24 C
Mumbai
Sunday, November 24, 2024
होमब्लॉगअतीक को उम्र कैद झांकी है, फांसी की सजा अभी बाकी है!

अतीक को उम्र कैद झांकी है, फांसी की सजा अभी बाकी है!

Google News Follow

Related

17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में आखिरकार आज प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद को सजा सुनाई। पुलिस रिकॉर्ड में अतीक गैंग पर 101 मुकदमे दर्ज हैं। यह पहला मामला है, जिसमें अतीक दोषी ठहराया गया है। अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है। उमेश पाल हत्याकांड मामले में अतीक के भाई अशरफ समेत 7 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। जिन तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है उनमें अतीक के अलावा खान सौलत और दिनेश पासी हैं। तीनों दोषियों को न्यायालय की एमपी एमएलए विशेष न्यायाधीश डॉक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। विशेष अदालत ने आईपीसी की धारा 364 ए और 120 बी के तहत दोषी करार दिया। तीनों दोषियों को 1 लाख रुपया जुर्माना और 5 हजार रुपया परिवार को हरजाने के तौर पर देना है। वहीं, जिन्हें बरी किया गया है उनमें अशरफ उर्फ खालिद अजीम, फरहान, जावेद उर्फ बज्जू, आबिद, इसरार, आशिक उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर हैं।

बता दें कि सोमवार शाम अतीक को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। वहीं आज जब कोर्ट में अतीक को ले जाया गया, तब परिसर में वकीलों ने फांसी दो फांसी के नारे लगाए। इससे पहले नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया था। इसमें CCTV कैमरे और पर्दे लगे थे। करीब 50 से ज्यादा जवान सुरक्षा दे रहे थे। अतीक अहमद दोपहर 12.30 बजे कोर्ट पहुंचा।

बात दें कि अतीक अहमद का 20 साल से ज्यादा वक्त तक प्रयागराज समेत आसपास के 8 जिलों में वर्चस्व रहा है। अतीक अहमद और उमेश पाल के बीच दुश्मनी 18 साल पुरानी है। शुरुआत 25 जनवरी, 2005 में बसपा विधायक राजू पाल के मर्डर के साथ हुई थी। उमेश, राजू पाल मर्डर केस का चश्मदीद गवाह था। अतीक अहमद ने उमेश को कई बार फोन कर बयान न देने और केस से हटने को कहा था। ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी। उस समय सपा की सरकार थी।

बावजूद इसके जब उमेश पाल नहीं माना तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण किया गया। उसे रात भर मारा गया। बिजली के शॉक दिए गए। अतीक के विरोध में गवाही देने के लिए टार्चर किया गया। 1 मार्च, 2006 को उमेश पाल ने अतीक के पक्ष में गवाही दी। उमेश अपनी और परिवार की जान की रक्षा के लिए सालभर चुप रहा। साल 2007 में विधानसभा चुनाव हुए और सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। मायावती की नेतृत्व वाली बसपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी।

उसके बाद राजू पाल की हत्या के दोषी अतीक के खिलाफ मायावती ने कार्रवाई की। उमेश पाल को लखनऊ बुलवाया और हिम्मत दी। उमेश पाल ने एक साल बाद 5 जुलाई, 2007 में अतीक अहमद उसके भाई अशरफ समेत 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। उमेश पाल ने ठान लिया था अतीक अहमद और अशरफ ने जिस तरह उसको मारा-पीटा और उसके साथ गलत व्यवहार किया था। उसका बदला सजा दिलवाकर लेगा।

हालांकि 2005 राजू हत्याकांड इस घटना के मुख्य गवाह रहे उमेश पाल की 24 फ़रवरी, 2023 को दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी। इस घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारे मौक़े से भागने में कामयाब हो गए थे।

उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने के लिए शूटरों ने वक्त, जगह और तरीका ऐसा चुना ताकि दहशत फैले। जिस तरह से अतीक अहमद के गुर्गों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। उसमें अतीक का तीसरा बेटा असद साफ तौर पर सामने था। असद क्रेटा कार से जैसे ही उतारता है, वह बिना अपना चेहरा छुपाए दौड़ते हुए पिस्टल को लोड कर फायरिंग शुरु करता है। इतना ही नहीं वह उमेश पाल को दौड़ाते हुए गली में घुसकर गोली मारता है। वहीं अतीक अहमद के परिवार के लिए साए की तरह घूमने वाले साबिर ने भी बिना चेहरा छुपाए कार से उतरते ही राइफल से फायरिंग शुरू कर देता है। तीसरा किरदार बमबाज गुड्डू मुस्लिम, जिसने बाइक से उतरते ही थैले में रखे बम दागने शुरू कर दिए। गुड्डू मुस्लिम ने भी अपना चेहरा छिपाने की कोई कोशिश नहीं की।

उमेश गोली लगने से गिरने के बाद भी उठकर घर के भीतर भागे। साथ में उनकी सुरक्षा में लगे दोनों सिपाही भी उन्हें बचाने के लिए घर के अंदर भागे। लेकिन, हमलावरों ने दुस्साहस का परिचय देते हुए घर के अंदर घुसकर स्वचालित हथियारों से लगातार गोलियां बरसाईं। घटना को अंजाम देकर हमलावर बाइक से फरार हो गए। उमेश पाल, सिपाही संदीप और राघवेंद्र वहाँ लहूलुहान पड़े थे। हालांकि तीनों को एसआरएन हॉस्पिटल ले जाया गया था लेकिन यहाँ डाक्टरों ने करीब एक घंटे बाद उमेश पाल को मृत घोषित कर दिया था।

