तीन सदी पहले का एक राजा। जिसकी तस्वीर 2023 में लहराई जाती है या सोशल मीडिया पर स्टेटस शेयर किया जाता है, तो मसला कानून-व्यवस्था का बन जाता है। पथराव होने लगता है। तोड़फोड़ होने लगती है। पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ती है। हम बात कर रहे है महाराष्ट्र की। जहां पिछले कुछ दिनों में औरंगज़ेब को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। जिस वजह से तोड़फोड़ और पथराव तक हो गया। लोगों का कहना है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्य में औरंगज़ेब का गुणगान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं आज हम आपकी मुलाकात उन लोगों से कराएंगे जो औरंगजेब को सबका बाप बता रहें है। या यूं कहें कि मुगल शासक औरगजेब के मौत के लगभग 317 साल के बाद भी आज भी देश में औरंगजेब का एक फैन क्लब मौजूद है। औरंगजेब के बहुत बड़े समर्थक और हितैषी यहाँ है। औरंगजेब के नाम का व्हाट्सअप स्टैटस लगानेवाले लोग हमारे देश में आज भी है। आजाद देश में आज भी ऐसे कई लोग है जो औरंगजेब के समर्थन में बैनर, पोस्टर और तस्वीरें लहराते है। और कहते है औरंगजेब सबका बाप है।
महाराष्ट्र के कोल्हापूर में हिन्दू संगठनों ने बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन किया और ये विरोध प्रदर्शन इसलिए हुआ क्यूंकी इसी इलाके के कुछ मुस्लिम नाबालिग लड़कों ने औरंगजेब की तारीफ में अपने व्हाट्सअप पर स्टैटस लगाया था। जिसमें औरंगजेब की तारीफ लिखी थी। और शायद आप नहीं जानते होंगे कि आखिरकार इस व्हाट्सअप स्टैटस पर क्या लिखा था। उसमें लिखा था औरंगजेब सबका बाप! हालांकि आज हम इस वीडियो के माध्यम से बताएंगे कि कौन किसका बाप है और कौन किसकी औलाद है! महाराष्ट्र के कोल्हापूर में हजारों की संख्या में हिन्दू संगठनों से जुड़ें लोगों ने सड़कों पर निकलकर विरोध प्रदर्शन किया। और इस दौरान कोल्हापूर में रहनेवाले आम हिन्दू परिवार भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। और आरोप है कि इस दौरान जब कुछ लोगों में झड़प हुई तो वहाँ तनाव इतना बढ़ गया कि ये विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। जिस वजह से पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज भी करना पड़ा।
हजारों लोग विरोध प्रदर्शन में इसलिए शामिल हुए क्यूंकी ये लोग उन नाबालिग लड़कों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग कर रहे थे। जिन्होंने अपने व्हाट्सअप स्टेट्स पर औरंगजेब की तारीफ में लिखा था कि औरंगजेब सबका बाप है। और इस दौरान नाबालिग मुस्लिम लड़कों पर छत्रपती शिवाजी महाराज के लिए अपशब्द लिखने का आरोप भी लगा है। इन नाबालिगों के व्हाट्सअप पर जो स्टैटस लगा था उसमें औरंजेब की तस्वीर के साथ लिखा था THE TRUE KING OF EVERY HOME यानी हर घर का असली राजा। छत्रपती शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य के शासक थे। और औरंगजेब उनका समकक्ष था जो मुगल शासन का उस जमाने में नेतृत्व करता था। कहने का अर्थ है ये दोनों समकालीन थे।
ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार छत्रपती शिवाजी महाराज का नाम सुनकर औरंगजेब को अपने पूर्वजों की याद आ जाती थी। बावजूद इसके आज महाराष्ट्र में 14/15 साल के लड़के औरंगजेब को सभी लोगों का बाप बता रहे है। और खुद को औरंगजेब की औलाद बता रहे है। और इसी वजह से महाराष्ट्र के कोल्हापूर में हंगामा मच गया है। हालांकि बात यहाँ महाराष्ट्र के सिर्फ एक शहर की नहीं है। 5 जून को महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में एक खास धर्म के लोगों ने एक धार्मिक जुलूस निकाला था और इस जुलूस में मुगल शासक औरंगजेब की तस्वीरें लहरा कर उसके समर्थन में नारे लगाएं गए थे।
