कांग्रेस के क्रियाकलाप पर पार्टी के नेता समय समय पर सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन, इस सब से अलग सोमवार को कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी का सवाल अलग है। उनके बयान का असर मध्य प्रदेश की राजनीति पर पड़ सकता है। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं द्वारा हिन्दू धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने पर सवाल उठाया है। उन्होंने अब कांग्रेस के नेताओं द्वारा जय गंगा मैया की जय, गर्व से कहो मै हिन्दू हूं, जैसे नारे लगाए जाने पर आपत्ति जताई है।
उन्होंने इसे शर्मनाक बताया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुसलमान कांग्रेस के साथ जाएंगे? यह बड़ा सवाल है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव होने है। तो ऐसे में कांग्रेस को कितना फायदा और कितना नुकसान होगा? इस पर सवाल खड़ा होने लगा है। तो दोस्तों, आज हम इसी मुद्दे पर बात करेंगे। अगर आप हमारे चैनल पर नए है तो आपसे रिक्वेस्ट है कि हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें।
दरअसल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यपाल रह चुके अजीज कुरैशी ने मध्य प्रदेश के विदिशा में एक मंच पर कांग्रेस नेताओं द्वारा हिन्दू धार्मिक कार्यों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि “मुझे कोई डर नहीं है, मुझे निकाल देना पार्टी से। नेहरू के वारिस आज धार्मिक यात्राएं निकाल रहें हैं। गंगा मइया की जय, नर्मदा मइया जय के नारे लगा रहे है। गर्व से कहो मै हिन्दू हूं, पीसीसी के दफ्तर में मूर्तियां लगाते हैं, यह शर्मनाक है और डूब मरने की बात है।”कुरैशी यहीं नहीं रुके उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि सभी पार्टियां, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, उनसे मै कहना चाहता हूँ कि मुसलमान आपका गुलाम नहीं है। मुसलमान आपको क्यों वोट दे, आप नौकरी देते नहीं, पुलिस, सेना, नेवी में लेते नहीं फिर क्यों मुसलमान आपको वोट दे।
अब सवाल यह है कि कुरैशी ने ऐसा क्यों कहा? गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से कांग्रेसी सत्ता का स्वाद चखने के लिए बेताब है। इसलिए कांग्रेस के नेता बीजेपी को हराने के लिए हर वो हथकंडे अपना रहे हैं, जिससे वे चुनाव जीत सके। साम, दाम, दंड भेद आजमा कर सत्ता तक पहुंचना चाहते है। एक समय था कि कांग्रेस नेताओं को हिन्दू, आतंकवादी नजर आते थे, कांग्रेस नेता भगवा आतंकवाद की परिभाषा तक गढ़ डाले थे। लेकिन, आज कांग्रेसी नेताओं को भारत को हिन्दू राष्ट्र कहने पर भी गुरेज नहीं है। कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रम में पहुंचे थे।
धीरेन्द्र शास्त्री जहां भी अपने कार्यक्रम करते है वहां वे भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग करते हैं। 6 अगस्त को धीरेन्द्र शास्त्री ने एक बार फिर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग। तब यहां कमलनाथ थे। इसके बाद कमलनाथ ने धीरेन्द्र शास्त्री से भी आगे निकल गए। उन्होंने यहां कहा कि वे हनुमान भक्त हैं, और उन्हें हिन्दू होने पर गर्व है। इसके एक दिन बाद कमलनाथ ने यह भी बता दिया कि भारत ऑल रेडी हिन्दू राष्ट्र है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि हमारे देश में 82 फीसदी हिन्दू हैं तो ये कौन सा राष्ट्र हुआ।
बाद में कमलनाथ यहां कहते हैं कि मै सेक्युलर हूं। जून माह में प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी की पूजा की थी। राहुल गांधी भी मंदिर मंदिर चक्कर लगा रहे हैं। अप्रैल माह में मध्य प्रदेश में कांग्रेस कार्यालय को भगवा झंडे से सजाया गया था। इसी तरह से, जून माह में मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से कांग्रेस नेता के किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं देने का आडियो वायरल हो गया था। जिसके बाद से शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया को पार्टी से हटा दिया गया था। यह वह कहानी है जो कांग्रेस के चरित्र को दिखाती है। अब कुरैशी ने कांग्रेस के इन्हीं क्रियाकलापों सवाल उठाया है।
दरअसल, कांग्रेस के नेता सत्ता हथियाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। नर्मदा नदी की पूजा अर्चना कर रहे हैं। कांग्रेस नेता हमेशा से हिन्दू आस्था पर चोट करते रहे हैं। कांग्रेस का इतिहास बताता है कि कैसे हिन्दू आस्था का पार्टी ने तिरस्कार किया। लेकिन आज जब कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई है तो एक बार फिर कांग्रेस हिन्दू आस्था पर राजनीति कर सत्ता के शिखर तक पहुंचना चाहती है। इस तरह से देखा जाए तो कांग्रेस के लिए अच्छी बात नहीं है। हिन्दू जनमानस जान चुका है कि कांग्रेस का चरित्र दोगलेपन का शिकार है। और इसके नेता फर्जी हिन्दू प्रेम दिखा रहे हैं।
आज वे सत्ता के लिए हिन्दू राष्ट्र की बात कर रहे हैं, तो कल सत्ता में आने के बाद उनके सुर बदल भी सकते हैं। इसी तरह से मुसलमान भी कांग्रेस के दोहरे चरित्र को जान चुका है। इसलिए अजीज कुरैशी कह रहे हैं कि मुसलमान कांग्रेस का गुलाम नहीं है। उसे मुसलमान क्यों वोट दे। यह कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत नहीं है। रही बात आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तो कमलनाथ के हिन्दू प्रेम पर कई मुस्लिम नेताओं ने आपत्ति जताई थी। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि आगामी चुनावों में कांग्रेस का दोहरा चरित्र भारी पड़ सकता है। और मुस्लिम वोटर्स कांग्रेस के बजाय अन्य दलों को अपने विकल्प के रूप में चुन सकते हैं।
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