आंकड़े में कांग्रेस के लिए राहुल “पनौती” PM मोदी BJP के लिए “लकी”    

आंकड़े में कांग्रेस के लिए राहुल “पनौती” PM मोदी BJP के लिए “लकी”    

वैसे ऐसा नहीं लगता कि राजनीति में तर्क की जरूरत होती हैं, यहां कुतर्क और झूठ फैला कर अपनी राजनीति को चमकाया जा सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण राहुल गांधी का 30 सेकंड का वीडियो है, जिसमें वे पीएम मोदी को पनौती वाला बता रहे हैं। लेकिन क्या यह कहा जा सकता है कि पीएम मोदी भारत के लिए और बीजेपी के लिए पनौती हैं ?, ऐसा दूर दूर तक नहीं लगता है।  यह वीडियो राजस्थान के जालौर का है, जहां वे विधानसभा चुनाव की एक रैली को संबोधित कर रहे थे। वीडियो में वे कह रहे हैं कि “अच्छा भला वहां हमारे लड़के जीत जाते “वह वहां पर पनौती हरवा दिया। टीवी वाले ये नहीं कहेंगे, मगर जनता सब जानती है।” दरअसल पीएम मोदी अहमदाबाद में खेले जा रहे विश्व कप का फाइनल मैच को देखने पहुंचे थे। यह मैच ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेला गया था,जिसमें भारत हार गया था, भारत के हारने पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को निशाना बनाया।

अब सवाल यह है कि क्या सही में पीएम मोदी पनौती है? क्या राहुल गांधी देश और कांग्रेस के लिए सही हैं ?  इस तरह से देखा जाए तो राहुल गांधी कांग्रेस के लिए सबसे बड़े पनौती है। जब तक वे कांग्रेस के अध्यक्ष रहे  उनके कार्यकाल में पार्टी एक भी राज्य में नहीं जीती थी। बाद में राहुल गांधी आलोचना से घबराकर कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। राहुल गांधी की राजनीति में 2004 में एंट्री हुई थी. इसके बाद 2007 में  उन्हें कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया। इसके अलावा भी राहुल गांधी पार्टी के कई पदों पर रहे, लेकिन उपलब्धि के नाम पर हाथ खाली रहा है।

2017 में उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। राहुल गांधी ऐसे व्यक्ति हैं जो जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं। लेकिन लंबी चौड़ी बातें जरूर करते है। सबसे बड़ी बात यह कि 2019 के लोकसभा चुनाव में ही राहुल गांधी ने अपनी पारम्परिक लोकसभा सीट अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी से हार गए थे। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मात्र 52 सीटें ही जीती थी। यह उस पार्टी की दशा है जो खुद को देश का सबसे पुरानी पार्टी होने का दावा करती है।

राहुल गांधी से पूछा जा सकता है कि उनके अध्यक्ष रहते किन किन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनी और उन्होंने पार्टी में क्या क्रांतिकारी बदलाव किया। राहुल गांधी द्वारा पार्टी की कमान संभालने पर ऐसी कोई उपलब्धि दिखाई नहीं देती है जिसका यहां जिक्र किया जाए। राहुल गांधी के कार्यकाल में केवल पार्टी का बेड़ा ही गर्क हुआ है। राहुल गांधी ने ऐसा कुछ नहीं किया जो पार्टी के लिए आने वाले समय में क्रांतिकारी परिवर्तन हो। अलबत्ता कांग्रेस को छोड़कर जाने वालों नेताओं की लंबी कतार है। क्या इसे राहुल गांधी की “पनौती” कहा जा सकता है? दिल्ली की गद्दी संभालने से पहले नरेंद्र मोदी ने गुजरात में बीजेपी को मजबूत किया। उनके कार्यों के बारे में कई लोग मीडिया में बता चुके हैं।

कहा जाता है कि बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को गुजरात की जिम्मेदारी तब सौंपी थी  जब पार्टी की स्थिति बहुत नाजुक थी। उसके बाद से नरेंद्र मोदी 12 साल तक लगातार मुख्यमंत्री के पद रहे। इसके बारे में राहुल गांधी को जानने की जरूरत है। न की कुतर्क करें। राहुल गांधी के लिए ही नहीं, पूरे देश के लिए पीएम मोदी प्रेरणा है जो शून्य से शिखर तक पहुंचे है। वे राहुल गांधी जैसा सोना का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए हैं। नरेंद्र मोदी अपने दम पर पीएम की कुर्सी तक पहुंचे है और आज भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

बहरहाल, नरेंद्र मोदी के पीएम बनने से पहले बीजेपी की देश में क्या हालत थी? 2014 में जब  नरेंद्र मोदी पीएम बने तो उस समय  बीजेपी की सात राज्यों में सरकार थी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, गोवा में बीजेपी अपने दम पर सरकार चला रही थी और बीजेपी के नेता मुख्यमंत्री थे, जबकि पंजाब, आंध्र प्रदेश में अपने सहयोगियों के साथ सत्ता में थी। राहुल गांधी को इस आंकड़े को याद रखना चाहिए। क्योंकि, इसके बाद पीएम  मोदी ने जो कांग्रेस मुक्त का नारा दिया उसका असर दिखने लगा था और 2018 आते आते  बीजेपी की 21 राज्यों में सरकार थी। अब यह सवाल उठता है कि आखिर नरेंद्र मोदी को किस आधार पर राहुल गांधी ने पनौती कहा। राहुल गांधी ने 2004 के बाद क्या क्या किये यह बताना चाहिए। वर्तमान में लगभग 14 राज्यों में बीजेपी की सरकार है। आज हालत यह है कि कांग्रेस की सरकार को अँगुलियों पर गिना जा सकता है। जिसमें छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश  शामिल हैं। फिलहाल, छत्तीसगढ़ विधान सभा का चुनाव हो चुका है राज्यस्थान में 25 नवम्बर मतदान होगा। जिसका नतीजा 3 दिसंबर को आएगा।

वैसे, राहुल गांधी के वीडियो पर बीजेपी ने आपत्ति जताया है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा था कि राहुल गांधी पीएम मोदी के जिस शब्द का इस्तेमाल किया वह अशोभनीय है। उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए नहीं तो पार्टी इसे मुद्दा बनाएगी। ऐसे में सवाल है कि क्या बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव में पनौती शब्द को भुनाएगी। क्योंकि अभी तक तो यही देखा गया है कि राहुल गांधी या कांग्रेस के नेता पीएम मोदी को टारगेट करते हैं और  उनके खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। जिसको बीजेपी मुद्दा बनाती रही है। 2014 में चायवाला, मौत का सौदागर जैसे शब्दों का कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस्तेमाल किया था। 2019 में चौकीदार चोर है  को बीजेपी ने अपना हथियार बनाया था। ऐसे में सवाल है कि क्या एक बार फिर बीजेपी कांग्रेस नेताओं द्वारा पीएम मोदी के लिए बोले गए अपशब्दों  का फिर इस्तेमाल करेगी। क्या बीजेपी राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ बोला गया शब्द पनौती को मुद्दा बनाएगी। बहरहाल, अभी तो यह समय के गर्भ में आगे क्या होता है यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा।

 

ये भी पढ़ें 
 

म्यांमार में जारी संघर्ष से 26,000 लोग विस्थापित, भारत पर पड़ेगा असर!

शाह पर बोलते हुए पूर्व विधायक की फिसली जुबान; लगाया गंभीर आरोप ?

Exit mobile version