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MVA में दरार?, राउत ठाकरे को याद आये सावरकर

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“भारत जोड़ों यात्रा” भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन द्वारा 7 सितंबर, 2022 को कन्याकुमारी में लॉन्च किया गया था। राहुल गाँधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा  के दौरान कई विवादों का सामना करना पड़ा था। भारत जोड़ों यात्रा 14वें दिन केरल की धरती में प्रवेश कर चुकी थी। लेकिन इसी दौरान केरल में पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा एक ऐसी गलती हुई जिसकी पार्टी ने उम्मीद नहीं की थी। बता दें कि कांग्रेस की इस यात्रा में देश के स्वतंत्रता सेनानियों के पोस्टर लगाए गए थे। जिसमें सेनानियों के साथ विनायक दामोदर सावरकर की भी तस्वीर थी।

हालांकि कांग्रेस ने कभी भी सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी नहीं माना, क्योंकि कांग्रेस का कहना है कि सावरकर ने अंग्रेजो से लड़ने के बजाय हमेशा उनसे माफी मांगी हैं। जिस वजह से स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर को महात्मा गांधी की तस्वीर से ढक दिया गया।

बता दें कि कांग्रेस पार्टी स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर का सदैव विरोध करती हैं। खासकर राहुल गांधी ने आए दिन सावरकर के सैनानी होने पर हमले किए हैं। साथ ही दूसरी तरफ भाजपा विनायक सावरकर को महान मानते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विषय को लेकर अक्सर कांग्रेस पर निशाना साधते रहते हैं।

हालांकि राहुल गाँधी यहाँ नहीं रुके भारत जोड़ों यात्रा के दौरान राहुल गाँधी ने महाराष्ट्र में रैली की बिरसा मुंडा जयंती के मौक़े पर राहुल गांधी आदिवासियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक ओर बिरसा मुंडा जैसी महान शख्सियत हैं, जो अंग्रेज़ों के सामने झुकी नहीं और दूसरी ओर सावरकर हैं, जो अंग्रेज़ों से माफ़ी मांग रहे थे।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘भगवान बिरसा मुंडा जी 24 साल की आयु में शहीद हो गए। अंग्रेज़ों ने उन्हें ज़मीन देने की कोशिश की, धन देने की कोशिश की, उन्हें ख़रीदने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने सब नकार दिया। वहीं सावरकर दो-तीन साल उन्हें अंडमान में बंद कर दिया तो उन्होंने चिट्ठी लिखनी शुरू कर दी कि हमें माफ़ कर दो, जो भी हमसे चाहते हो ले लो। बस मुझे जेल से निकाल दो।’’राहुल गांधी ने कहा कि एक ओर जहाँ भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेज़ों का डटकर मुक़ाबला किया, उनके सामने झुके नहीं, वहीं दूसरी ओर सावरकार ने अंग्रेज़ों के सामने घुटने टेक दिए। राहुल गाँधी का इस तरह का बयान वाकई में अशोभनीय है।

हालांकि राहुल के इस तरह के विवादित बयान के बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए उनको जवाब दिया था। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर राहुल गांधी ने जो टिप्पणी की है, उसका जवाब महाराष्ट्र की जनती उन्हें देगी। फडणवीस ने कहा, ‘‘वीर सावरकर के बारे में राहुल गांधी के बेशर्म बयान और व्यवहार का जवाब महाराष्ट्र की जनता देगी। सावरकर देश के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो आज़ादी से पहले कारावास की सज़ा काट चुके हैं। आज़ादी के बाद भुखमरी की क़ैद झेली। उन्होंने जितने अत्याचार सहे, उतने अत्याचार किसी और ने नहीं सहे।’’बावजूद इसके भारत जोड़ों यात्रा में उद्धव बालासाहेब ठाकरे दल के कई नेता शामिल हुए थे। चाहे वो आदित्य ठाकरे हो या संजय राउत।

