मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि शुक्रवार को प्रदेश के विंध्य क्षेत्र, तराई और पूर्वांचल के कुल 39 जिलों में भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह स्थिति अब सामान्य नहीं रह गई है। राज्य भर में स्कूलों में छुट्टियां घोषित की जा रही हैं और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
बृहस्पतिवार को बहराइच में सबसे अधिक 71 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि राजधानी लखनऊ में 59 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। लखनऊ में दोपहर तक चटक धूप रही लेकिन दोपहर 2 बजे के बाद मौसम ने करवट ली और अचानक तेज बारिश शुरू हो गई, जो देर शाम तक चलती रही।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह का कहना है कि बांग्लादेश और बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने दो वेदर सिस्टम उत्तर प्रदेश में बारिश की मुख्य वजह बन रहे हैं। आने वाले तीन-चार दिन तक प्रदेश के कई हिस्सों में रुक-रुककर बारिश होती रहेगी।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी: मौसम विभाग ने जिन 39 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है, उनमें बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, रायबरेली, सहारनपुर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर और महोबा शामिल हैं।
इन जिलों में प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और संबंधित अधिकारियों को राहत व बचाव कार्य के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। जिलों के डीएम और एसडीएम खुद हालात की निगरानी कर रहे हैं।
लखनऊ में गुरुवार को अधिकतम तापमान 2.3 डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 34.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 0.7 डिग्री की गिरावट के साथ 24.8 डिग्री सेल्सियस रहा। बारिश के चलते जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं जलभराव की वजह से सड़कों पर लंबा ट्रैफिक जाम देखने को मिला।
हजरतगंज, आलमबाग, चारबाग, गोमती नगर और अलीगंज जैसे इलाकों में सड़कें पानी में डूब गईं। कई वाहन बंद हो गए और लोग घंटों तक ट्रैफिक में फंसे रहे। ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों और स्कूल से लौटते बच्चों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
शहरी इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक की परेशानी है, तो गांवों में स्थिति और भी भयावह होती जा रही है। कई गांवों में खेत पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं और धान व सब्जी की फसलें बर्बाद हो रही हैं। किसान चिंता में हैं क्योंकि बारिश का यह दौर थमने का नाम नहीं ले रहा।
बांदा, फतेहपुर और सोनभद्र जैसे जिलों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, कई गांवों में पानी घरों तक पहुंच चुका है। लोग छतों पर शरण लिए हुए हैं और प्रशासन से नाव या राहत सामग्री की गुहार लगा रहे हैं।
सरकार की ओर से राहत कार्यों के लिए NDRF की टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। कुछ संवेदनशील जिलों में टीमें तैनात की जा चुकी हैं। बांदा, मिर्जापुर और प्रयागराज जैसे इलाकों में नावें लगाई गई हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी स्थिति में जनहानि न हो, इसके लिए पूर्व तैयारी रखें। साथ ही बाढ़ राहत केंद्रों को सक्रिय कर दिया गया है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले तीन से चार दिन तक पूर्वांचल, मध्य और दक्षिणी यूपी में रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। लखनऊ में हल्की से मध्यम बारिश होती रहेगी। हालांकि रविवार से बारिश में थोड़ी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।



