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Friday, September 20, 2024
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मोदी का ये तेवर, बैकफुट कौन?    

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पीएम मोदी ने दो दिन कांग्रेस को खूब धोया। वैसे धोये भी क्यों न, मौक़ा तो कांग्रेस वालों ने ही दिया था। अगर ऐसे में पीएम मोदी ने लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक कांग्रेस पर जमकर हमला किया। लेकिन, सवाल यह है कि पीएम मोदी ने जिस तरह से फॉर्म में दिखे इससे साबित होता है कि उन्होंने कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। पीएम मोदी दोनों सदनों में अपनी बात जोरदार तरीके से कहे। वे कहीं रुके नहीं, भटके नहीं, बल्कि हर बार नई ऊर्जा के साथ अपनी बात कहे और विपक्ष को सुनना पड़ा। दो दिन कांग्रेस कहीं दिखाई नहीं दी। दोनों भाषणों की खूब चीरफाड़ की जा रही है। सबसे बड़ी बात यह कि पीएम मोदी द्वारा उठाये गए मुद्दों पर सवाल खड़ा किया जा रहा है।

72 साल के पीएम मोदी ने जिस तरह से दोनों सदनों में ऊर्जा से भरपूर नजर आये, उसके कई  मायने भी निकाले जा रहे है। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इसी अंदाज में दिखाई देने वाले हैं। क्योंकि, जब आगाज ऐसा है तो साफ़ है कि अंजाम भी कुछ ऐसा ही रहेगा। वैसे नौ साल के कार्यकाल में पीएम मोदी की लोकप्रियता में कमी नहीं देखी गई। बल्कि उनकी लोकप्रियता के सामने अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी नहीं टिकते हैं। किसी व्यक्ति द्वारा कही गई बात नहीं है, बल्कि जिम्मेदार संस्थाओं ने इस पर रिपोर्ट तैयार की है। यह तो रही बात पीएम मोदी की।

पीएम मोदी ने अभी तक जो कार्य किये वे सभी जोखिम भरे थे। चाहे नोटबंदी हो, चाहे कई जगहों का नाम  बदलना आदि शामिल है। एक तरह से पीएम मोदी ने बने बनाये ट्रैक पर नहीं चले बल्कि अपने लिए रास्ता बनाते गए। उन्होंने लोकसभा में कहा था कि अख़बार की सुर्ख़ियों से मोदी पर भरोसा नहीं बना, बल्कि मैने अपने जीवन को देश के लिए खपा दिया। पीएम मोदी ने ऐसा पहली बार नहीं किया, बल्कि ऐसी बातों को उन्होंने कई बार दोहराया है। अब यह बात पीएम मोदी ने संसद में कहा है। उन्होंने 2019 में राजस्थान के एक रैली में कहा था कि ”सौगंध मुझे इस मिट्टी की, देश नहीं मिटने दूंगा, मै देश नहीं झुकने दूंगा।” प्रसून जोशी द्वारा लिखी गई इस कविता को 2014 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने चुनाव अभियान का थीम सांग बनाया था।

जिसका राहुल गांधी ने लोकसभा में जिक्र किया कि 2014 के बाद अडानी एकाएक अमीरों की टॉप टेन लिस्ट में आ गए। इससे पहले वे 609 वें स्थान पर थे। राहुल गांधी को अखबारों की खाक छननी चाहिए। तब उन्हें पता चलेगा कि नरेंद्र मोदी ने पीएम बनने से पहले कितनी मेहनत की। लेकिन, राहुल गांधी को किसी आम नागरिक के मेहनत की समझ इतनी आसानी से समझ में नहीं आएगी। अगर इस बात को समझे होते तो कांग्रेस के नेता पार्टी को छोड़कर नहीं जाते।

एक बार फिर पीएम मोदी ने देश हित की बात दोहराई। उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की जिस तरह से विपक्ष का व्यवहार है। वह केवल बीजेपी से खुनस निकलता है और देशहित को किनारे लगाकर स्वार्थ की राजनीति करता है। उन्होंने लोकसभा में यह भी कहा था कि चुनाव हारने पर विपक्ष ईवीएम को गाली देता है, चुनाव आयोग को गाली देता है। ईडी की कार्रवाई पर जांच एजेंसियों निशाना बनाया जाता है। वर्तमान में जिस तरह से विपक्ष ने जांच एजेंसियों को निशाना बनाता रहा है, ऐसे में विपक्ष पर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं। पीएम मोदी ने वही मुद्दा उठाया जो विपक्ष नौ साल से उठाता आ रहा था।

पीएम मोदी ने इस दौरान देश का गुणगान भी  किया। उन्होंने जी 20 और भारत की विदेशों में बढ़ती ताकत के बारे में भी बताया। पीएम मोदी ने उन मुद्दों को छुआ जिससे जनता के मन एक प्रभाव हो। अपने देश के प्रति प्यार हो। लेकिन, क्या राहुल गांधी भारत के बारे में सकारात्मक बात किये हैं। उन्होंने जब भी बात की भारत की छवि धूमिल हुई है। वे जब विदेश में जाते भारत की नकारात्मक छवि पेश करते हैं।

दोनों भाषणों के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है, लेकिन पीएम मोदी ने अपने भाषणों में अपनी योजनाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने अपने भाषण में उज्ज्वला योजना, जनधन खाता , बिजली पानी आदि की बात की। उन्होंने कहा कि झूठ फैलाने वालों पर कभी जनता विश्वास नहीं करेगी। पीएम मोदी का यह कहना यह साबित करता है कि वे आत्म विश्वास से भरे हुए हैं। यही वजह है कि उन्होंने विपक्ष के खिलाफ अपने तेवर कड़े किये हुए थे। बीजेपी के बजाय विपक्ष को  बैकफुट पर रखना चाहते हैं।

वहीं, जब पीएम मोदी राज्यसभा में बोल रहे थे तो विपक्ष लगातार शोर मचा रहा था। विपक्ष इस  दौरान अडानी मामले में जांच की मांग कर रहा था। लेकिन पीएम मोदी ने इसी शोरगुल के बीच अपना भाषण जारी रखा। उन्होंने जिस तरह आक्रामक थे उसके बारे में मीडिया में खूब चर्चा हो  रही है। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने अडानी मामले से हर किसी उन्होंने ध्यान हटा दिया। बीजेपी और पीएम को जो रणनीति रही हो लेकिन यह मुद्दा अब कोर्ट में जाकर ठंडे बस्ते में चला गया।

राज्य सभा में पीएम मोदी का यह कहना कि यह देश किसी की जागीर नहीं। यह बात उन140 करोड़ जनता के लिए थी जिन्होंने बीजेपी को वोट दिया है और राष्ट्रवाद में विश्वास रखता है। यह एक साल बाद का बीजेपी और पीएम मोदी का रोडमैप था। जिस पर चलकर बीजेपी एक बार फिर 2024 के लोकसभा में अपना झंडा बुलंद करने वाली है। जिसके संकेत भी एक सर्वेक्षण में मिल चुके हैं। ऐसे में पीएम मोदी जानते हैं कि उनके किस मुद्दे पर बोलना है और किस मुद्दे पर नहीं बोलना है।

पीएम मोदी का यह कहना कि एक अकेला सब पर भारी है। उन्होंने इस बात का इशारा कर दिया कि आगामी चुनाव में एक फिर उनके सामने केवल पीएम मोदी ही होंगे। विपक्ष को इस बात को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि उनके लिये आने वाला समय आसान नहीं होगा।  इसके लिए जरुरी है कि विपक्ष उन्हीं मुद्दों को उठाये जो जनसरोकार से जुड़ा हुआ है। अन्यथा उनकी बात जनता भी नहीं सुनेगी। कहने का मतलब है कि पीएम मोदी ने विपक्ष के मुद्दे  नहीं देंगे। बल्कि उसके मुद्दे को कैसे सुलझाना है। उसे पीएम मोदी तय करेंगे। एक तरह से यह भी कहा जा सकता है कि 2024 के लिए नैरेटिव तैयार हो गया है। अब देखना है कि कौन जीतता है।

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