वहीं जब सावरकर पर राहुल गांधी के बयान पर सियासी घमासान बढ़ा तो शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और राहुल गांधी के बयान से किनारा कर लिया। उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘हम वीर सावरकर पर राहुल गांधी के बयान का समर्थन नहीं करते हैं। हमारे दिल में वीर सावरकर के लिए आदर और सम्मान है। उनके योगदान को कोई नहीं मिटा सकता है। वहीं रिपोर्ट में दावा किया गया कि उद्धव ठाकरे ने सोनिया गांधी से अपील की थी कि वो इस बारे में राहुल गांधी को समझाएं क्योंकि सार्वजनिक तौर पर अगर वो सावरकर के ख़िलाफ़ बोलेंगे तो जनता के बीच पार्टी के गठबंधन को इसका नुक़सान होगा।

उद्धव ठाकरे की असहमति और बीजेपी की ओर से उठ रहे सवालों पर राहुल गाँधी ने मीडिया के सामने सावरकर की लिखी चिट्ठी पेश की थी और कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा है वो पुख्ता सबूत के साथ कहा। दरअसल राहुल गांधी ने एक कागज़ दिखते हुए कहा, ‘‘ये मेरे लिए सबसे ज़रूरी डॉक्यूमेंट है। ये सावरकर की चिट्ठी है जो उन्होंने अंग्रेज़ों के लिए लिखी है। जिसकी आखिरी लाइन है- सर मैं आप का नौकर रहना चाहता हूं, वीडी सावरकार।’ राहुल गाँधी का यह शब्द वाकई में शर्मनाक था।

राहुल गांधी के इस बयान से नाराज़ होकर वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। एफ़आईआर में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने एक राष्ट्रपुरुष का अपमान किया है और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।’ भारत जोड़ों यात्रा से फायदा लेने वाले राहुल को भारत की जनता का ही जवाब मिलेगा। खुद के फायदे के लिए किसी भी तरह का रास्ता ना अपनाएं। क्यूंकी इससे पार्टी का फायदा नहीं पर बर्बादी जरूर होगा।
राहुल गांधी को हाल ही में लंदन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की तरफ से लेक्चर के लिए आमंत्रित किया गया था। राहुल गांधी द्वारा लंदन में बीजेपी पर निशाना साधा, साथ ही साथ वीर सावरकर को भी निशाना बनाया गया। भाषण के दौरान राहुल ने कहा कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि एक दिन उन्होंने अपने पांच-छह दोस्तों के साथ मिलकर एक मुस्लिम की पिटाई की जिससे उन्हें खुशी हुई। यह कायरता है कि कमजोर को सताओ और ताकतवर से डरो। यही बीजेपी की विचारधारा है। बीजेपी के साथ-साथ राहुल ने वीर सावरकर को भी निशाना बनाया था।

वहीं कुछ दिन पहले सूरत कोर्ट की तरफ से राहुल गाँधी को मोदी सरनेम को लेकर मानहानी केस में दोषी करार दिया गया। दरअसल लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था कि सारे चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों है। इस बयान के बाद देश भर में सियासी तूफान खड़ा हो गया था। वहीं बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ केस किया था। उसके बाद सूरत कोर्ट ने 23 मार्च को फैसला लेते हुए 2 साल की सजा सुनाई। हालांकि इसके तुरंत बाद उन्हें 15 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी गई थी।  इस घटना के 24 घंटे बाद ही उनकी संसद की सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधान के तहत राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई।
संसद सदस्यता जाने के बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की इस दौरान पत्रकारों ने उनसे माफी मांगने को लेकर सवाल किया था। तब राहुल गांधी ने माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा था कि वह गांधी हैं, सावरकर नहीं, वह माफी नहीं मांगेंगे।

वहीं अब इस बयान को लेकर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन में फिर दरार दिखने लगी है। दरअसल पत्रकारों ने जब शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेता संजय राउत से राहुल गांधी के सावरकर पर दिए बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा उनका बयान गलत है। वह गांधी हैं लेकिन इसमें सावरकर को घसीटने की जरूरत नहीं थी। सावरकर हमारी प्रेरणा हैं। हमारी लड़ाई के पीछे छत्रपति शिवाजी और वीर सावरकर ही प्रेरणा हैं। संजय राउत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर राहुल गांधी से बात करने की कोशिश करेंगे।

महाराष्ट्र की राजनीति में सावरकर एक बड़ा मुद्दा हैं और यही वजह है कि सावरकर के मुद्दे पर पहले भी कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट शिवसेना के बीच मतभेद हो चुके हैं। गठबंधन में होने के चलते शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) जहां खुलकर राहुल गांधी के बयान का विरोध नहीं कर पा रही हैं, वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मुद्दे पर जमकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा।

