आखिरकार कांग्रेस की मंशा पूरी, केनिया ने भारत की अडानी कंपनी के साथ करार किया रद्द!

बड़ी चीनी कंपनियों के खिलाफ करार में उतरकर अडानी ने चीनी कंपनियों को धूल चटाई थी। 

आखिरकार कांग्रेस की मंशा पूरी, केनिया ने भारत की अडानी कंपनी के साथ करार किया रद्द!

Finally, Congress's wish was fulfilled, Kenya canceled the agreement with India's Adani company!

अमेरिकी न्याय विभाग और प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत और धोखाधड़ी मामले में अदानी समूह के अध्यक्ष गौतम अदानी और अन्य को आरोपी ठहराए जाने के कुछ ही घंटों बाद गुरुवार (21 नवंबर) को केनिया के अध्यक्ष विल्यम रूटो ने अडानी कंपनी को अपग्रेड के लिए एयरपोर्ट के नियंत्रण प्रक्रिया को रद्द किया है। बता दें की, बड़ी चीनी कंपनियों के खिलाफ करार में उतरकर अडानी ने चीनी कंपनियों को धूल चटाई थी।

बता दें की, केनिया के नैरोबी में स्थित ज्योमो केन्याटा हवाई अड्डे का विस्तार, सुधार का करार हुआ था, जिसमें चीनी कंपनियां तगड़ी लॉबिंग और प्रोपोगेंडा के साथ उतरी थी। चीनी कंपनियों ने केन्या के विरोधी पार्टियों और प्रेशर ग्रुप्स के जरिए इस करार को हथियाने की कोशिश भी की थी। इसी के साथ भारत में कांग्रेस पार्टी ने इस करार का विरोध करना शुरू किया था। कोंग्रेसी नेता जयराम रमेश ने दवा किया था की, ‘भारतीय समूह के खिलाफ जो गुस्सा है वो भारत और भारत सरकार के खिलाफ परावर्तित हो सकता है।’ हालांकि, यह समझने में चीनी प्रोपोगेंडा ही लगता है, इसीलिए भारतीयों ने कोंग्रेसी नेता और कांग्रेस की भूमिका की जमकर आलोचना भी की थी।

दरम्यान केन्या के अध्यक्ष रूटों ने कहा, “मैं अब पारदर्शिता और जवाबदेही पर संविधान के अनुच्छेद 10 में निहित सिद्धांतों को आगे बढ़ाने और जांच एजेंसियों और भागीदार देशों द्वारा प्रदान की गई नई जानकारी के आधार पर निर्देश देता हूं कि परिवहन मंत्रालय और ऊर्जा और पेट्रोलियम मंत्रालय के भीतर खरीद एजेंसियां ​​तुरंत जेकेआईए विस्तार सार्वजनिक-निजी भागीदारी लेनदेन के लिए चल रही खरीद प्रक्रिया को रद्द करें…भागीदार देशों द्वारा हमें दी गई जानकारी के कारण, मैंने परिवहन मंत्रालय और ऊर्जा और पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत एजेंसियों को जेकेआई विस्तार सार्वजनिक-निजी भागीदारी लेनदेन के लिए चल रही खरीद प्रक्रिया को तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया है।”

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पिछले कुछ सालों से कांग्रेस भारत के पूंजीपतियों खासकर अडानी का जमकर विरोध कर रही है। इसके पिछे उन्होंने कईबार कारण बताया है की अडानी भारत को लूट रहे है, और भाजपा सरकार इसमें मदद कर रही है। ऐसे ही दावे कांग्रेस ने राफेल जहाजों की खरीद के समय अंबानी समूह पर किए थे जो झूठे साबित होने पर कांग्रेस नेताओं को माफ़ी मांगनी पड़ी थी। वहीं कांग्रेस अब अडानी समूह को लेकर विभिन्न दावें और विरोध करती दिख रही है, जिसका अडानी समूह और भारतीय शेयर मार्केट को बड़ा झटका लगा है।

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