कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा की पटकथा लिख दी है। उनके बयान से यह साफ़ हो गया है कि राहुल गांधी राज्य में किसे मुद्दा बनाएंगे ? खुर्शीद ने इस पटकथा को सार्वजनिक भी कर दिया है। सलमान खुर्शीद ने राहुल गांधी की तुलना राम से की है और कांग्रेस को राम का खड़ाऊ बताया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि खुर्शीद को भारत जोड़ो यात्रा से पहले भगवान राम और खड़ाऊ की क्यों याद आई? क्या यात्रा के दौरान राहुल गांधी एक बार फिर हिन्दू और हिंदुत्व को निशाने बनाएंगे। जैसा वह करते आये हैं। वे बार बार हिन्दू और हिंदुत्व पर सवाल उठाते हैं ? क्या यूपी में होने वाले निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस पिच तैयार कर रही है ? यह तो उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा पहुंचने पर ही पता चलेगा। पहले यह जान लेते हैं कि खुर्शीद ने अपने बयान में कहा क्या है ?
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों के बारे में बात कर रहे थे। जहां उन्होंने कहा कि भगवान राम हर जगह नहीं जा सकते हैं। उनकी खड़ाऊ बहुत दूर तक जाती है। उनकी खड़ाऊ लेकर हम कांग्रेसी लेकर चल रहे हैं। खड़ाऊ उत्तर प्रदेश आ चुकी है तो राम भी आ ही जाएंगे। खुर्शीद यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक योगी की तरह तपस्या कर रहे हैं।
कमाल है. जिस पार्टी के नेता भगवान राम को नकार चुके हैं। वे अब उसी भगवान राम की शरण में जा रहे हैं। जिस राम जन्मभूमि को कांग्रेस अटकाए भटकाए रखा ,आज उसी का कांग्रेस को भगवान राम का सहारा लेना पड़ रहा है। मै बार बार याद दिलाता हूं कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जिसका कोई विचार नहीं है, यही वजह है कि कांग्रेस भटकी हुई है। कांग्रेस के नेता भी उलझे हुए हैं। जिसकी वजह से वे निर्णय नहीं कर पाते कि उन्हें करना क्या है ? लेकिन चुनाव के समय भगवान राम, माता सीता और भगवान हनुमान याद आने लगते हैं। मगर इससे पहले कांग्रेस के नेता हिन्दू देवी देवताओं का अपमान कर खुशियां मनाते हैं।
आप खुद समझिये की कांग्रेस नेताओं की नियत कैसी है। यही सलमान खुर्शीद ने 2021 में अपनी पुस्तक सनराइज ओवर अयोध्या में हिंदुत्व की तुलना इस्लामिक आतंकी संगठन से की थी। जिस पर खूब हंगामा मचा था। हमें समझना होगा कि कांग्रेस नेताओं का एक ही मकसद है हिन्दू और हिंदुत्व को बदनाम करना है। जो कांग्रेस लगातार करती आई है और कर रही है। राहुल गांधी ने भी राजस्थान की एक रैली में हिन्दू और हिंदुत्व की नई परिभाषा दी थी।
रही बात तथ्य की, तो वह कोसो दूर थी। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को भले 50 साल के हो गए हैं लेकिन उन्हें हिन्दू संस्कृति और परंपरा की सही जानकारी नहीं है। यही वजह है कि राहुल गांधी कुछ भी बोलते हैं, लेकिन उसमें गंभीरता नहीं होती है। इतना ही नहीं उनका ज्ञान भी अधूरा रहता है। इससे पहले भी राहुल गांधी ने जय श्रीराम नारा पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी जय सियाराम इसलिए नहीं बोलती है क्योंकि संघ में कोई महिला नहीं है। इससे समझ में आता है कि राहुल गांधी को वेद पुराणों के बारे में कितनी जानकारी है। बाद में बीजेपी के नेताओं ने राहुल पर हमला करते हुए कहा था कि श्री का मतलब ही माता लक्ष्मी, माता सरस्वती है। अब कांग्रेस के नेता भगवान राम की तुलना राहुल गांधी से कर रहे हैं । यह कितना उचित है ? यह राजनीतिक दल ही तय करें।
अब बात, भारत जोड़ो यात्रा कि, जिसकी तैयारी में खुर्शीद पहुंचे थे और राहुल गांधी को राम बता दिया। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इसलिए नहीं जानी जायेगी कि इस यात्रा का नेतृत्व राहुल गांधी ने किया था। बल्कि इसलिए जानी जायेगी कि हर राज्य में विवादों में रही। कभी विवादित बयान के लिए तो कभी गलत रूट के लिए जानी जाएगी। अब यह यात्रा नए साल में तीन जनवरी को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। यह जानकर सभी को हैरानी होगी कि यूपी में 75 जिलें हैं लेकिन भारत जोड़ो यात्रा मात्र तीन जिलों में ही जाएगी।
2022 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस केवल दो ही सीट जीत पाई। जबकि ढाई प्रतिशत वोट पर ही सिमट गई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश की क्यों अनदेखी कर रही है? लोगों का कहना है कि राज्य में कांग्रेस के अस्तित्व पर ही खतरे में है। बावजूद इसके भारत जोड़ो यात्रा कुछ ही जिलों में ही क्यों निकाली जा रही है। कहा जा रहा है कि जल्द ही राज्य में निकाय चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसे देखते हुए कांग्रेस इस यात्रा के जरिये क्या संदेश देती है ? माना जा रहा है कि खुर्शीद का यह बयान राहुल गांधी के लिए तैयार किया जा रहा हैं। जहां वे बीजेपी, नफरत,संघ के साथ हिन्दू और हिंदुत्व का कार्ड खेल सके ? जानकारों के अनुसार राज्य में अपना अस्तित्व खो चुकी कांग्रेस हिन्दू और हिंदुत्व पर बीजेपी को घेरने का प्लान बना रही है।
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