मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का प्रचार प्रसार श्राद्ध तक पहुंच गया है। जिस पर शिवराज सिंह चौहान ने जबरदस्त तरीके से कांग्रेस पर वार किया है। मध्य प्रदेश में मामा के नाम से प्रसिद्ध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद को फीनिक्स पक्षी बताया है। उन्होंने कहा कि मामा के मरने की दुआ की जा रही है। कांग्रेस के लोग सुबह शाम बस एक ही नाम का जाप कर रहें। और कह रहे हैं शिवराज मामा तेरा सर्वनाश हो।
दरअसल, सोशल मीडिया पर मंगलवार को एक पोस्ट वायरल हुई थी, जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर के साथ लिखा था। मामा का श्राद्ध। श्राद्ध में बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को दिया टिकट। इसके बाद जब शिवराज सिंह चौहान ने जनता के बीच पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग मेरे मरने की दुआ कर रहे हैं। हर दिन कांग्रेस के लोग मेरे नाम का जाप कर रहें और कह रहें हैं कि शिवराज सिंह चौहान तेरा सत्यानाश ही जाए।
उन्होंने आगे कहा कि, मगर मै शिवराज हूं, मै अपनी जनता का सेवक हूं, मर भी जाऊंगा तो फीनिक्स पक्षी की तरह राख की ढेर से फिर पैदा हो जाऊंगा। फिर क्या था शिवराज सिंह चौहान के इस भाषण पर जमकर तालियां बजी। देखा जाए तो शिवराज सिंह चौहान जब जनता के बीच होते है तो उनका जनता पर जबरदस्त जादू छाया रहता है। यही वजह है कि उनका मध्य प्रदेश में क्रेज है। सबसे अधिक समय तक मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के पद पर रहने वाले शिवराज सिंह चौहान में आज भी प्रदेश के लिए काम करने की लगन देखने को मिलती है।
सोशल मीडिया पर शिवराज सिंह चौहान के श्राद्ध वाली पोस्ट वायरल होने पर बीजेपी नेता उमा भारती ने इसकी निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर कहा है कि किसी की जीवित श्राद्ध करने से आयु बढ़ती है। साथ ही उन्होंने इस कार्य को निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति को ढूंढकर पर केस दर्ज किया जाना चाहिए। जिसने ऐसा निंदनीय कार्य किया है। उन्होंने आगे कहा कि शिवराज सिंह चौहान को फीनिक्स पक्षी होने की जरुरत नहीं है। फीनिक्स जल जाता है, राख बन जाता है। और फिर वह उसी राख से पैदा होता है। श्राद्ध का दांव उलटा पड़ेगा। आयु बढ़ेगी। उन्हें फीनिक्स पक्षी बनने की जरुरत नहीं है। शिवराज सिंह शतायु हों।
पिछले दिनों यहां तक कहा गया कि बीजेपी उन्हें मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं बनाएगी।हालांकि ऐसी सिर्फ बातें कही गई। आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया। जिस तरह से शिवराज सिंह चौहान को राज्य की जनता मामा नाम से जानती है और बुताती है यह उनकी लोकप्रियता का ही परिणाम है। शिवराज सिंह कहते है कि वह जो भी करते हैं दिल से करते हैं और सरकार भी दिल से चलाते हैं और चुनाव भी दिल से लड़ेंगे। बहरहाल इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में अगर शिवराज सिंह चौहान खुद को फीनिक्स पक्षी जैसा बताते हैं तो यह जाने की जरुरत है कि फीनिक्स पक्षी क्या है? जिससे शिवराज सिंह खुद की तुलना कर रहें हैं।