एकनाथ शिंदे ने राहुल गांधी के सावरकर को लेकर दिए बयान पर कहा कि ‘सावरकर केवल महाराष्ट्र के देवता नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श हैं और राहुल गांधी ने उन्हें बदनाम किया है। शिंदे ने ये भी कहा कि राहुल गांधी अगर इसी लहजे से बोलते रहे तो उनका सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा। राहुल गांधी का बयान महाराष्ट्र को बर्दाश्त नहीं है।’
वहीं शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में राहुल गाँधी पर हिन्दुत्व विचारक वीर सावरकर के खिलाफ गलत बयानबाजी करने का आरोप लगाया। पार्टी ने उन्हें याद दिलाया कि सावरकर ने गुलामी और ब्रिटिश शासन के प्रति लड़ाई लड़ी थी। वह किसी भी कीमत पर उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। संपादकीय में कहा गया, राहुल गाँधी बार-बार मेरा नाम सावरकर नहीं है जैसे बयान दे रहे है। लेकिन इस तरह का बयान देने से कोई बहादुर नहीं बनता। और ना ही सावरकर पर से किसी का भरोसा उठेगा। संपादकीय के द्वारा राहुल गाँधी को चेतावनी भी दी गई।  जिसमें कहा गया सावरकर के खिलाफ इस तरह के बयान से महाराष्ट्र में पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा करेगी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बार-बार वीर सावरकर का अपमान किए जाने पर उद्धव बालासाहेब ठाकरे के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में एक रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह हिंदुत्व विचारक है और विनायक दामोदर सावरकर उनके आदर्श हैं और उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सावरकर हमारे भगवान है, आदर्श हैं और उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए मिलकर लड़ना होगा। ऐसा कोई बयान न दें जो दरार पैदा करे। सावरकर ने 14 साल तक अंडमान जेल में अकल्पनीय यातनाएं झेलीं। हम केवल पीड़ाओं को पढ़ सकते हैं। यह बलिदान एक प्रतीक है। ठाकरे ने यह कहा कि जानबूझ कर राहुल गांधी को उकसाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

भले ही संजय राउत और उद्धव ठाकरे ने राहुल को चेताया हो बावजूद वह बीजेपी को भी आड़े हाथ ले रहे है। इसका अर्थ क्या है, आपको राहुल गाँधी को चेतावनी देनी है ना कि बीजेपी को ।, बीजेपी ने हमेशा से ही सावरकर का सम्मान किया। हर स्वतंत्रता सेनानी का सम्मान किया ऐसे में वह सावरकर के मुद्दों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित ना करके बीजेपी पर ही सवाल उठा रहे है। फिर भी उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने राहुल गांधी को दिखावे के लिए ही सही चेतावनी दी है।

पर कितना भी चेतावनी दे दो राहुल गांधी सावरकर का अपमान करते रहेंगे और उद्धव ठाकरे उन्हें जवाब देंगे। कल राहुल गांधी एक बार फिर सावरकर का अपमान करेंगे। उद्धव पुनः एक बार जवाब देंगे। एक तरफ उद्धव ठाकरे कहते कि हम सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे और दूसरी तरफ राहुल गांधी उनका अपमान करते रहेंगे। उद्धव ठाकरे को बताना चाहिए कि राहुल पर क्या कार्रवाई की जाएगी। उनकी बयानबाजी पर कैसे लगाम लगाया जाएं।

बता दें कि 2019 में महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने के बाद से ही कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना व एनसीपी गठबंधन में हैं। इन तीनों दलों ने मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाया। लेकिन पिछले साल जून में शिवसेना में बगावत के बाद अघाड़ी सरकार चली गई और उद्धव के हाथों से सत्ता के साथ-साथ संगठन भी निकल गया। गठबंधन में शुरू से ही कांग्रेस और उद्धव गुट के बीच सावरकर को लेकर स्पष्ट मतभेद रहे हैं। अब सवाल यह है कि क्या उद्धव ठाकरे कांग्रेस से गठबंधन तोड़ेंगे? क्या गठबंधन से बाहर होगी महाविकास आघाडी?

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