मोदी सरनेम मानहानि केस में टीवी चैनल पर मचाये जा रहे हल्ला पर सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या सही में राहुल गांधी की सांसदी बहाल होगी और लोकसभा में एक बार फिर दिखाई देंगे। कांग्रेस के नेता कह रहे कि जिस तरह से राहुल गांधी की सांसदी छीनने में सरकार ने समय नहीं लगाया, उसी तरह से सदस्यता भी बहाल करे। लेकिन क्या संभव है? हालांकि, वकीलों के अनुसार कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो सकती है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की है।
अगर वायनाड में उपचुनाव हो गए होते तो राहुल गांधी की सांसदी बहाल नहीं हो सकती थी। वायनाड में चुनाव नहीं हुआ है,इसलिए माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दो साल की सजा पर रोक लगाये जाने के बाद संसद की सदस्यता हो सकती है। बता दें कि लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैसल की सदस्यता जनवरी में खत्म हो गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद उनकी मार्च में सदस्यता बहाल हो गई थी।
दूसरी बात यह है कि राहुल गांधी या कांग्रेस नेता कुछ भी कह लें, लेकिन कांग्रेस नेता के तेवर ढीले पड़े हैं। जिस तरह उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में है हैल्लो बोल कर चलते बने उससे लगता है कि राहुल गांधी का पहले वाला तेवर नहीं दिखेगा। उन्होंने कहा कि आज नहीं कल, कल नहीं तो परसो सच की जीत होती है। जो भी हो मेरा रास्ता क्लियर है, मेरा क्या काम है मुझे क्या करना मेरे दिमाग में क्लियर है , इसके साथ ही उन्होंने जनता का धन्यवाद करते हुए अपनी बाटी समाप्त की। अब राहुल गांधी गला फाड़कर चिल्लाते हुए दिखाई नहीं देंगे। दूसरी ओर 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि बेंगलुरु में विपक्ष के राजनीति दलों की दूसरी बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस पीएम उम्मीदवार या सत्ता की इच्छुक नहीं है। जिसके बाद टीएमसी ने ममता बनर्जी को विपक्ष का पीएम चेहरा बनाने की मांग की थी। माना जा रहा था कि कांग्रेस राहुल गांधी की अयोग्यता की वजह से यह बयान दिया है। लेकिन अब विपक्ष के इंडिया ने पीएम उम्मीदवार की लड़ाई तेज होने की संभावना है।
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