पाकिस्तान की इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) का इस्तेमाल कर भारत के स्लीपर के जरिए बंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में बम ब्लास्ट को अंजाम देने वाले फ़राहतुल्ला घोरी का नया वीडिओ सामने आया है। घोरी ने जारी किए इस वीडिओ में स्लीपर सेल्स को भारत का रेलवे नेटवर्क तबाह करने के आदेश दिए गए है, जिससे भारत की सुरक्षा एजंसियां अलर्ट होगई है। ‘इंडिया टुडे’ ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है की फ़िलहाल घोरी पकिस्तान में पनाह लिए है।
वर्षों से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर रहा आतंकवादी फरहतुल्ला गोरी वीडियो में भारत के रेलवे नेटवर्क को पटरी से उतारने के लिए स्लीपर सेल को कॉल करता दिख रहा है। वीडियो में घोरी प्रेशर कुकर का उपयोग करके बम विस्फोट करने के विभिन्न तरीके बता रहा है। साथ ही गोरी भारत की पेट्रोलियम पाइपलाइनों और हिंदू नेताओं को निशाना बनाने की योजना के बारे में भी बात करता दिख रहा है। साथ ही वीडियो में भारत सरकार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) के माध्यम से स्लीपर सेल की संपत्तियों को निशाना बनाकर उन्हें कमजोर करने की बात भी हो रहा ही, वहीं घोरी हम वापस आएंगे और सरकार को हिला देंगे ऐसी चेतावनी भी देता नजर आरहा है।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, यह वीडियो तीन हफ्ते पहले टेलीग्राम पर जारी किया गया था। 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे बम धमाके में 10 लोग घायल हो गए थे। एनआईए ने 3 मार्च को मामला अपने हाथ में लिया और 12 अप्रैल को दो मुख्य आरोपी अब्दुल मतीन अहमद ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को गिरफ्तार कर लिया। ताहा इस ब्लास्ट का मास्टरमाइंड था और शाजिब पर कैफे में आईईडी लगाने का आरोप है। उन्हें कोलकाता के एक लॉज से गिरफ्तार किया गया था। दोनों कर्नाटक के शिवमोग्गा में इस्लामिक स्टेट (IS) मॉड्यूल के कथित सदस्य हैं।
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इसी मॉड्यूल के सदस्य शारिक ने नवंबर 2022 में मैंगलोर में धमाकों को अंजाम दिया था। कहा जाता है फरहतुल्ला घोरी और उसके दामाद शाहिद फैसल का दक्षिण भारत में स्लीपर सेल का एक मजबूत नेटवर्क है। फैसल, रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के दोनों आरोपियों के संपर्क में था और मामले का हैंडलर था।
कौन है फरहतुल्ला घोरी?: फरहतुल्ला गौरी को अबू सुफियान, सरदार साहब और फारूक जैसे नामों से भी जाना जाता है, वो कई हाई-प्रोफाइल हमलों से जुड़ा हुआ है, जिसमें 2002 में गुजरात में अक्षरधाम मंदिर पर हमला भी शामिल है। इस हमले में 30 से अधिक लोग मारे गए थे और 80 अन्य घायल हो गए थे। 2005 में हैदराबाद में टास्क फोर्स कार्यालय पर आत्मघाती हमले के पीछे भी उसका हाथ था। फ़िलहाल घोरी ऑनलाइन जिहादी भर्ती का आयोजन कर रहा है। देशभर से ISIS पुणे मॉड्यूल के कई आतंकियों को गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली पुलिस ने कुछ महीने पहले घोरी का नाम रिकॉर्ड पर लिया था। उस समय अधिकारियों ने दावा किया था कि ISI भारत में स्लीपर सेल चला रही है और हमलों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती कर रही है।
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