देश भर में ख्रिश्चन मिशनरियों के जबरन, बहला फुसला कर या झूठ के सहारे किए जाने वाले धर्मांतरण के खेल जोरों से चल रहे है। इस प्रकार के धर्मांतरण को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने सख्त कानून लाकर अंमल भी शुरू किया है। इसी बीच मुंबई के मीरारोड में मिशनरियों के जबरन और धूर्त इरादों से किए जाने वाले धर्मांतरण का अभियान विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल ने नाकाम किया है। आरोप था कि ईसाई एक कार्यक्रम आयोजित कर धर्म परिवर्तन कराने में लगे हुए है। पुलिस के अनुसार, प्रार्थना और प्रभु यीशु के प्रेरणादायक विचारों को प्रस्तुत करने के लिए कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दी गई थी।
लेकिन आरोप है कि वहां कार्यक्रम के आड़ में धर्मांतरण चल रहा था। वायरल वीडियो में देखा गया कि कार्यक्रम स्थल पर एक बड़ा बाथ टब रखा हुआ था। लोगों को उस टब के पानी में ब्रेड डुबाकर खाने को कहा गया था।
इस संबंध में डीके न्यूज के अनुसार, मीरारोड के डीसीपी प्रकाश गायकवाड़ ने कहा कि यह तीन दिवसीय कार्यक्रम मीरारोड पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर आयोजित किया गया था, लेकिन कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि यह जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। हम उसी आधार पर जांच कर रहे हैं।’ यह कार्यक्रम ईसाइयों के लिए था। उन्होंने इसके बारे में एक रूपरेखा दी थी।
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इस घटना को देख बजरंग दल, विहिप के कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल पर धर्मांतरण बंद करो, जय-जय श्रीराम के नारे लगाते हुए आक्रोश प्रकट किया।इसके बाद जब पुलिस ने कार्यक्रम स्थल पर जाकर निरीक्षण किया तो देखा कि कार्यक्रम स्थल पर पानी से भरा एक बाथ टब रखा पाया। बाद में कार्यक्रम रोक दिया गया और उपस्थित लोगों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पुलिस ने 40 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। कार्यक्रम का आयोजन एस. के. स्टोन, सेंट्रल मैदान में किया गया। इसके तीन दिवसीय कार्यक्रम के संदर्भ में पर्चे भी निकले गए थे,जिसमें कार्यक्रम का स्वरुप दिया गया था।
इस संबंध में बजरंग दल कार्यकर्ता रूपेश दुबे ने कहा कि ‘यह हमारा दुर्भाग्य है कि शिवाजी महाराज की धरती पर इस तरह का धर्मांतरण का काम चल रहा है। यहां सामान्य प्रार्थना के नाम पर जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश की जा रही थी। जैसा कि हमें कार्यकर्ताओं के माध्यम से पता चला, यहां सुरक्षा कड़ी थी। पुलिस के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। अगर वहां प्रार्थना होती तो वहां बाथटब रखने की क्या जरूरत थी? इसलिए पुलिस ने कार्यक्रम रुकवा दिया।’
दुबे ने कहा कि, डीसीपी प्रकाश गायकवाड़ ने इस संबंध में सहयोग किया है। पुलिस ने समय रहते कार्यक्रम रुकवा दिया और 41 लोगों को थाने ले गई। वाडा से 25 आदिवासियों को भी लाया गया था । बजरंग दल ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर की मांग की है।