त्र्यंबकेश्वर मंदिर में मुस्लिमों की जबरन एंट्री? राजनीति साजिश या… 

महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में घुसना क्या माहौल बिगाड़ने की कोशिश है ?या मामला कुछ और है ? जबकि मुस्लिम समुदाय मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करता है तो ऐसी हरकत क्यों ?  

त्र्यंबकेश्वर मंदिर में मुस्लिमों की जबरन एंट्री? राजनीति साजिश या… 

महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में तीन दिन पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हरी चादर चढ़ाने की कोशिश की। सवाल यह है कि आखिर यह कैसी मनमानी है? क्या यह माहौल बिगाड़ने की कोशिश नहीं है ?  जबकि मुस्लिम समुदाय मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करता है तो ऐसी हरकत क्यों ? लोग पूछ रहे हैं कि आखिर इसके पीछे मुस्लिम समुदाय की क्या मनसा है और इसके पीछे कौन है ? इस घटना पर सवाल उन लोगों से पूछा जाना चाहिए जो यह कहते हैं कि ऐसी घटनाओं के लिए हिन्दू दोषी है।

धर्मनिरपेक्षता की राग अलापने वालों के मुंह में फिलहाल दही जम गईं है। वैसे यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी 2022 में भी एक ऐसी ही घटना हो चुकी है। लेकिन तब की तल्कालीन उद्धव सरकार ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। वहीं, 13 मई को हुई इस घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। महाराष्ट्र सरकार के उपमुख़्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने त्र्यंबकेशवर मंदिर में हुई इस घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। बताया जा रहा है कि एसआईटी 13 मई को हुई घटना की जांच नहीं करेगी बल्कि बीते साल हुई घटना की भी जांच करेगी।

दरअसल इस घटना के बारे में मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना 13 को हुई। बताया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय द्वारा गाजे बाजे के साथ एक यात्रा निकाली गई थी और यह यात्रा मंदिर परिसर के पास आकर रुकी थी। इसके बाद कुछ मुस्लिम युवकों ने मंदिर में जबरन घुसकर चादर और फूल चढ़ाने की कोशिश की। जिसको मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने नाकाम कर दिया। सबसे बड़ी बात यह कि इस दौरान आरोपियों ने इस घटना का वीडियो भी बनाया और उसे वायरल कर दिया। यहां सवाल यह उठ रहा है कि आखिर मुस्लिम युवकों ने खुद वीडियो बनाया और इसे वायरल भी किया। आखिर ऐसा क्यों किये यह सवाल अब तक अनुत्तर है। वहीं, मंदिर प्रशासन ने इस घटना पर सवाल उठाया है।  मंदिर प्रशासन का कहना है कि जो लोग ज्योतिर्लिंग पर चादर चढ़ाना और फूल माला चढ़ाना चाहते उनकी क्या मनसा है।

न वे हिन्दू हैं और ही ज्योतिर्लिंग पर आस्था ही रखने की बात कबूल की है। फिर उन्होंने ऐसा क्यों किया यह बढ़ा सवाल है। इससे पहले भी ऐसी कोशिश की है। इस घटना के खिलाफ आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के कई जिलों में जमकर आगजनी और पत्थरबाजी हो रही है। दो दिन पहले ही अकोला में भी साम्प्रदायिक घटना हुई थी। इस घटना के पीछे की वजह इंस्टाग्राम पर एक विवादित पोस्ट को माना जा रहा है।

इसके अलावा और भी जिलों में आगजनी और पत्थरबाजी हुई है। सभी घटनाओं में पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले किया गया है। अकोला हिंसा की घटना में कई पुलिस गाड़ियों को निशाना बनाया गया। जबकि इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से महाराष्ट्र के जिलों में साम्प्रदायिक घटनाएं हुई हैं वह आश्चर्यजनक हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इन घटनाओं के पीछे कोई राजनीति षड्यंत्र या  कुछ ही मामला है।  पुलिस इसकी जांच करनी चाहिए। तभी इन साजिशों का पर्दाफाश होगा अन्यथा उद्धव सरकार जैसे  इन मामलों को दबा दिया जाए।

बता दें कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर में 13 मई से पहले साल 2022 में भी ऐसी ही घटना हुई थी जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग मंदिर में घुसने की कोशिश की थी। हालांकि उस समय भी सुरक्षाकर्मियों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा की गई इस हरकत को नाकाम करा दिया गया। हालांकि, उस तब की उद्धव सरकार ने कार्रवाई नहीं की थी। वहीं, बीजेपी नेता नितेश राणे ने  इस घटना पर उद्धव ठाकरे पर बड़ा आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि राज्य में जो अभी दंगे हो रहे हैं। उसके मास्टरमाइंड उद्धव ठाकरे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ लोग दंगा भड़काकर सत्ता हासिल करना चाहते हैं। बता दें कि जब उद्धव ठाकरे की सरकार थी, उसी समय मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर से अजान पर बैन लगाने की मांग की गई थी। इसके साथ ही हनुमान चालीसा पढ़ने को भी लेकर विवाद हुआ। सबसे बड़ी बात यह कि 13 मई को हुई घटना पर अभी तक बीजेपी को छोड़कर किसी भी पार्टी का बयान नहीं आया है।

वहीं, मंदिर पुजारियों का कहना है कि मंदिर के उत्तरी द्वार में यह साफ़ साफ लिखा गया है कि इस मंदिर में हिन्दू अनुयायियों के बजाय अन्य किसी एक अंदर जाना मना है। बावजूद इसके मुस्लिम समुदाय एक साजिश के तहत इस मंदिर में घुसने की कोशिश कर रहा है।

गौरतलब है कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर नीलगिरि, ब्रह्मगिरि  और कलागिरी की पहाड़ियों के बीच में स्थित है। मंदिर  तीन लिंग स्थापित हैं। इस मंदिर को औरंगजेब ने तोड़वा दिया था। बाद में पेशवा बालाजी बाजीराव ने इसका दोबारा मरम्मत कराया था। साथ ही यह ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। बहरहाल, अब देखना होगा कि एसआईटी की जांच में क्या सामने आता है ? मुस्लिम समुदाय की क्या मनसा है? आखिर ऐसा मुस्लिम समुदाय ऐसा बार बार क्यों कर रहा है? इसके पीछे दंगा भड़काने की साजिश थी या कुछ और मामला है।

 

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