2024 में बदलती धारा: भारत की विदेश नीति में भू-राजनीतिक परिवर्तन

2024 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है।राष्ट्रीय चुनावों के साथ ही वैश्विक परिदृश्य भी तेजी से बदल रहा है, जिसका भारत की विदेश नीति पर गहरा प्रभाव पड़ना तय है।

Changing tides in 2024: Geopolitical changes in India's foreign policy!

-प्रशांत कारुलकर

2024 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है।राष्ट्रीय चुनावों के साथ ही वैश्विक परिदृश्य भी तेजी से बदल रहा है, जिसका भारत की विदेश नीति पर गहरा प्रभाव पड़ना तय है। इस लेख में, हम 2024 में भारत की विदेश नीति में संभावित भू-राजनीतिक परिवर्तनों पर चर्चा करेंगे।

1. बढ़ता रणनीतिक महत्व: भारत का रणनीतिक महत्व लगातार बढ़ रहा है। चीन के उभरते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा किए जा रहे इंडो-पैसिफिक मोर्चे में भारत एक प्रमुख भागीदार है। यह स्थिति भारत को वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है, जिसके निर्णयों का वैश्विक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

2. शक्ति संतुलन का नया समीकरण: अमेरिका और चीन के बीच चल रहे शीत युद्ध 2.0 के कारण विश्व में शक्ति संतुलन का नया समीकरण बन रहा है। यह रूस-यूक्रेन संघर्ष और दक्षिण चीन सागर में तनाव जैसे घटनाक्रमों से और जटिल हो गया है। इस स्थिति में भारत को अपनी विदेश नीति में सावधानी से संतुलन बनाए रखना होगा।

3. QUAD और क्षेत्रीय सहयोग: भारत QUAD (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत) का एक सक्रिय सदस्य है, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में खुले, मुक्त और समावेशी समाज को बढ़ावा देना है। साथ ही, भारत दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी सक्रिय है। ये पहल 2024 में और मजबूत होने की संभावना है।

4. आर्थिक हितों का संतुलन: भारत का विदेश नीति निर्धारण आर्थिक हितों से भी प्रभावित होता है। वैश्विक व्यापार युद्ध और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के कारण भारत को अपने आर्थिक संबंधों में विविधता लाने की जरूरत है। यह 2024 में भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण कारक होगा।

5. भू-राजनीतिक अनिश्चितता का प्रबंधन: 2024 में वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति अस्थिर रहने की संभावना है। भारत को इन अनिश्चितताओं का प्रबंधन करना होगा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अपनी विदेश नीति को लचीला बनाना होगा।

2024 में भारत की विदेश नीति में कई भू-राजनीतिक परिवर्तन होने की संभावना है। भारत को बदलते विश्व परिदृश्य में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए एक संतुलित और रणनीतिक विदेश नीति अपनानी होगी। यह लेख केवल संभावित परिदृश्यों पर चर्चा करता है और वास्तविक स्थिति इन अनुमानों से भिन्न हो सकती है।

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