गुटबाजी वाले राज्यों पर आप की नजर

गुटबाजी वाले राज्यों पर आप की नजर

CM Arvind Kejriwal claims, AAP government will not fall

दिल्ली के बाद कांग्रेस से पंजाब छीनने वाली आम आदमी पार्टी अब राजस्थान में धमाल मचाने को तैयार है। बताया जा रहा है कि राजस्थान में जिस तरह कांग्रेस तीन गुटों में बंटी है। उससे साफ़ है कि आप पार्टी इसका फ़ायदा उठाने की जुगत में है। कहा जा रहा है कि जिस तरह से आप पार्टी ने पहले दिल्ली पर कब्जा किया, उसके बाद पंजाब भी उससे अछूता नहीं रहा। पंजाब में कांग्रेस की गुटबाजी ले डूबी। अब माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी राजस्थान में भी घुसने की तैयारी कर रही है।

बताते चलें कि हाल ही में गुजरात में सम्पन्न हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 5 सीटें जीती है, जबकि 13 प्रतिशत वोट हासिल कर सभी को चौंका दिया। हालांकि, केजरीवाल यहां किस मुद्दे पर चुनाव लड़ते हैं यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा और कांग्रेस की गुटबाजी का कितना फ़ायदा उठाते हैं,यह तो आने वाला समय की बताएगा। फिलहाल तो आप पार्टी कांग्रेस के गुटबाजी वाले राज्यों पर नजर लगाए हुए है।

गौरतलब है कि 2023 में राजस्थान में विधानसभा का चुनाव होना है। बताया जा रहा है कि  नवंबर में यहां विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। यहां कांग्रेस लगातार दो बार से सत्ता में है। कहा जा रहा है कि तीसरी बार भी कांग्रेस सत्ता में लौटने के लिए जोर आजमाइश कर रही है, लेकिन सत्ता विरोधी लहर और गुटबाजी की वजह से बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है। वहीं, खबर है कि इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी भी मैदान में उतरने वाली है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के मुकाबला में शामिल होने से चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा।

बता दें कि आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। आप की दिल्ली और पंजाब में सरकार है। इतना ही नहीं, दिल्ली नगर निगम चुनाव भी जीत चुकी है। जिसकी वजह से आप का मनोबल बढ़ा है। यहां भी कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। कहा जा रहा है कि जिस तरह से आप पार्टी ने गुजरात और दिल्ली निगम चुनाव में कांग्रेस के वोट में सेंधमारी की, इसी तरह राजस्थान में भी कांग्रेस की लुटिया डुबोने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस का लगभग हर राज्यों में वोट शेयर में कम हुआ है। गुजरात में जहां बीजेपी का वोट शेयर 53 प्रतिशत था ,तो कांग्रेस 27 प्रतिशत पर सिमट गई। यही वजह रही कि कांग्रेस का अब तक का यह सबसे खराब प्रदर्शन कहा जा रहा है। ऐसा होता है तो कांग्रेस की क्या प्लानिंग होगी यह देखना होगा। क्योंकि अभी तक आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का ही वोट छिनती आ रही है।

हालांकि, इसके लिए कांग्रेस की कमजोरियों को गिनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि  राजस्थान में कांग्रेस कई गुटों में बंटी है। जिसका फ़ायदा आम आदमी पार्टी उठाने की फिराक है और यही वजह है कि आम आदमी पार्टी राजस्थान में सक्रिय होने के संकेत दे रही है। लोगों का कहना है कि कांग्रेस के प्रति लोगों में रूचि कम हुई है।  यही वजह है की लोग अब आम आदमी पार्टी की ओर रुख कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि केजरीवाल और उनकी टीम राजस्थान में गुजरात की तरह ही आक्रामक प्रचार करने की मन बना रही है।

बता दें कि आप पार्टी ने गुजरात के चुनाव में आक्रामक प्रचार किया था। यहां पार्टी ने अपना सीएम फेस भी घोषित किया था। आप पार्टी ने इसुदान गढ़वी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया था लेकिन वे चुनाव हार गए थे। पार्टी अपना सीएम चेहरा एक सर्वे के बाद घोषित किया था। इससे पहले आप पार्टी यही ट्रिक पंजाब में आजमा चुकी थी। इसलिए आप पार्टी हर राज्य में यही प्रक्रिया अपना कर अपना सीएम चेहरा घोषित करती है। हालांकि आप का राजस्थान में कोई मजबूत संगठन नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि,आने वाले समय में आप पार्टी राजस्थान में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए कदम उठा सकती है।

इसी तरह.आम आदमी पार्टी की हरियाणा विधानसभा चुनाव पर भी नजर है। कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी जहां जहां कांग्रेस कमजोर है या उसमें गुटबाजी है, उन राज्यों में फोकस करने का मन बना लिया है। बताया जा रहा है कि आप पार्टी गुजरात के बाद राजस्थान और हरियाणा के आगामी चुनाव में उतरेगी। राजस्थान की तरह हरियाणा में भी कांग्रेस में गुटबाजी है। यहां भी पार्टी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा जैसे गुटों में बंटी हुई है। इसीलिए आप पार्टी गुजरात की तरह राजस्थान और हरियाणा में मुख्य विपक्षी पार्टी का तगमा हासिल करने लिए हाथ पैर मार रही है। फिलहाल, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा हरियाणा में है। तो देखना होगा यह यात्रा कांग्रेस की गुटबाजी रोक पाती है कि नहीं।

पर आप पार्टी के लिए राजस्थान और हरियाणा की राह उतनी आसान नहीं है। क्योंकि, राजस्थान और हरियाणा में पहले से ही बीजेपी का संगठन मजबूत है। हरियाणा में तो बीजेपी की सरकार है। भले राजस्थान में बीजेपी फेस को लेकर रार छिड़ी हो। लेकिन पार्टी लगातार संगठन को मजबूती देती रही है। वही हाल कांग्रेस का है ,राजस्थान में भले गुटबाजी से जूझ रही हो, लेकिन यहां कांग्रेस के कई बड़े चेहरे हैं जो चर्चित है ,लेकिन आप पार्टी की मुश्किल यह है कि यहां अभी तक कोई संगठन तैयार नहीं कर पाई है और न ही पार्टी का यहां कोई चर्चित चेहरा है। जिसके दम पर विधानसभा के चुनाव में उतरे।

बहरहाल, देखना होगा कि आप पार्टी राजस्थान में कौन सी रणनीति अपनाती है ? क्या कांग्रेस की कमजोरी का फ़ायदा आप पार्टी उठा पाएगी ? वहीं,क्या कांग्रेस आप पार्टी को रोकने के लिए राज्यों में गुटबाजी खत्म करने पर ध्यान देगी ? तो देखना होगा आने वाले समय में इन सवालों  कब मिलते हैं ?

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