बांग्लादेशियों के अंकल सैम…

बांग्लादेशियों के अंकल सैम…

Uncle Sam of Bangladeshis...

कांग्रेस देश को खाई में धकेलना चाहती है। हम ये दावा इतने विश्वास के साथ इसीलिए कर सकते है क्योंकि कांग्रेस और उनके नेता समय समय पर, अपने बयानों और कारनामों से वो देश के साथ क्या करना चाहते है इसकी झलक दिखाते रहते है। पिछले 30 सालों से आज तक कांग्रेस देश के लिए कुछ प्रोग्रेसिव, रचनात्मक, शक्तिशाली दृढ़ संकल्प नहीं ला पाई है। लेकीन देश को खाई में धकेलने के इतने काम किए है, की गिनती के लिए भी कैलकुलेटर लेकर बैठना होगा। इस बार तो राहुल गांधी के करीबी नेता ने सीधा बांग्लादेशी घुसपैठियों अपनाने की बात की है।

बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर बांग्लादेशी घुसपैठ द्वारा हमले के बाद लोगों ने घुसपैठ और अप्रवासियों के मुद्दे को गंभीरता से लेना शुरू किया है। अगर नवाब के वारिस पर बांग्लादेशी मुसलमान हमला कर सकता है तो बांग्लादेशी कल को आपके मेरे घर तक भी पहुंच सकता है। इन घुसपैठों को जल्द से जल्द ढूंढकर इनके देश में फेंकना जरुरी है, ऐसा सभी भारतीयों का मानना है। लेकीन कांग्रेस के इंटेलेक्चुअल कहे जाने वाले सैम पित्रोदा ने फिर एक बार अपनी अकल का मुजाहिरा किया, या फिर कहें तमाशा किया।

4 pm नामक youtube चैनल पर बातचीत करते हुए सैम ने कहा, दुनिया को ग्लोबल कंस्टिट्यूशन की जरूरत है। इतना ही नहीं सैम ने कहा की वो, वो यानि कांग्रेस और उनके कार्यकर्ताओं को बांग्लादेशियों पर बात करनी चाहिए। वो बांग्लादेशियों को भी सभी के साथ संमिल्लित करेंगे। उनके साथ संसाधन बाँटेंगे।

सैम पित्रोदा के पास अनोखी बुद्धि, जो सीधे दीवार से टकराने का रास्ता ढूंढती है। दोस्तों सैम ने ग्लोबल कंस्टीटूशन यानी दुनिया का एक संविधान पर बात कर इस बात पर तो मुहर लगा दी की वो जॉर्ज सॉरोस से प्रभावित है। ओपन सोसायटी फाउंडेशन से प्रभावित है, जो नस्लवाद पीड़ित लोग, मजदूर, महिलाएं, किसान, युवा पीढ़ी के जरिए नए दौर की क्रांति लाने के पिछे पड़े है। आसान भाषा में समझाएं तो डीप स्टेट और वामपंथी अजेंडे के गुलाम है। 

पित्रोदा के हिसाब से भारत में घुसकर हमारें संसाधनों को कुतरने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान गरीब है, इस देश में मेहनत करने आए है, इसीलिए उन्हें अपने में मिलाना चाहिए संसाधन बाँटने चाहिए। हम सैम से यही कहेंगे की, बांग्लादेशी मुसलमानों को अपनाना तो दूर हम उन्हें इस देश से भगाना चाहते है।

भारत की जनसंख्या 140 करोड़ से अधिक हो चुकी है, ध्रुव राठी जैसे लोग भारतीयों को, खासकर हिंदुओ को जनसंख्या नियंत्रण के लिए कम बच्चे पैदा करने की सलाह देते रहते है, लेकीन इन्हीं का वामपंथी भाई पित्रोदा भारत में घुसे बांग्लादेशी मुसलमानों का बोझा उठाने की बात कर रहा है। वो हमारी जमीने, नौकरिया, उद्योग, सब में चीजों में हाथ मारने की बात कर रहे है। 

कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने एक बार कहा था देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुसलमानों का होगा। यानी संसाधन पहले मुसलमानों पर खर्च किए जाएंगे, बचे वो हिंदुओ को दिए जाएगें, और अब पित्रोदा कह रहें है संसाधनों में उदारता दिखाओ, इन्हे अवैध रूप से आने वाले इन बांग्लादेशीओ के साथ बांटो, मतलब इस देश का हिंदू मुर्ख है। 

कांग्रेस ने बंटवारा करवाया हिंदू देखते रहे, इमरजेंसी लगाई हिंदू देखते रहे, वक़्फ़ बोर्ड लाया हिंदू देखते रहे, प्लेसेज़ ऑफ़ वर्शिप एक्ट लाया हिंदू देखते रहे, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड लाया हिंदू देखते रहे, कांग्रेस को वोट देते रहे, अब ये कांग्रेस के लोग बटवारे के बाद उन बांग्लादेशी मुसलमानों को वापस बसाने की बात कर रहें है जिनके पूर्वजों ने हमारी प्राणों से प्रिय मातृभूमि का विभाजन किया। उस विभाजन के लिए लाखों हिंदुओ का खून बहाया। 

जिन्ना ने गाँधीजी से कहा था, सुवर और इंसान का खून एक ही रंग का होता है लेकीन इसलीए इंसान उसके साथ कीचड़ में नहीं सोता। अगर ऐसा है तो बांग्लादेशी आज भारत में क्यों रहना चाहते है, आज हमारे हिस्से की रोटी में हिस्सेदार क्यों बनना चाहते हैं? पित्रोदा साहब आज भारतीय सुवरों को अपने देश से भगाने की बात कर रहें है, जो जिन्ना ने आज़ादी से पहले कही थी। मगर पित्रोदा क्यों कीचड़ में लोट-पोट होना चाहते है? क्योंकि इन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की हिंदू के साथ क्या होगा, इन्हें बांग्लादेशियों के अंकल सैम होने में ज्यादा इंटरेस्ट है। 

दोस्तों भारत में ड्रग्स, चरस, गांजा, अफीम, की तस्करी में बांग्लादेशी लोग शामिल है। इतना ही नहीं यह लोग ऑर्गन क्राइम के रैकेट्स चलाते है। कइयों ने जन्म प्रमाणपत्र, रेशनकार्ड निकालकर संसाधनों पर हक़ जमाना शुरू भी कर दिया है। पिछले सप्ताह में महाराष्ट्र से एक बांग्लादेशी महिला को लाड़ली बहना योजना के पैसे लेते भी देखा गया है। 

पित्रोदा और कोंग्रेसी नेता देश का क्रीमी लेयर रहें है, पित्रोदा तो विदेश में ही रहते है, लेकीन जो कांग्रेस के नेता भारत में रहते है वो भी देश का क्रीमी लेयर हैं। उनका लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद, घुसपैठ, तस्करी जैसे अपराधों से आमना-सामना नहीं होता। वहीं कांग्रेस में वॉकिजम का चलन इस हद तक बढ़ गया है की उनके शीर्ष नेता राहुल गांधी को तक जमीनी सच्चाई का एहसास ही नहीं है।  टीशर्ट पहन कर घूमना, इसका हक़, उसका हक, इसका इतना, उसका इतना, संविधान, अडानी अम्बानी यहीं करते दिखते है। इसीलिए कांग्रेस और उनके प्रतिष्ठित नेता देश के समृद्धि के लिए रचनात्मक नहीं सोच सकते बस अपने वॉकिजम और ग्लोबल सोसायटी के अजेंडा के हिसाब से फैसले लेते है। यह फैसले सिर्फ और सिर्फ हमारे देश को बरबाद करेंगे। कांग्रेस का पता नहीं पर बांग्लादेशी मुसलमानों का भारत में रहना हिंदूओं पर अन्याय है, हिंदुओं के हक़ के संसाधनों की लूट है, उन हिंदुओं के साथ छल है, जिन्होंने विभाजन का दर्द सहा।

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