तो अब कांग्रेस 2024 में किसे बनाएगी PM उम्मीदवार?     

अगर राहुल गांधी को कोर्ट से भी राहत नहीं मिलती है तो 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से पीएम उम्मीदवार कौन होगा ? क्या प्रियंका गांधी होगी या कोई गैर गांधी ?   

तो अब कांग्रेस 2024 में किसे बनाएगी PM उम्मीदवार?     

राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता जाते ही जबरदस्त राजनीति उथल पुथल देखने को मिल रही है। ऐसे में लोगों के मन कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अब आगे क्या होगा ? क्या राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर कोर्ट की मुहर लगेगी. यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है। हालांकि, लोग यह भी पूछ रहे है कि अगर राहुल गांधी को कोर्ट से भी राहत नहीं मिलती है तो 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से पीएम उम्मीदवार कौन होगा ? इसके अलावा यह भी पूछा जा रहा है कि आखिर राहुल गांधी कोर्ट क्यों नहीं गए ? तो आज इसी मुद्दे पर बात करेंगे।

तो पहला सवाल यह कि कांग्रेस नेता की लोकसभा की सदस्यता रद्द होगी की, रहेगी, तो इस संबंध में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि राहुल गांधी की सदस्यता जाएगी की रहेगी। क्योंकि यह कोर्ट में ही तय होगा। अभी इस संबंध में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि, अभी तक कांग्रेस ने सूरत की सेशन कोर्ट में कोई अपील दाखिल नहीं की है। राहुल गांधी की सदस्यता की सजा होने पर कांग्रेस नेता को अपने बचाव में पहले सूरत की सेशन कोर्ट में ही जाना होगा।

अगर यहां सेशन कोर्ट उन्हें हाई कोर्ट जाने की सलाह देती है, तभी वे हाई कोर्ट जा सकते है। इसके बाद ही आगे का प्रोसेस शुरू होगा। कहने का मतलब यह है कि हाई कोर्ट में भी राहुल गांधी को इस मामले में स्टे नहीं मिलता है तो वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। अगर राहुल गांधी को शीर्ष अदालत से राहत मिलती है तो उनकी सदस्यता बच जाएगी। मगर यहां भी उन्हें राहत नहीं मिलेगा तो राहुल गांधी आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। कुल मिलाकर यह अब राहुल गांधी की सदस्यता पर फैसला अदालतों के ही हाथ में है।

अब दूसरा और सबसे अहम सवाल यह है कि सूरत कोर्ट का फैसला आने के तीन दिन बाद भी कांग्रेस कोर्ट नहीं गई। ऐसे में यह सवाल अहम हो जाता है कि आखिर कांग्रेस कोर्ट जाने के बजाय इस मामले पर राजनीति क्यों कर रही है। तो माना जा रहा है कि कांग्रेस राहुल गांधी की  सदस्यता जाने के मामले को मुद्दा बनाकर राजनीति करने का प्लान बनाया है।

कहा जा रहा है कि अभी जिन राज्यों में राहुल की सदस्यता को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है वह बंद हो जाएगा। एक तरह से कांग्रेस इस मुद्दे को गरमाया रखना चाहती है। बताया जा रहा है कि इस मामले पर कांग्रेस बड़े पैमाने पर सिम्पैथी का फ़ायदा उठाने की कोशिश में है।  कर्नाटक में भी चुनाव प्रचार शुरू हो गया है।

यहां कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है। कहा जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस मुद्दे को बढ़ाचढ़ा कर पेश करने की तैयारी कर रही है। ताकि लोगों को भावनात्मक रूप से कांग्रेस से जोड़ा जा सके और वोट हासिल किया जा सके । अब इस संबंध में बीजेपी ने बड़ा आरोप लगाया है। शनिवार को राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद उनका जवाब देते हुए पलटवार किया।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि तीन दिन बीत जाने के बाद आखिर कांग्रेस क्यों नहीं कोर्ट गई। जबकि पवन खेड़ा के मामले में तुरंत कोर्ट जाकर उनकी बेल करा ली थी। गौरतलब है कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पीएम मोदी के पिता के संदर्भ में विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद असम में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था,हालांकि उन्हें तल्काल बेल मिल गई थी। एक तरह से यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस राहुल गांधी की सदस्यता को भुनाने की कोशिश में है।

अब तीसरा सवाल यह कि अगर राहुल गांधी की कोर्ट से सदस्यता रद्द हो जाती है तो 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से पीएम उम्मीदवार कौन होगा? कई रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस प्रियंका गांधी पर दांव लगा सकती है, क्योंकि सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से कांग्रेस को संभालने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी पर आ सकती है। बताया जा रहा है कि प्रियंका आगामी लोकसभा चुनाव में बरेली से मैदान में उतर सकती है।

बता दें कि लंबे समय से प्रियंका गांधी को कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी देने की मांग की जा रही है। वर्तमान में प्रियंका गांधी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रियंका गांधी नेतृत्व लेने से बचती रही हैं। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि परिवार में सत्ता संघर्ष नहीं है लेकिन सबकुछ ठीक नहीं दिखाई देता है।

कहा जा रहा है कि भले राहुल गांधी फ्रंट पर राजनीति करते नजर आते हैं, लेकिन सोनिया गांधी के समर्थक राहुल गांधी पर भारी पड़ते हैं। यही वजह है कि आज भी राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत को लेकर पेंच फंसा हुआ है। इसी तरह मध्य प्रदेश में भी कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की अदावत ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया।

अब ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में केंद्रीय मंत्री हैं। ऐसा ही कुछ पंजाब में देखने को मिला। जहां सिद्धू और अमरिंदर  सिंह का टकराव कांग्रेस को राज्य से खत्म कर दिया। कहा जाता है कि ये घटनाएं परिवार के संघर्ष को दिखाती है। हालांकि, ये बातें अंदरखाने ही दबी रह गई या  इसे मात्र अफवाह माना गया।

बहरहाल, कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने जहां भी प्रियंका गांधी को लगाया वहां उन्होंने मन चित लगाकर पार्टी के लिए काम किया। माना जा रहा है कि इन सब बातों को देखते हुए प्रियंका को कांग्रेस राहुल की जगह उतार सकती है। हालांकि, यह निर्णय कोर्ट के फैसले के बाद ही होने वाला है।

दूसरी बात यह कि, कांग्रेस किसी गैर गांधी को पीएम उम्मीदवार नहीं बनाएगी यह भी कहना मुश्किल है। क्योंकि, अभी जिस तरह से कांग्रेस में गांधी परिवार का माहौल है। उसे देखते यह कहना कि किसी कांग्रेसी को मौक़ा मिलेगा मुश्किल है। हालांकि, ऐसा तभी हो सकता है जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इससे सहमत हो। बहरहाल ऐसी अभी कोई संभावना नहीं दिख रही है अभी केवल प्रियंका गांधी को ही लेकर चर्चा है।

वैसे अभी राहुल की सदस्यता जाने पर ही प्रियंका गांधी के लिए रास्ता बनेगा। जो अभी भविष्य के गर्भ में है। तो देखना होगा कि कांग्रेस की  आगे की रणनीति क्या होती है ? वहीं, पीएम की लाइन में खड़े  ममता बनर्जी, अरविन्द केजरीवाल, नीतीश कुमार के चंद्रशेखर राव की इस संबंध में क्या प्लान बनाते हैं ?

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