-प्रशांत कारुलकर
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में तेजी से बढ़त हासिल कर रहा है, खासकर यूके और अमेरिका में। निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए सरकार प्रोत्साहन दे रही है, और सैमसंग और एप्पल जैसी कंपनियों के भारत में विनिर्माण कारखाने हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ योजना का समर्थन करता है।
हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, पिछले नवंबर में अमेरिका में चीन से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का अनुपात 2.51% से बढ़कर 7.65% हो गया है। इसी तरह, ब्रिटेन में यह अनुपात 4.79% से बढ़कर 10% हो गया है।
सरकार घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें सब्सिडी योजनाएं, उत्पाद शुल्क में रियायतें और अनुसंधान और विकास को समर्थन शामिल हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उदाहरण के लिए, वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले नौ महीनों में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 22.24% बढ़कर 20 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया। इस वृद्धि में स्मार्टफोन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, खासकर Apple के iPhone का।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के पास इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का केंद्र बनने की क्षमता है। देश की युवा आबादी, मजबूत अर्थव्यवस्था और सरकार की सहायक नीतियों से इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘मेक इन इंडिया’ अभियान भारत में विकास के अद्भुत परिणाम दिखा रहा है। इस अभियान का लक्ष्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना और घरेलू क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देना है। हाल के वर्षों में, ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
‘मेक इन इंडिया’ का उद्देश्य भी ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना है। इसने भारत को एक प्रतिस्पर्धी निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद की है।
‘मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता आंकड़ों में परिलक्षित होती है। भारत का विनिर्माण क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है, और देश वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक अभिन्न अंग बन गया है। इस अभियान ने रोजगार के अवसर सृजित करने और समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यकीनन, ‘मेक इन इंडिया’ भारत के आर्थिक परिवर्तन का वाहक रहा है। भारत को एक वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति बनने की अपनी यात्रा में अभी बहुत कुछ हासिल करना है, और ‘मेक इन इंडिया’ इस महत्वाकांक्षा को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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