दी है। 26/11 में संलिप्त घोर अपराधी पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। जिसे अमेरिका ने 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया था।
अमेरिकी सरकार ने पिछले साल उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत के अनुरोध का समर्थन किया था और सुप्रीम कोर्ट से राणा द्वारा प्रस्तुत “प्रमाण पत्र की याचिका” को खारिज करने का अनुरोध किया था। राणा ने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अधिवक्ताओं की मदद से कड़ा विरोध किया, लेकिन 16 मई, 2023 को प्रत्यर्पण मजिस्ट्रेट जज ने उसकी दलीलों को खारिज करते हुए उसे प्रत्यर्पित करने योग्य करार दिया।
इसके बाद उसने स्थानीय अदालतों में एक रिट याचिका दायर की, जिसे खारिज फिर ख़ारिज किया गया। फिर उसने नवंबर में एक और रिट याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसे अब खारिज कर दिया गया है। राणा के खिलाफ भारत के आरोपों में युद्ध छेड़ने, हत्या, दो तरह की जालसाजी और आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने जैसे कई अपराधों को अंजाम देने की साजिश शामिल है। प्रत्यर्पण कार्यवाही के दौरान राणा हिरासत में रहा।
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दरम्यान अजमल कसाब के खिलाफ अदालत में केस लड़ने वाले और इस हमलें में पाकिस्तान भी शामिल होने के अहम दावों को सिद्ध करने वाले सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा, राणा के प्रत्यर्पण से घटना में पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र की संलिप्तता के बारे में अधिक जानकारी मिल सकती है। उन्होंने एएनआई से कहा, “तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण से भारत को पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र सहित कुछ पाकिस्तान की संलिप्तता के बारे में अधिक जानकारी और सबूत मिलेंगे। …डेविड हेडली ने मुंबई की अदालत में इस तरह के खुलासे और सबूत दिए हैं और लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान आईएसआई सेना के अधिकारियों के बीच संबंधों को दिखाने वाले ईमेल पत्राचार भी पेश किए हैं। मैं बहुत आशावादी हूं कि तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण से पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र की संलिप्तता के बारे में अधिक सबूत मिलेंगे।”