असद, गुड्डू मुस्लिम और साबिर यह तीन नाम ऐसे थे, जिनकी मौजूदगी ही बताने लगी कि उमेश पाल की हत्या के पीछे साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद का हाथ है। इस घटना से अतीक ने साफ संदेश दे दिया है कि उसके दो बेटे अली और उमर भले ही जेल में बंद हों, लेकिन उसका तीसरा बेटा असद अब उसके अपराध की दुनिया का वारिस है। बदमाशों ने इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अजाम दिया था।

सीसीटीवी फ़ुटेज खंगालने के बाद उन्होंने पूर्व सांसद और बाहुबली अतीक़ अहमद के बेटे असद, ‘बमबाज़’ गुड्डू मुस्लिम, ग़ुलाम और अरबाज़ की पहचान की थी। जबकि सदाक़त ख़ान नाम के एक व्यक्ति की बतौर साज़िशकर्ता पहचान की गई थी। सदाक़त खान इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल के कमरा नंबर 36 में अवैध रूप से रह रहा था। दावा था कि इसी कमरे में उमेश पाल की हत्या की साज़िश रची गई थी।

27 फरवरी को यूपी विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया। सदन में सीएम योगी ने अपराधियों के प्रति अपने तेवर व्यक्त करते हुए कहा कि माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे। 27 फरवरी को ही उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस को पहली बड़ी कामयाबी मिली। प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेम सराय में नेहरू पार्क के पास उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अरबाज को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। हालांकि उसका साथी मौके से फरार हो गया। अरबाज वहीं था जो क्रेटा कार चला रहा था, जिस पर सवार होकर शूटर उमेश पाल की हत्या करने के लिए आए थे। वो अतीक अहमद के बेटे असद का ड्राइवर था। अरबाज पर पुलिस कमिश्नर ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था।

इसके बाद प्रयागराज में कौंधियारा के लालपुर इलाके में इस हत्याकांड से जुड़े दूसरे आरोपी शूटर विजय उर्फ उस्मान चौधरी को एनकाउंटर में मार गिराया गया था। यह वही शूटर था जो पास की दुकान पर खड़े होकर सामान खरीदने का नाटक कर रहा था और उमेश पाल के पहुंचते ही उनके ऊपर गोलियों की बौछार करने लगा। उस्मान ने ही उमेश पाल पर सबसे पहले गोली चलाई थी। वह CCTV में नजर आया था। वहीं उस्मान की फायरिंग में एक सिपाही नरेंद्र भी जख्मी हो गया था। जिसे पोलिस द्वारा तुरंत SRN हॉस्पिटल ले जाया गया था । लेकिन वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने उस्मान पर भी 50 हजार का इनाम रखा था। उस्मान अतीक गैंग का शार्प शूटर था। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद, उसकी अशरफ पत्नी शाइस्ता परवीन, उसका भाई अशरफ और उनके बेटे समेत कई लोगों को आरोपी बताया गया था।

आज जब उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद को जब सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इसके उपरांत उमेश पाल की पत्नी जया पाल की प्रतिक्रिया सामने आई है। जया पाल ने अतीक अहमद के लिए फांसी की मांग की। उन्होंने कहा, ‘जब तक अतीक, उसके भाई, बेटे को खत्म नहीं किया जाएगा तब तक यह आतंक चलता रहेगा। मैं न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करती हूं, मैं मुख्यमंत्री जी से चाहूंगी की अतीक अहमद को खत्म किया जाए जिससे उसके आतंक पर भी अंकुश लगे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जज ने जो फैसला किया है उससे हम संतुष्ट हैं। लेकिन ये तो अपहरण का मामला है।’ वहीं उमेश पाल की मां ने कहा कि अपहरण केस में आए फैसले से हम संतुष्ट हैं लेकिन हत्या के मामले में भी आरोपी को सजा सुनाई जाए। उमेश पाल की पत्नी ने कहा कि वो न्यायालय के फैसले को आगे चुनौती देंगी। क्योंकि वो चाहती हैं कि अतीक को फांसी की सजा हो। वहीं अतीक के वकील ने कहा कि MP-MLA कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

हालांकि अतीक को आज केवल एक मामले में दोषी करार दिया गया है। अभी 100 मामले पर फैसला आना बाकी है। भले ही अशरफ को बरी कर दिया गया हो लेकिन उसकी मुश्किलें कम नहीं होनेवाली। दरअसल यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उमेश पाल हत्याकांड से संबंधित कई सबूतों को जमा किया हैं। अब दोषियों की खैर नहीं। असरफ को भी भविष्य में उम्रकैद या फंसी की सजा मिल सकती है। जब उसके अन्य दोषों का पर्दाफाश होगा। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल आतिक अहमद समेत सहयोगी और परिवार पर भी जल्द से जल्द एक्शन लिया जाएगा।

ये भी देखें 

MVA में दरार?, राउत ठाकरे को याद आये सावरकर

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,295फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
195,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें