बंगाल में खेला होबे…पर BJP-TMC में नहीं,अब दो सरकारें होंगी,जाने क्या होगा रामा रे..!

बंगाल में खेला होबे…पर BJP-TMC में नहीं,अब दो सरकारें होंगी,जाने क्या होगा रामा रे..!

TMC और BJP के बीच असली खेला तो अब शुरू होगा और चुनाव के विपरीत इस बार आमने-सामने दो राजनीतिक दल नहीं बल्कि दो सरकारें होंगी। बंगाल में हुए चुनाव का सबसे चर्चित नारा था ‘खेला होबे’…। बंगाल चुनाव के दौरान जो कुछ भी घटा है उसने भारत में लोकतंत्र से लेकर संविधान तक के सामने कई सवाल खड़े किए है। एक राज्‍य का चुनाव दो पार्टियों के बीच कम और दो सरकारों के बीच शक्ति परीक्षण का अखाड़ा ज्‍यादा बन गया था। एक तरफ ममता के नेतृत्‍व वाली पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार थी तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार. दोनों ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी और हर पैंतरा और हथकंडा अपनाया। इस दौरान जायज और नाजायज जैसे सवाल दरकिनार हो गए थे.

लक्ष्‍य किसी भी तरह युद्ध जीतना था और इसके लिए जिसे जो ठीक लगा उसने उचित अनुचित की परवाह किए बिना उस तरीके को इस्‍तेमाल किया.इसलिए अब जब चुनाव नतीजे आ गए हैं तो इस युद्ध को समाप्‍त समझने के बजाय केंद्र व राज्‍य सरकार के बीच एक नए युद्ध और एक नए टकराव की शुरुआत समझा जाना चाहिए. बंगाल का चुनाव न तो खेल भावना से लड़ा गया था और न ही खेल भावना से खत्‍म हुआ है. एक दूसरे को निपटाने के लिए आरपार की लड़ाई के तौर पर लड़ा गया,एक गंभीर मुद्दा बंगाल में होने वाली संभावित हिंसा का भी है. आने वाले दिनों में बंगाल में राजनीतिक हिंसा का एक भयानक दौर देखने को मिल सकता है. वैसे भी पिछले दो चार सालों में राज्‍य में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच हुई हिंसा की घटना में दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं और कई इलाके दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के सीधे टकराव के टापू बन चुके हैं.

चुनाव के बाद कई जगहों पर भाजपा कार्यालय में हुई आगजनी और हमले इस बात का संकेत है कि चुनाव भले ही खत्‍म हो गए हों लेकिन यह हिंसा खत्‍म होने वाली नहीं है. आने वाले दिनों में जहां हम बंगाल में केंद्र व राज्‍य सरकार के बीच नए-नए टकराव और संवैधानिक संकट की स्थिति को देखेंगे वहीं हिंसा का वह दौर भी देखने को मिल सकता है। भले ही बंगाल में ममता की सरकार आ गई है। लेकिन वहां भाजपा जहां कुछ भी नहीं थी आज वहां मजबूत विपक्ष दल के रूप में उभरा है। आने वाले समय में यहां के हर छोटे बड़े चुनाव अब भाजपा-बनाम टीएमसी होगा, बाकी सभी दल काफी पीछे जा चुके हैं।
बेशक, बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हिंसा की घटनाओं को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी जांच के लिए एक टीम गठित की है और यह टीम बंगाल पहुंच भी गई है। खबर है कि केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन के काफिले पर हमला हुआ है। अब यह साफ तौर पर कहा जाने लगा है कि केंद्र और बंगाल सरकार के बीच टकराव चरम पर हैं।

(लेखक-न्यूज डंका के सह संपादक हैं)

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