अगर आपको याद हो तो ९० के दशक में दैनिक नवशक्ति के संतोष गुप्ता द्वारा अजमेर के खादिमों के काले कारनामे उजागर करने वाला एक मामला सामने आया था, जिसमें चिश्ती के खादिमों ने 17 से 20 साल की 250 से ज्यादा लड़कियों को ड्रग्स, नशीली दवाइयों देकर उनकी ग्रूमींग कर उनका यौन शोषण किया था, इस कांड में बड़े-बड़े नेताओं की बेटियां यौन शोषण के अपराधों का शिकार बनी थी। बात इतनी बिगड़ चुकी थी की पीड़ित लड़कियों ने जब पुलिस से मदत लेनी चाही तो पुलिस भी काम न आयी, क्योंकि अजमेर में इस दरंदगी का मुख्य अपराधी फारूक चिश्ती अजमेर की यूथ कांग्रेस का प्रेजिडेंट था। बीते दिनों राजस्थान से ऐसे ही नाबालिग लड़कियों को फुसलाकर यौन अपराध और उनके इस्लामीकरण का मामला सामने आया है।
आपने मेरा पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग पर लिखा लेख पढ़ा हो तो आपको उसे देखना चाहिए, उससे आपको अंदाजा आजाएगा की कैसे पाकिस्तानी मुस्लिम, ब्रिटैन की नाबालिग लड़कियों को घेरकर प्रेमजाल में फांसते है, कैसे उन्हें अपनी वासनाओं का शिकार बनाते है। एक एक लड़की को घेर कर उन्हें या तो मुस्लिम बनने को मजबूर किया जाता है या फिर उन्हें बेचा जाता है।
इसी से मिलती जुलती दरिन्दिगी अब भारत में भी देखने मिल रही है। राजस्थान के ब्यावर में पुलिस ने एक मुस्लिम गिरोह को गिरफ्तार किया है जो नाबालिग हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फांस कर उनके साथ दरिंदगी करते थे, उन्हें मस्जिदों में ले जाते थे, उनसे नमाज पढ़वाते थे, रोजा रखने और कलमा पढ़ने की ज़िद करते थे अर्थात उन्हें धर्मांतरण करने के लिए मजबूर करते थे।
ब्यावर के विजयनगर थानाक्षेत्र का ये मामला है, जहां 7 मुस्लिम युवाओं को गिरफ्तार किया गया है, जो एक गिरोह बनाकर हिंदू लड़कियों को फंसा रहे थे, उन्हें लुभाने के चॉकलेट्स और गिफ्ट्स देते थे। कुछ लड़कियों को उन्होंने चीनी मोबाईल फ़ोन भी दिए ताकि उसके जरिए उनसें संपर्क बनाया जा सके, ये गिरोह उन लड़कियों को अपने उम्र के मुस्लिम लड़कों के साथ बात करने और संबंध रखने के लिए मजबूर करता था। साथ ही पीड़ित लड़कियों को अन्य हिंदू लड़कियों से संपर्क बनवाने के लिए जोर डाल जाता था।
अब तक इस गिरोह से जो 7 लोग पकडे गए है उनमें 2 नाबालिग लड़के भी शामिल है। एक पीड़िता ने बताया की आरोपी ने उससे करीब 10 हजार रुपए लिए हैं ताकि वो उनके फ़ोटो और वीडिओ वायरल न करें। लड़की का कहना है की इन्हीं फोटो वीडिओ के कारण मना करने के बावजूद लड़का अश्लील हरकतें करता था। ऐसा न करने पर उसने पीड़िता के घरवालों को जान से मारने की धमकी दी थी। वो लड़की को कलमा पढ़ने, रोजा रखने और बुर्का पहनने के लिए उसने मजबूर करता था। पीड़िता ने इसी बीच खुलासा किया, आरोपी हिंदूओं की मूर्तियों पर गंदे कमेंट्स किआ करता था, जींस की पैंट पहनने पर टोकता और धमकाता था।
पीड़िता के कथन से आप ये बात तो जरूर भांप चुके होंगे की आरोपी जानते थे की लड़कियां हिंदू है, वो जानते थे की लड़कियां उनसें नहीं मानेंगी, इसीलिए वो लड़कियों के फोटो वीडिओ रखकर उन्हें ब्लैकमेल किया करते थे। शुरुवात में लडकियों को लुभाने के लिए गिफ्ट्स और चॉकलेट देना, उन्हें अच्छे होटलों में ले जाना, उन्हें उनके साथ संबंध बनाना और आखिर में उन पर धर्मपरिवर्तन के लिए दबाव बनाना इन लड़कियों के जरिए नई लड़कियों को फांसना यही इन गिरोहों की मोड्स ऑपरेंडी है। आरोपियों की पत्थर की मूर्तियों के साथ दुश्मनी देखकर आप इसका अंदाज़ा भी लगा सकते है की ये लड़के अच्छे से जानते थे,के ये क्या और क्यों कर रहे है।