अब औरंगजेब को सबका बाप बताने वाले इन लोगों पर राजनीति शुरू हो गई है और दुर्भाग्यपूर्ण वाली बात यह है कि इस राजनीति में सारी पार्टियां एकजुट नहीं है। एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि ये सब कुछ महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार की वजह से हुआ है। जबकि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा है वो इस मामले की जांच कराएंगे की आखिर महाराष्ट्र में अचानक से औरंगजेब की इतनी औलादे कहाँ से पैदा हो गई।
3 अप्रैल 1680 को जब छत्रपती शिवाजी महाराज की मृत्यु हुई थी तब मृत्यु से पहले उन्होंने जो जो शब्द कहे उन सभी शब्दों में तलवार जैसी धार थी और ये शब्द औरंगजेब को ललकार रहे थे। छत्रपती शिवाजी महाराज ने मृत्यु से पहले अपने पुत्र छत्रपती संभाजी महाराज से कहा था कि उन्होंने जीवित रहते हुए वो सबकुछ किया जो मुगल सम्राज्य और औरंगजेब के अत्याचार को रोकने के लिए जरूरी था। और उन्होंने अपने शासनकाल में ये सुनिश्चित किया कि उनके लोग और उनका धर्म हमेशा स्वतंत्र और मजबूत रहे। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद अब ये लड़ाई उनके पुत्र छत्रपती संभाजी महाराज को अकेले ही लड़नी होगी। और ये रास्ता काफी कठिन होगा जहां उन्हें कई तरह के षड्यंत्रों का सामना करना होगा।
इसके बाद छत्रपती शिवाजी महाराज अपने शयन कक्ष में मौजूद चिकित्सकों से पूछते है कि उनके पास अब कितना समय बचा है। लेकिन इस सवाल से चिकित्सक खामोश हो जाते है। और इस खामोशी से छत्रपती शिवाजी महाराज समझ जाते है कि अब उनके पास बस कुछ ही क्षण बचे है। यानी आखिरी सांसे चल रही है और अब मृत्यु करीब हैं।
इन्ही आखिरी क्षणों में वो अपने पुत्र संभाजी महाराज से कहते है कि इस लड़ाई में हमेशा औरंगजेब से सावधान रहना लेकिन आज का दुर्भाग्य देखिए कि आज छत्रपती शिवाजी महाराज के उसी महाराष्ट्र में उसी भूमि पर क्रूर और कट्टर औरंगजेब को नायक बनाकर प्रस्तुत किया जा रहा है। और उसको सबका बाप बताया जा रहा है। जिसकी कल्पना शायद कभी शिवाजी महाराज ने भी नहीं की होगी। लेकिन कड़वा सच यही है कि छत्रपती शिवाजी महाराज का प्रताप इतना मजबूत था कि जब भी औरंगजेब का सामना छत्रपती शिवाजी महाराज से होता था। तब उसे उसके पूर्वजों की याद आ जाती थी।
औरंगजेब का जन्म वर्ष 1618 में उस समय के मालवा क्षेत्र में हुआ था। जबकि छत्रपती शिवाजी महाराज का जन्म वर्ष 1630 में शिवनेरी किले में हुआ था। उम्र में छत्रपती शिवाजी महाराज औरंगजेब से 12 साल छोटे थे। औरंगजेब की ताजपोशी वर्ष 1658 में हुई। इस गद्दी के लिए उसने अपने भाई दारा शिकोह का सिर तन से जुदा करवा दिया था। यहाँ तक की अपने पिता शाहजहाँ को भी उसने गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया था। यानी जो अपने भाई और पिता का ना हुआ वो किस प्रवित्ती का होगा आप सोच सकते है। बावजूद इसके आज औरंगजेब हमारे देश में एक खास विचारधारा वाले लोगों के लिए एक योद्धा, बादशाह और सबका बाप है।
राज्याभिषेक के 8 साल बाद जब 1666 में छत्रपती शिवाजी महाराज औरंगजेब के दरबार में एक निमंत्रण पर आएं तब उनके तल्ख तैवर और आग उगलते हुए शब्दों ने औरंगजेब को इतना डरा दिया कि सबसे पहले औरगजेब ने भरी सभा में छत्रपती शिवाजी महाराज का अपमान किया और इसके बाद 12 मई 1666 में उन्हें गिरफ्तार करके आगरा जिले में कैद कर दिया। छत्रपती शिवाजी महाराज के युद्ध कौशल और उनके साहस से औरंगजेब अच्छी तरह से वाकिफ था। इसलिए मौका मिलते ही उसने छत्रपती शिवाजी महाराज को बंदी बना लिया, लेकिन छत्रपती शिवाजी महाराज को बंद करके रखा नहीं जा सकता था, जैसे बहते हुए सागर को!
