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करोड़ों की सम्पत्ति,राहुल के पास घर नहीं!   

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राहुल गांधी केवल गरीबों का मजाक केवल उड़ाते हैं। शायद उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के बाद भी नहीं पता चला की गरीबी क्या होती है। क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा खत्म होने के बाद वे बार बार कहते रहे कि उन्होंने भारत देख लिया। लेकिन राहुल गांधी को सच्चाई पता होती तो वे रायपुर में रविवार को महाअधिवेशन के अंतिम दिन ये नहीं कहते कि 52 साल बाद भी उनके पास घर नहीं है। इतना झूठ तो सड़क पर सोने वाला आदमी भी नहीं बोलेगा, जिसके पास खाने के लिए हर रोज मजदूरी या भीख मांगनी पड़ती है। इस महाझूठ की उम्मीद केवल राहुल गांधी से ही की जा सकती है।

राहुल गांधी को गांवों कस्बों में जाकर देखना चाहिए की गरीबी क्या चीज होती है। यह सच है कि राहुल गांधी या कांग्रेस कितना भी दावा कर ले कि उन्होंने गरीबी देखी है,लेकिन यह सिर्फ झूठ का पुलिंदा और बकवास है। सच कहा जाए तो कांग्रेस नेता और राहुल गांधी ने कभी गरीबी देखे ही नहीं हैं। कांग्रेस में जितने नेता हैं उनके पास करोड़ो की सम्पत्ति है। यह पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी खूद को गरीब दिखाने की कोशिश की है। इससे पहले भी झूठ बोलते रहे हैं। उन्होंने  2017 में ऋषिकेश में एक रैली के दौरान अपने कुर्ते की फटी जेब दिखा चुके हैं।

अब राहुल गांधी रविवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय महा अधिवेशन में यह कहते है कि 52 साल हो गए उनके पास घर नहीं है और परिवार के पास जो घर है वह इलाहाबाद में यानी प्रयागराज में है। वह भी घर नहीं है।120 तुगलक लेन मेरा घर नहीं है। अब सवाल उठता है कि उनके पास घर नहीं है तो क्या वे सरकारी मकानों को हथियाने की कोशिश है। राहुल गांधी से पूछा जाना चाहिए कि जिस नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी जमानत पर हैं। वह किसकी संपत्ति है?

क्या राहुल गांधी देशवासियों को बताएंगे कि जिस नेशनल हेराल्ड की संपत्ति के लिए सीबीआई और ईडी पर हमला बोलते हैं। वह संपत्ति किसकी है। राहुल गांधी ही नहीं पूरी कांग्रेस 70 सालों से देशवासियों को गुमराह करती आई है। आज भी झूठ बोल रही है ,पहले भी झूठ बोलकर जनता को छला गया। राहुल गांधी खुद को साधु महात्मा घोषित करना चाहते हैं। कांग्रेस नेता का यह कहना कि उसके पास घर नहीं है, लेकिन जहां जाते हैं वे कार में जाते है। इटली जाते है तो जहाज से जाते है। क्या एक गरीब कभी कार से चलाता है। क्या सड़क पर सोने वाला गरीब एयरपोर्ट के अंदर घुसा है। जहाज में बैठने की बात तो छोड़िये। राहुल गांधी अपने महाझूठ से केवल देशवासियों को भ्रम में डालते है। राहुल की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है।

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश में राहुल गांधी जिन तीन गरीब लड़कियों से मिले थे.  क्या उन्हें यह बताये कि मै जो टी शर्ट पहना हूं वह चालीस हजार की विदेश में बनने वाली टी शर्ट है। जो गर्मी सर्दी में राहत देती है। राहुल गांधी ने यह बात उन तीन गरीब लड़कियों को नही बताई, लेकिन उन तीनों लड़कियों की गरीबी का मजाक बनाकर अपनी राजनीति रोटी सेंकते रहे। राहुल गांधी की जितने रुपये की टीशर्ट पहने थे उन पैसे से उन लड़कियों को न जाने कितने जोड़ी कपडे आ जाते और वे कई साल पहनती। लेकिन मीडिया यह पूछती रही की राहुल गांधी को दिल्ली में ठंड क्यों नहीं लगती है।