गौरतलब है कि, फीनिक्स पक्षी यूनानी कथाओं का पात्र है, इसे माया पक्षी भी कहा जाता है और यह सूर्य से जुड़ा हुआ है। इसका जीवट और जज्बे के लिए बार बार उल्लेख किया जाता है। इसका रंग रूप बहुत की मनमोहक होता है और यह रंग बिरंगा होता है। इतना ही नहीं, मान्यता है कि यह पक्षी 500 से 1000 साल तक जीता है। इसकी पूछें सुनहरी और आकर्षण होती हैं। इस पक्षी को अमरता और पुनरुत्थान का प्रतीक माना जाता है। फीनिक्स पक्षी न अंडा देता है और न बच्चे पैदा करता है। यह पक्षी अमर है, वह इसलिए अमर नहीं है कि वह मरता नहीं है बल्कि वह अपनी मृत्यु का खुद इंतजाम करता है। इसके बावजूद वह खत्म नहीं होता है।
तो दोस्तों इस पक्षी के पीछे की कहानी यह है कि सूर्य भगवान धरती पर इस सुनहरे पक्षी को सुरीली आवाज में गाते हुए देखा। इस पक्षी को देखकर सूर्य भगवान अति खुश हुए। उन्होंने इस पक्षी से पूछा कि क्या तुम मेरे पक्षी बनोगे। यह बात सुनकर फीनिक्स बहुत खुश हुआ और सूर्य को उनका पक्षी बनने की इजाजत दे दी है। उसने कहा कि आज से मेरा गीत आप के लिए होंगे। लेकिन कुछ दिन बाद फीनिक्स की सुंदरता उसी के लिए आफत बन गई। उसे हर कोई छूना और पकड़ना चाहता था। इससे फीनिक्स पक्षी काफी दुखी हुआ और वह ऐसी जगह पहुंचा, जहां इंसान न हो और वह जगह थी रेतीली भूमि। यहां दूर दूर तक कोई इंसान दिखाई नहीं देता था। यहां वह बहुत खुश था और सूर्य के गीत गाता था।
इसी के साथ 500 साल बीत गए और अब फीनिक्स पक्षी बूढ़ा हो चला था, वह न तो ज्यादा उड़ सकता था और न ही ज्यादा गा सकता था। वह इस तरह से जीना नहीं चाहता था। वह फिर से पहले जैसा गाना चाहता था और उड़ना चाहता था। यह सोचकर, उसने सूर्य को आवाज दी लेकिन उसे कोई उत्तर नहीं मिला। वह ऐसा कई बार, कई दिन तक आवाज देता रहा,लेकिन सूर्य ने उसकी आवाज नहीं सुनी। अब फीनिक्स ने तय किया कि, जहां वह पहले रह रहा था,वह वहीं जाएगा और सूर्य को आवाज देगा। इसके साथ ही फीनिक्स ने अपना लंबा सफर शुरू किया।
लेकिन, बुजुर्ग होने की वजह से कई स्थानों पर रुकता रहा। उसने कई देश, कई पहाड़ और कई नदियों को पार किया। इस दौरान वह जहां भी रुकता अपने पंखों में जड़ी बूटियों को भी रख लेता। आखिर में जब वह अपने मूल स्थान पर पहुंचा तो एक घोसला बनाया। जिसमें उसने जड़ी बूटियों को रख दिया। इसके बाद उसने सूरज को आवाज दी और कहा कि मुझे युवा बना दो। जिसे सूरज ने सुन लिया। जब सूरज फीनिक्स के सामने आये तो आसपास के जीव जंतु छिप गए।लेकिन फीनिक्स अपने घोसले में बैठा रहा है।
इस दौरान सूरज के प्रचंड तेज से फीनिक्स आग से घिर गया। जब आग बुझी तो फीनिक्स कहीं नजर नहीं आया। घोसलें में राख थी,जहां कुछ से बाद हलचल हुई और उसमें से एक पक्षी निकला, जो पल पल बढ़ता रहा और कुछ समय बाद वह युवा फीनिक्स पक्षी बन गया। तो दो दोस्तों यह रही फीनिक्स पक्षी की कहानी। जिसकी तुलना खुद से शिवराज सिंह चौहान ने की है। ऐसे में यही सवाल उठता है कि क्या एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश की कुर्सी पर बिराजेंगे ? क्योंकि इस बार शिवराज सिंह चौहान को कई परीक्षाओं से गुजरना पड़ा रहा है।
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