हुआ भी वहीं दरअसल सिर्फ 3 महीने के बाद अगस्त 1667 में छत्रपती शिवाजी महाराज आगरे किले से निकलकर वापस महाराष्ट्र पहुँच गए। और यहाँ उन्होंने खुद को अपने साम्राज्य का स्वतंत्र राजा घोषित करते हुए औरंगजेब को सीधे-सीधे ललकारा। और कहा कि जब तक उनकी साँसे चलेगी तब तक औरंगजेब डर डर कर जिएगा। और ये बात सच साबित हुई। औरंगजेब ने अपने हजारों सैनिकों की मदद से छत्रपती शिवाजी महाराज को गिरफ्तार करके फिर से बंदी बनाने की पूरी कोशिश की लेकिन औरंगजेब कामयाब नहीं हो सका। बल्कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान छत्रपती शिवाजी महाराज का मराठा साम्राज्य अपने सीमाओं का विस्तार करता रहा।
वर्ष 1680 में जब लंबी बीमारी के बाद छत्रपती शिवाजी महाराज की मृत्यु हुई तब औरंगजेब भी शिवाजी महाराज की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाया था। उस समय औरंगजेब ने कहा था छत्रपती शिवाजी महाराज एक महान योद्धा थे। हालांकि औरंगजेब के सैनिक 19 वर्षों तक छत्रपती शिवाजी महाराज का पीछा करते रहे लेकिन इसके बावजूद छत्रपती शिवाजी महाराज के साम्राज्य का विस्तार होता चला गया। इसका अर्थ यही है कि औरंगजेब छत्रपती शिवाजी महाराज के नाम से काँपता था, लेकिन आज उसी औरंगजेब का फैन क्लब औरंगजेब का महिमामंडन कर रहा है। और वो भी छत्रपती शिवाजी महाराज की अपनी भूमि पर और ये वो लोग है जो छत्रपती शिवाजी महाराज की आलोचना और अपमान कर रहे है। और औरंगजेब की तारीफ़ में कसीदें पढ़ रहे है।
महाराष्ट्र में आज औरंगजेब को औरंगजेब द ग्रेट बनाने की कोशिश हो रही है और ये सबकुछ धर्म के नाम पर हो रहा है। मुस्लिम तुष्टीकरण के नाम पर हो रहा है। और हमारे देश में एक खास धर्म के लोग आज भी ये सोचते है क्यूंकी औरंगजेब उनके धर्म से था। सिर्फ इसलिए उसकी तारीफ करते है। एक बार के लिए लोग यह भी नहीं सोचते कि औरंगजेब कितना क्रूर और कट्टर था उसने भारत के लोगों पर कितना अत्याचार किया है। जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया। लेकिन आज हैरानीवाली बात यह है कि भारत के इस अमृतकाल में भी लोग औरंगजेब के नाम पर अपने व्हाट्सअप पर स्टेट्स लगा रहे है।
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