अब बात राहुल गांधी की संपत्ति की। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कहा गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पर्चा भरने के दौरान राहुल गांधी ने अपनी सम्पत्ति का ब्योरा दिया था।  जिसमें बताया गया था कि 16 करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति है। जबकि 2014 में उनके पास 9 करोड़ चालीस लाख की सम्पत्ति थी। उस समय उनके पास नकदी चालीस हजार थी।

इतना ही नहीं, राहुल गांधी ने म्युच्यल फंड,ब्रांड और शेयर में पांच करोड़ 19 लाख रुपये निवेश कर रखा है। इनकी अचल सम्पति में 3 सौ ग्राम से ज्यादा सोना भी शामिल है। वहीं 17 लाख  तिरानबे हजार अलग अलग बैंकों में जमा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी के पास दिल्ली के सुल्तानपुर गांव में खेत भी है। जबकि गुरुग्राम में दो ऑफिस स्पेस है। अपने हलफनामे में राहुल गांधी ने बताया है कि उनकी आमदनी का जरिया सांसद का वेतन, किराया और ब्याज है।
तीन बार अमेठी से सांसद रह चुके राहुल गांधी की संपत्ति में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है।

2004 में सबसे पहले राहुल गांधी अमेठी से सांसद बने थे. उस समय उनकी कुल संपत्ति 55 लाख थी। इसके ठीक पांच साल बाद जब राहुल गांधी सांसद चुने गए तो उनकी संपत्ति दो करोड़ रुपये हो गई। यानी पांच साल में उनकी संपत्ति में 400 प्रतिशत का उछाल हुआ। इसके बाद 2014 में उनकी संपत्ति 9 करोड़ रुपये हो गई। यानी पांच साल बाद एक फिर 450 फीसदी का उछाल हुआ। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी के महीने की आय 10 लाख रुपये है। जबकि सालाना आय एक करोड़ रुपये है।

अब सोनिया गांधी की बात करते है। जाहिर है सोनिया गांधी की संपत्ति राहुल गांधी की संपत्ति है क्योंकि वे उनके बेटे हैं। 2021 में मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार 15 सालों में सोनिया गांधी की 12  गुना सम्पत्ति में इजाफा हुआ। रिपोर्ट में भी कहा गया है कि सत्ता से बेदखल होने के बाद से सोनिया गांधी की संपत्ति में भी गिरावट हुई है। सोनिया गांधी के भी पास अपना घर और कार नहीं है। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पेश किये गए हलफनामे के अनुसार उनके पास लगभग 12 करोड़ की संपत्ति थी।

2004 के संपत्ति ब्योरा से तुलना करने पर पता चलता है कि पांच साल में 12 गुना सम्पत्ति में बढ़ोत्तरी हुई। इसके अलावा सोनिया गांधी के पास सोने चांदी के साथ बांड भी है। जिसमें 88 किलो चांदी, 12 सौ ग्राम से ज्यादा सोना है। इतना ही नहीं दिल्ली के डेरामंडी में तीन बीघा कृषि भूमि भी है। सोनिया गांधी को पूर्व पीएम राजीव गांधी की पेंशन के साथ सांसद भत्ता भी मिलता है। इसके अलावा पीएफ आदि भी है।

ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी संपत्ति होने के बावजूद राहुल गांधी या सोनिया गांधी ने घर क्यों नहीं लिया। क्या सरकारी मकानों को हथियाने का इरादा है। यह गांधी परिवार को बताना चाहिए। राहुल गांधी ही नहीं इस देश करोड़ युवा होंगे, जिनके पास अपना घर नहीं है वे अपने पिता की सम्पत्ति या घर में रहते है। लेकिन राहुल गांधी ने एक बार फिर देश को गुमराह करने वाली बात कही है। कांग्रेस के लोग अपने लिए लोगों में सिम्पैथी पैदा करना चाहते है। लेकिन,क्या जनता राहुल गांधी की झूठी बात में आएगी यह बड़ा सवाल है।


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