ध्यान दें इस मामले का पैटर्न भले ‘लव जिहाद’ का लगे लेकीन यह कोई ‘लव जिहाद’ न होकर ब्लैकमेलिंग, पॉक्सो अंतर्गत यौन शोषण और धर्मांतरण का मामला है, इसे आप ‘मुस्लिम ग्रूमिंग गैंग्स’ कह सकते है क्योंकि इसमें आरोपी पीड़ित लड़कियों को उनके हमउम्र मुस्लिम लड़कों से संबंध बनाने के लिए मजबूर करते थे, न करने पर धमकियां देते थे, जबकि लव जिहाद में अमूमन लड़की को फंसाने के बाद उसे धर्मांतरण करवाया जाता है, यहां धर्मांतरण करवाने के लिए लड़कियों को तैयार किया जा रहा था।
दर्शकों अभी तक 4 से 5 नाबालिग हिंदू लड़कियों ने उनके साथ इस प्रकार के क्राइम का खुलासा किया है, लेकीन ‘मुस्लिम गिरोह’ ये काम कब से कर रहा है और कितनी लड़कियों को फंसाया जा चूका है इसपर अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ है।
देशभर में एक तरफ लव जिहाद के मामले देखे जा रहे थे तो दूसरी तरफ ग्रूमिंग गैंग्स भी सिर ऊपर उठाने लगे है। भारत का बहुसंख्य हिंदू समाज सहिष्णु और उदार विचारों का पोषणकर्ता है, हिंदू समाज में महिला को देवी का दर्जा दिया जाता है, उन्हें शिक्षा और करियर की स्वतंत्रता दी गई होती है। लेकीन अगर हम 21 वे शताब्दी की बात करें तो हिंदू परिवारों में संवाद कम हो चूका है। घर की लड़कियां हो या लड़के उनका सबसे ज्यादा संवाद आभासी दुनिया में ही होता है। यातो वो किसी सोशल मिडिया के कमेंट सेक्शन में बात करते है या फिर व्हाट्सअप पर बात करते है। नाबालिग लड़कियों की अपने पिता से अपनी मां से खुलकर बात नहीं होती, कईबार माता पिता तानाशाही मिज़ाज के होते है, इसीलिए लड़कियां भी उनसें बात करने से कतराती है।
भारत में बॉलीवुड से लेकर अकेडमिया तक कल्चरल मार्क्सिज़्म ने एक इकोसिस्टम बनाया है, जिसमें सौहार्द और सहिष्णुता के नाम पर सिर्फ हिंदू समाज को गरियाया जाता है। आप इसी से समझिए की देश में जितने भी न्यूज चॅनल है उनके 80 प्रतिशत से अधिक दर्शक लड़के होते है। 20 प्रतिशत लड़कियां जो न्यूज पढ़ती है उनमें यातो वो खुद पत्रकार होतीं है या फिर वो फैशन और लाइफ़स्टाइल से सम्बंधित ख़बरें पढ़ती है। ऐसे में बहुसंख्य हिंदू लड़कियों को लव जिहाद क्या होता है ये बात तक नहीं पता होती। अगर उन्हें इस प्रकार के अपराधों के बारे में पता ही न हो तो वो अपना बचाव कैसे करेंगी?
बॉलीवुड,अकैडमिक्स से लेकर सोशल मिडिया तक अपप्रचार के कारण हिंदू लड़कियां हिंदू समाज के प्रथा परम्पराओं में रुचि नहीं राखत और किसी अन्य समाज के बारे में उनके पास जानकारी नहीं होती। उन्हें हिंदू समाज में विषैला पौरुषत्व होने की बातें सिखाई जाती है, कईबार घर के पिता भी इस संशय को सही साबित करने में भागी होते है, ऐसे में उनसे बात करेगा कौन?
भारत में लव जिहाद और ग्रूमिंग गैंग्स का राक्षस अपना सिर ऊपर उठाने लगा है समय आगया है की हिंदू समाज अपने घर में संवाद को पुनःस्थापित करे, इसके लिए परिवार के सदस्यों से जबरदस्ती करने की जरूरत नहीं है। संवाद के बढ़ने से अगर घर के बच्चों को कोई गलत रास्ते पर ले जा रहा है तो उसका भी पता चलता है। घर के लोगों का लड़कियों के वैयक्तिक जीवन में प्रभाव कम होने के कारण किसी और का उनके जीवन पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है, ऐसे में उन्हें दोषी न समझें। इसमें सबसे पहले संवाद स्थापित करना काफी जरुरी है, तब जाकर समाज की इस बड़ी समस्या से मार्ग निकले सकते है। शुरुवात तो घर से ही करनी होगी !
यह भी देखें:
https://youtu.be/SpFKKPf8K7s