बद्री केदारनाथ मंदिर समिति से शंकराचार्य को चुनौती, “तथ्य और सबूत सामने लाए”

केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी संतोष त्रिवेदी ने बद्री केदार मंदिर समिती पर आरोप लगते हुए गर्भगृह में सोने की जगह पीतल प्लेटे बदलने का आरोप लगाया...

बद्री केदारनाथ मंदिर समिति से शंकराचार्य को चुनौती, “तथ्य और सबूत सामने लाए”

Challenge to Shankaracharya from Badri Kedarnath Temple Committee, “Bring out facts and evidence”

बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के लगाए गए आरोपों पर अपनी भूमिका स्पष्ट की। अजय अजेंद्र ने आग्रह करने के साथ चुनौती देते हुए शंकराचार्य से उनके आरोपों पर तथ्य और सबूतों की मांग की है।

कुछ दिनों पहले 2023 के प्रकरण को दोहराते हुए ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह से 228 किलो सोना गायब होने का आरोप लगाया था। जिसमें बद्री केदार मंदिर में धांधली की बात करते हुए उन्होंने आरोपों का रुख समिति के साथ भाजपा की सरकार पर भी रखा था। अविमुक्तेश्वरानंद के आरोपों के बाद विरोधी दलों ने इसे मुद्दा बना कर सरकार को घेरने की कोशिश भी की। इसी के साथ विरोधियों से बद्री केदार मंदिर समिति पर भी उंगलियां उठी, जिसके बाद स्पष्टीकरण देते हुए मंदिर समिति ने अपना आधिकारिक बयान भी जारी करवाया था।

अब अविमुक्तेश्वरानंद के आरोपों पर समिति खुलकर सामने आया। उनका कहना है की, “मैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से आग्रह करता हूं और चुनौती भी देता हूं कि वह तथ्यों और सबूतों को सामने लाएं। अविमुक्तेश्वरानंद को अगर सच में सोना गायब हुआ ऐसा लगता है तो उन्हें अधिकारियों के पास जाना चाहिए, सबूत पेश करने चाहिए और यदि उन्हें सरकार और अधिकारियों पर भरोसा नहीं है तो सबूत सर्वोच्च न्यायालय में पेश करने चाहिए।”

आगे अविमुक्तेश्वरानंद के रोज के बयानों पर निशाना साधते हुए अजेंद्र अजय ने कहा की वे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सम्मान करते है, लेकिन वह दिन भर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं। विवाद खड़ा करना, सनसनी फैलाना और खबरों में बने रहना उनकी आदत हो गई है। बद्री केदार धाम से सोने के गायब होने का आरोप करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

आगे अपनी आलोचना को और धार देते हुए समिती के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने चुनौतीपूर्ण तरीके से कहा है की, अगर वे कांग्रेस के एजेंडा को आगे बढ़ाने का काम कर रहें है तो ये खेदपूर्ण है। अगर अविमुक्तेश्वरानन्द के पास तथ्य या सबूत नहीं है और वो आरोपों को सिद्ध नहीं कर सकते तो उन्हें अनावश्यक विवाद खड़ा कर बद्री केदार धाम की गरिमा को ठेस पहुँचाने का कोई अधिकार नहीं है।

दरअसल यह मामला वर्ष 2023 का है, जब केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी संतोष त्रिवेदी ने बद्री केदार मंदिर समिती पर आरोप लगते हुए गर्भगृह में सोने की जगह पीतल प्लेटे बदलने का आरोप लगाया था| उन्होंने दावा किया था की गर्भगृह में 125 करोड़ रूपए का सोना लगाया गया था, जिस पर मंदिर ने इससे पहले भी स्पष्टिकरण देते हुए कहा है की मंदिर में जिस दानी महोदय ने यह सोना दिया उन्होंने ने इसे बनवाते समय सपोर्ट के लिए ताम्बे की हजार किलों की प्लेटें लगाई थी। साथ ही गर्भगृह में केवल 23 किलोग्राम का सोना लगाया गया था |

2005 में सोने का इस्तेमाल करते समय वहां से चांदी की प्लेट निकाली गई थी, जो सम्पूर्ण रूप से शुद्ध चांदी थी। शुद्ध चांदी की प्लेट देख कर लोगों को सोने के साथ शुद्धता की गलतफहमी होने की संभावना है।

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